भिवानी/मुकेश वत्स

 मात्र 22 वर्ष की उम्र में देश के लिए शहीद होने वाले वीर शहीद मदन लाल ढ़ींगड़ा के शहीदी दिवस पर भिवानी में युवा कल्याण संगठन ने उन्हे याद किया गया तथा उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

युवा कल्याण संगठन के संरक्षक कमल सिंह प्रधान ने कहा कि मदनलाल ढ़ींगड़ा का जन्म 18 सितंबर 1883 को अमृतसर के एक व्यवसायिक घराने में हुआ था। जिसके बाद 1906 में वे पढऩे के लिए लंदन चले गए। वहां भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाने वाले छात्रों का संगठन इंडिया हाऊस में वे शामिल हो गए। इंडिया हाऊस की जासूसी करने वाले कर्नल विलियल वाईली को उन्होंने एक जुलाई 1909 को गोली मारकर हत्या कर दी। ब्रिटेन में यह पहली राजनीतिक हत्या थी। जिसके बाद उन्हे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया। 17 अगस्त 1909 को मात्र 22 वर्ष की उम्र में फांसी की सजा दे दी गई।

उन्होंने कहा कि शहीद मदनलाल ढ़ींगड़ा मात्र 22 वर्ष की उम्र में देश के लिए अपनी शहादत दे गए। युवाओं को चाहिए कि वे देश के शहीदों के इतिहास को पढ़े तथा उनकी विचारधारा को अपनाएं कि किस प्रकार देश की आजादी के लिए युवाओं ने संघर्ष किया, जिसकी बदौलत हम आजाद हो पाएं। उन्होंने कहा कि आज मदन लाल ढ़ींगड़ा के बलिदान को सब याद कर रहे है और हमेशा करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि सभी को उन्ही के दिखाये गये रास्ते पर चलना चाहिए और देश की गरीबी को दूर करने तथा देश की तरक्की में अपना सहयोग देना चाहिए।

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