अभी उम्मीदवार हैं चार धर्मपाल वर्मा नई दिल्ली l बरोदा में बेशक पहली बार उपचुनाव हो रहा है लेकिन इस चुनाव को लेकर पूरे राज्य में लोगों में एक विशेष तरह की जिज्ञासा देखने को मिल रही है l ऐसा लगता है कि भाजपा और कांग्रेस में कांटे का मुकाबला तो होगा ही मतदाता भी उम्मीदवार अपनी पसंद का चाह रहे हैं lउपचुनाव में सरकार मतलब सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार पर सबकी नजर इसलिए रहती है कि अंत में उसे सत्ता में होने का लाभ मिल जाता है l बरोदा भाजपा के लिए आसान सीट नहीं है परंतु यहां जीत को लेकर भारतीय जनता पार्टी जबरदस्त तरीके से पॉलिटिकल एक्सरसाइज करने में लगी हुई है l सबसे पहले हम भारतीय जनता पार्टी की और उसके उम्मीदवारों की बात करते हैं lहम बार-बार कहते आ रहे हैं कि गठबंधन सरकार में दोनों दलों के नेता एक संयुक्त बयान यह देते आ रहे हैं कि हम चुनाव एकजुट होकर लड़ेंगे l मतलब दोनों दलों का एक ही उम्मीदवार होगा lइस मामले में दोनों दलों के पास चार उम्मीदवार प्रमुख तौर पर चर्चा में है l यह चारों चुनाव भी लड़ चुके हैं lइनमें जाट भी है और गैर जाट भी l गैर जाट के रूप में सबसे पहला नाम अंतरराष्ट्रीय पहलवान पिछले आम चुनाव में बीजेपी के बरोदा के उम्मीदवार योगेश्वर दत्त का आता है l उम्मीदवारी तो पुराने नेता उमेश शर्मा जता रहे परंतु योगेश्वर का पलड़ा भारी नजर आता है l भाजपा के प्रमुख Jaat उम्मीदवार डॉक्टर कपूर सिंह नरवाल है lजो लगातार दो चुनाव लड़ चुके चुके हैं l सहयोगी दल जेजेपी के टिकट के दावेदार दोनों उम्मीदवार जाट हैं l यह है भूपेंद्र मलिक और डॉक्टर केसी बांगड़ l भारतीय जनता पार्टी का एक खेमा यह मानकर चल रहा है कि पिछले विधानसभा चुनाव में बरोदा सीट के परिणामों से सबक लेते हुए पार्टी को अपना उम्मीदवार ही मैदान में उतारना चाहिए और वह जाट होना चाहिए l उनका तर्क है कि जाट बाहुल्य हलकों में भी जाट को टिकट नहीं दी जाएगी तो फिर उसी तरह हार का मुंह देखना पड़ेगा जैसे पिछले चुनाव में दो मजबूत जाटों के उम्मीदवारों द्वारा अच्छे मत ले जाने के बाद भी भाजपा का गैर जाट उम्मीदवार पहलवान योगेश्वर दत्त सेलिब्रिटी होते हुए भी चुनाव नहीं जीत पाए l हरियाणा भाजपा की बात करें तो ज्यादातर नेता इस बार जाट को चुनाव लड़ाने के पक्ष में नजर आ रहे हैं परंतु दत्त समर्थक दो चीजों को अपनी ताकत मानकर चल रहे हैं l एक यह कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल योगेश्वर दत्त के पक्षधर हैं और दूसरा यह कि दिल्ली में फैसला हुआ तो बड़े नेता यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक उनके नाम की सिफारिश कर सकते हैं lभाजपा के प्रमुख जाट दावेदार डॉक्टर कपूर सिंह नरवाल के पक्ष में प्रदेश के नेताओं की राय बन रही है परंतु टिकट के अन्य उम्मीदवार उनके विरोध में कुछ ज्यादा ही मुखर नजर आते हैं तो सरकार भी डर जाती है और उसके नेता damage control पर विचार करने की मुद्रा में नजर आते हैंl फिर भी पार्टी में उनके पक्ष में कई चीजें है l यहां हम एक बात विशेष तौर पर बताना चाहते हैं कि डैमेज कंट्रोल के मसले पर पार्टी इस विचार की है कि चुनाव में एक एम एल बने और उससे पहले 2 या 3 प्रभावशाली और टिकट की उम्मीदवार एमएलए जैसे बना दिए जाएं मतलब सरकार में एडजस्ट कर दिया जाए l अब कौन बनेगा एमएलए और कौन बनेगा एमएलए जैसा यह सवाल अभी जवाब चाह रहा है lआज के दिन भाजपा और जेजेपी के लोग सबसे ज्यादा मजबूत उम्मीदवार के रूप में भूपेंद्र मलिक को ही मान कर चल रहे हैं परंतु एक बात साफ है कि उन्हें टिकट भाजपा नहीं देगी बल्कि दुष्यंत दिग्विजय भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं से मिलकर दिलवाने का काम करेंगे l जाहिर है यह काम तब हो पाएगा जब भारतीय जनता पार्टी अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी l भूपेंद्र मलिक भी भाजपा के नेताओं से टिकट के लिए लॉबिंग करते नजर नहीं आ रहे वह अपने नेताओं के पीछे की खड़े होकर यह जताने की कोशिश में है कि जो करना है मेरे नेताओं को करना है l हल्के में जाटों के सबसे बड़े गोत्र मलिक गठवाला से संबंध होना भूपेंद्र मलिक के बहुत काम आ सकता है l इस मामले में बीजेपी के दूसरे उम्मीदवार डॉक्टर केसी बांगड़ भूपेंद्र सिंह मलिक से बहुत पीछे हैं और इसी कारण जेजे पी