-कमलेश भारतीय माॅल , मंदिर और कोरोना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चर्चा हुई और यह बात मान कर चले कि गणेश चतुर्थी को ज्यादा छूट नहीं मिलने वाली । गणपति बप्पा मौर्या, अगले बरस तू जल्दी आ की पुकार अब मंदिरों में कम और दिलों में ज्यादा लगानी होगी । कोर्ट और सभी जानते हैं कि गणेश चतुर्थी को मंदिरों को ज्यादा छूट दी गयी तो भीड़ को काबू करना मुश्किल हो जायेगा । यही नहीं अब लोग घरों में ही मूर्तियां बनायेंगे और घरों में ही विसर्जित कर देंगे । इसी बीच जैन समाज का पर्यूषण पर्व भी आयेगा । इस पर इसलिए छूट नहीं दी जा सकती क्योंकि फिर यह मुद्दा बन जायेगा कि एक समाज को छूट और शेष समाज की उपेक्षा ? वैसे तो एक और चर्चा चल पड़ी है कि जहां सिटी माॅल खोले जा रहे हैं , वहीं मंदिरों को बंद क्यों रखेंगे रहा है ? भगवान् के मंदिरों को कोरोना से छूट क्यों नहीं ? दलील दी जा रही है कि माॅल न खुलने से आर्थिकता पर असर पड़ रहा है । नौकरियां जा रही हैं और बेरोजगारी बढ़ने का खतरा मंडरा रहा है । न्यायाधीश कह रहे हैं कि भगवान् ने हमें माफ कर दिया और आपका भगवान् भी आपको माफ कर देगा । अभी कोरोना के बढ़ते संकट को देखते हुए पंजाब व हरियाणा में शनिवार अंत रविवार फिर से लाॅकडाउन लगा दिया गया है । दवा , सब्जी और करियाना की आवश्यक सप्लाई जारी रहेगी । इस पर कोई असर नही पड़ेगा । मुश्किल से तीन चार माह के बाद दुकानें खुली थीं । इसलिए अब दुकानदार दुहाई दे रहे हैं कि पुनर्विचार किया जाये । बहुत कठिन है डगर पनघट की । कोरोना के पांव फिर से पसरते जा रहे हैं और हमें आत्मनिर्भर बनने के लिए कहा गया है । आत्मसुरक्षा भी हमारे जिम्मे । पहले पुलिस फोर्स बैठती थी कोरोना पाॅजिटिव के घर के बाहर ।अब सिर्फ कोविड के पोस्टर लगा कर इतिश्री की जाने लगी है । पुलिस फोर्स लगती भी हो तो वे पुलिस कर्मी सीरियस होकर ड्यूटी नहीं देते । इस तरह कैसे रुकेगा कोरोना ? बहुत से अस्पताल का स्टाफ भी धीरे धीरे कोरोना की चपेट में आने लगा है । सिविल अस्पताल की चीफ मेडिकल ऑफिसर , नगर के अनेक अस्पतालों का स्टाफ भी कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं और फिर भी सार्वजनिक स्थानों पर लोग बिना मास्क लगाये बेफिक्र घूमते देखे जा रहे हैं । मानो गीत गुनगुना रहे हों : मैं कोरोना का फिक्र उड़ाता चला गयाहर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गया,,, फिक्र करो नादान, कोरोना फैलता जा रहा है । आप इसका मज़ाक न उड़ाओ नहीं तो यह आपकी जान ले लेगा ,,, Post navigation लघुकथा : स्त्री देश के विकास इंजन को पुनर्जीवित करने के लिए नए अवसर पैदा करने होंगे।