4000 एमआईटीसी कर्मचारियों को मिलेगा पुरानी पेंशन का लाभ
पुरानी पेंशन नीति का लाभ नही मिलता संघर्ष जारी रहेगा: विजेंद्र धारीवाल

रमेश गोयत  

चंडीगढ़। विजेंद्र धारीवाल के नेतृत्व में हरियाणा के कर्मचारी पेंशन बहाली संघर्ष समिति के बैनर तले लगातार पुरानी पेंशन नीति की बहाली के लिए संघर्ष कर रहे हैं जिनके प्रयासों से लगभग 4000 पूर्व एमआईटीसी कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन का लाभ प्राप्त हुआ है। पेंशन बहाली संघर्ष समिति लगातार 3 सालों से प्रदेश के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन नीति की बहाली की मांग को पुरजोर तरीके से उठा रही है जिसके तहत हरियाणा सरकार के वित्त विभाग द्वारा ओम प्रकाश चौटाला सरकार के दौरान एमआइटीसी विभाग को खत्म कर निकाले गए कर्मचारियों को, जिन्हें 2005 के बाद उस समय की हुड्डा सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में समायोजित किया गया था लेकिन उन सभी समायोजित कर्मचारियों को पुरानी पेंशन नीति के लाभ से वंचित कर दिया गया था, जिसे पेंशन बहाली संघर्ष समिति के प्रयासों द्वारा उन सभी समायोजित कर्मचारियों को निश्चित पुरानी पेंशन नीति का लाभ वित्त विभाग के द्वारा 7 अगस्त 2020 को जारी लेटर के अनुसार दे दिया गया है जिसमें ग्रुप डी के कर्मचारियों के लिए 6000 रुपए,  ग्रुप सी के कर्मचारियों के लिए 12000, ग्रुप बी के कर्मचारियों के लिए 16000 और ग्रुप ए के कर्मचारियों के लिए 20000 रुपए पेंशन का प्रावधान किया गया है।

पेंशन बहाली संघर्ष समिति समय-समय पर एमआईटीसी से अन्य विभागों में समायोजित हुए कर्मचारियों के लिए सरकार से  पुरानी पेंशन नीति के तहत एक निश्चित पेंशन की मांग करती रही है जिसमें एमआईटीसी से शिक्षा विभाग में क्लर्क के पद पर समायोजित टोहाना खंड के गांव मादुवाला से दलबीर सिंह को सेवानिवृत्ति पर नई पेंशन स्कीम के तहत 1118 रुपए पेंशन मिल रही थी जोकि प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही बुढ़ापा पेंशन से आधी थी। ऐसे सैकड़ों कर्मचारियों का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए पेंशन बहाली संघर्ष समिति  बार बार सरकार के समक्ष इनकी मांग जोरदार तरीके से उठाती रही है।

संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल ने कहा कि पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा दलबीर सिंह जी जैसे हजारों कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन का लाभ देने पर हरियाणा सरकार का धन्यवाद करती है और हरियाणा सरकार से मांग करती है कि जल्द से जल्द हरियाणा प्रदेश के 2006 के बाद नियुक्त सभी विभागों के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन नीति की बहाली का लाभ दिया जाए। जब तक प्रदेश के आखिरी कर्मचारी को पुरानी पेंशन नीति का लाभ नही मिलता संघर्ष जारी रहेगा।

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