के नेताओं के लिए भूपेंद्र मलिक ज्यादा महत्वपूर्ण हो गए है l इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि डॉक्टर बांगड़ की दोनों जगह लॉबिंग की खबरें नेताओं तक पहुंच रही है l भारतीय जनता पार्टी के प्रभारी जेपी दलाल बरोदा में पार्टी के प्रतिनिधि होने के कारण बहुत महत्वपूर्ण हो गए है l टिकट के मामले में उनकी संस्तुति बहुत महत्वपूर्ण रहेगी l चुनाव और चुनाव से पहले क्या करना है इस नीति निर्धारण में श्री दलाल का हस्तक्षेप बहुत अधिक रहेगा और वह भी वही रिपोर्ट देंगे जिससे पार्टी की जीत सुनिश्चित होती नजर आएगी l श्री दलाल के मैदान में आने के बाद सांसद और प्रभारी संजय भाटिया का महत्व कम होना स्वाभाविक है l बरोदा में शुद्ध देहाती मतदाता है और वे खुद को जेपी दलाल और ओमप्रकाश धनखड़ के ज्यादा करीब महसूस करते हैं lनिश्चित तौर पर इन दोनों के जनता के बीच में आने के बाद बरोदा हलके में भारतीय जनता पार्टी को निश्चित तौर पर लाभ होगा l बरोदा विधानसभा के उपचुनाव में कुछ ऐसी परिस्थितियां देखने को मिल सकती है जिन्हें अप्रत्याशित कहा जाएl यहां वह स्थिति नहीं है जो कभी जींद उपचुनाव में थी lवहां तो पार्टी ने विधायक हरिचंद मिड्ढा के निधन के बाद ही यह फैसला कर लिया था कि कृष्ण मिधा को भाजपा में लाया जाएगा और उन्हें ही टिकट दी जाएगीl बड़ौदा में अभी बहुत कुछ होना बाकी है l कुछ नए नामों पर भी विचार हो सकता है l इनमें भारतीय जनता पार्टी के जाट प्रतिनिधि उम्मीदवार रणधीर सिंह लटवाल हलके के बड़े ब्लॉक मुंडलाना 12 से संबंध रखते हैं l जिला परिषद के सदस्य रहे हैं lबड़े गांव के हैं मुंडलाना मंडल भाजपा का बड़ा मंडल है lतीन प्रमुख उम्मीदवारों की लड़ाई में चौथे का फायदा हो सकता है वाला फार्मूला यदि किसी जाट के काम आया तो उम्मीदवार रणधीर लटवाल हो सकते हैं उधर एसीपी राजवीर मलिक बड़े उत्साह के साथ जनसंपर्क में लगे हुए हैं lउनकी बॉडी लैंग्वेज और ही कहानी कह रही है lउन्हें भी भाजपा के कुछ कई ऐसे नेता अंदर खाने सपोर्ट कर सकते हैं जो मौजूदा उम्मीदवारों को उपयुक्त और जिताऊ मानकर सही चल रहे l हम अपनी बात करें तो तो हमारा एक दावा सच साबित हुआ है lहमने कहा था की सरकार बरोदा हलके में तीन government College बनाने की घोषणा कर सकती है l सरकार ने दो कॉलेज बनाने की घोषणा तो पहले ही कर दी है जहां तक तीसरे का सवाल है, सरकार का फोकस जनता विद्या भवन बुटाना पर है lवहां सरकार अच्छा बजट और नए पाठ्यक्रम देने के मूड में है lसरकार इसे अपने अधिकार में लेने को भी तैयार है लेकिन इसके लिए एक पक्ष सहमत नहीं है l सरकार इस विवाद में नहीं पड़ने वालीl उसके हाथ में बजट की व्यवस्था करना है lयह लगभग तय है कि सरकार इससे प्रसिद्ध शिक्षण संस्थान को बहुत अच्छी आर्थिक मदद देने वाली है lहमने दूसरा दावा किया था चुनाव से पहले सरकार दो या तीन प्रभावशाली लोगों को सरकार में लाभ के पद दे सकती है lबता दें कि इसकी तैयारी चल रही है l टिकट चाहने वाले एक दो व्यक्ति को सरकार जल्दी ही लाभ के पद देने पर विचार कर रही हैl यह काम भी जल्दी होने वाला है l तीसरा यह कि भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के नाम पर अंतिम फैसला हाईकमान करेगी lसमय आने पर हम भी और आप भी देख पाएंगे कि हमारा दावा कितना सही था l जहां तक कांग्रेस का सवाल है यहां 2 नामों पर विशेष तौर पर विचार होने वाला है l इन दोनों को दीपेंद्र हुड्डा ने रोहतक बुलाकर चर्चा कर ली है l कांग्रेस इस मामले में बड़ी रणनीति तय करके चली है lइसी रणनीति के कारण पार्टी में सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा को चुनाव प्रचार का सूत्रधार बनाकर आगे कर दिया है l कांग्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा हल्के में साइक्लोजिकल ट्रीटमेंट देने में भी पीछे नहीं रहेंगे l वे यहां के लोगों की तासीर को अच्छे से जानते हैं l बस अभी चुनाव में 2 महीने से ज्यादा का समय पड़ा है संभव है चुनाव आयोग बिहार के विधानसभा चुनाव के समय ही बरोदा में चुनाव का फैसला करें Post navigation पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने का संकल्प लें : औम प्रकाश धनखड़ जिन शहरों को कैटल फ्री शहर का तमगा दिया गया, उन शहरो में तो आवारा पशु सुबह-सुबह नागरिक पार्को की सैर करते है : विद्रोही