चंडीगढ़,6 अगस्त। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आईसीडीएस सुपरवाइजरों के आनलाइन ट्रांसफर में सैकड़ों की संख्या में महिलाओं के दूरदराज तबादले करने से भारी आक्रोश फैल गया है।

बुधवार देर शाम जारी ट्रांसफर आदेशों में कोरोना महामारी में बच्चों के दाखिले करवा चुकी करीब सैकड़ों महिला सुपरवाइजरों को उनके घरों से 150 से 350 किलोमीटर दूर तबादले किए हैं। इसमें अविवाहित व नवंबर महीने में रिटायर होने वाली सुपरवाइजरों तक को नही बख्शा गया है। आनलाइन ट्रांसफर नीति में शामिल होने से बचाने के लिए सरकार के नजदीक करीब 55 सुपरवाइजरों ने सीएम की स्वीकृति से पहले ही अपने मनपसंद जगहों पर ट्रांसफर करवा लिए थे। जिसके कारण अब उन्हें आनलाइन ट्रांसफर नीति में शामिल नही किया गया है।

 जिसकी कोई सिफारिश नहीं थी, उन्ही सुपरवाइजरों  को ट्रांसफर डिवाइस में शामिल कर दूर दराज ट्रांसफर किया गया है। महिला सुपरवाइजरों के यह तबादले उस समय पर किए गए हैं ,जब  रा’य परिवहन की बसों  व मैट्रो रेल की सुविधा तक नहीं है। कोरोना महामारी में फरीदाबाद,गुरुग्राम, पलवल व मेवात जैसे स्थान जहां कोरोना का कहर है, वहां एक दम किराए पर मकान मिलना भी मुश्किल है। महिलाओं के लिए अकेले रहना सुरक्षित भी नहीं है। बेटी बचाओ अभियान को तेजी से लागू करने वाली वाली व हरियाणा में लिंग अनुपात बढ़ाने वाली सुपरवाइजर्स को सरकार द्वारा अच्छा तोहफा दिया गया है।

सरकार के इस कृत्य से सरकार का महिलाओं के प्रति संवेदनहीनता का भी पता चलता है। जिसके कारण सुपरवाइजरों में भारी आक्रोश फैल गया है और वह अपने आपको ठगा सा महसूस कर रही है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने आनलाइन ट्रांसफर करने को उपलब्धि के तौर पर प्रचारित करने के लिए सैकड़ों महिला कर्मचारियों को दूर दराज ट्रांसफर करने की घोर निन्दा की। उन्होंने इन तबादलों को रद्द करने और स्वेच्छा से चाहने वाले और शिकायत मिलने पर उसकी जांच उपरांत ही ट्रांसफर करने की मांग दोहराई।

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