–कमलेश भारतीय सुशांत सिंह राजपूत के रहस्यमयी मामले की जांच सीबीआई कर रही है । एक सप्ताह होने को है । लगता था कि रिया एंड कंपनी को मुम्बई पुलिस ने जो फ्री हैंड दिया था , उससे यह मामला आत्महत्या का ही समझ कर भूल भुला दिया जायेगा । पर ऐसा नहीं हुआ । टी वी चैनल आर पब्लिक ने जस्टिस फार सुशांत ऐसी मुहिम चलाई कि चाबी वाला तक खोज निकाले और सीबीआई ने भी ऐसे टूटे तार पकड़े कि अब लगता है कि सचमुच कुछ बहुत बुरा हुआ सुशांत के साथ । रिया जैसी गर्लफ्रेंड से शुरू हुआ यह मामला पहले कंगना रानौत के आने से नेपोटिज्म के रूप में देखा गया । कंगना ने खूब हिम्मत दिखाई । पर फिर यह मामला डिप्रेशन और आर्थिक मंदी से जोड़ा गया । रिया द्वारा काला जादू करने की बात भी काफी चर्चा में रही । सीबीआई को तो हर एंगल से जांच करनी थी । अचानक जांच के दौरान यह मामला दिशा सालयान की हत्या या आत्महत्या से निकलता हुआ ड्रग्स रैकेट तक आ पहुंचा । क्या रिया ड्रग्स लेती थी या सुशांत को डिप्रेशन की बीमारी के इलाज के नाम पर ड्रग्स दी जाने लगी थी ? जो पार्टियां सुशांत के घर होती थीं उनमें गांजा और अन्य मादक पदार्थ परोसे जाते थे । आखिर फिर सुशांत को खत्म करने की बात कैसे आई ? क्यों जरूरत पड़ी उसकी जीवन लीला समाप्त करने की ? क्या वह दिशा सालयान और ड्र्रग्ज रैकेट की पोल खोलने वाला था ? आठ जून को सुशांत और रिया में खूब झगड़ा हुआ और वह घर छोड़ने से पहले कम्प्यूटर व मोबाइल के सारा डाटा खत्म करके गयी । सुशांत की मौजूदगी में और बाकायदा धमका कर । क्यों ? ऐसा क्या था ? जब सीबीआई ने वह डाटा रिवाईव किया तब पता चला ड्रग्स रैकेट का । कौन ड्रग्स के लेनदेन में रिया के साथ था ? भाई शौबिक ? जया साहा ? टेलेंट मैनेजर के नाम पर ड्रग्स की मैनेजमेंट ? या पिठानी और घर का स्टाफ ? सब मिले एक ही साजिश में । कोई भी सुशांत का खाकर उसका सगा नहीं हुआ । सब खाते भी गये और सुशांत लुटाता भी गया लेकिन उसकी जान फिर भी नहीं बची । आखिर कैसी लव स्टोरी थी यह ? एक पूरी तरह लुटने को तैयार और दूसरा दोनों हाथों लूटने को ? कैसी लव स्टोरी या हेट स्टोरी ? अभी हमारे प्रेस के न्यायधीश काट्जू महोदय कह रहे हैं कि अकेले सुशांत पर इतना फोकस क्यों ? सुशांत के बहाने फिल्मी दुनिया के अंधेरे कोने उजागर हो रहे हैं । मुम्बई का ड्रग्स रैकेट सामने आ रहा है और अपराध , ग्लैमर और फिल्मी दुनिया की कड़ियां खुल रही हैं । चैनलों में होड़ है टीआरपी बढ़ाने की । चलिए इसी बहाने एक नहीं दो दो मामलों पर से पर्दा उठने की उम्मीद बंध गयी है ।पर्दा जो उठ गया तो भेद खुल जायेगाअल्लाह मेरी तौबा,,,,, Post navigation शनिवार व रविवार को दुकानें बंद के फैसले का व्यापार मंडल डटकर विरोध करेगा – बजरंग गर्ग सुशांत सीरियल नहीं , न्याय मांगता है