उच्च न्यायालय में पहुंचेगा अब भिवानी शहर में बरसाती जलभराव का मुद्दा

-स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने जारी किया व्हाट्सअप नंबर. -अगर आपके आसपास है बरसाती जलभराव तो व्हाट्सअप नंबर 9728270038 पर भेजे विडियो

भिवानी, 22 जुलाई। बाढ़ नियंत्रण प्रबंधों और संबंधित विभागों द्वारा हर साल मोटा बजट खर्च कर सभी विभागों की संयुक्त टीमें बनाए जाने के बावजूद भी शहरवासियों को बरसाती जलभराव से निजात नहीं मिल रही है। शहर की अनेक ऐसी कॉलोनियां हैं, जहां पर बरसाती जलभराव का दंश हर साल शहरवासी झेलते हैं।

इसी गंभीर मुददे को लेकर अब स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में संगठन की तरफ से जनहित याचिका डालेंगे। बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि उनका संगठन शहर में बरसाती जलभराव को लेकर जनहित याचिका डालेगा। इसके लिए शहरवासी अपने आसपास हुए जलभराव की विडियो बनाकर व्हाट्सअप नंबर 9728270038 पर भेजे। विडियो बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि जहां पर बरसाती जलभराव हुआ है, उस जगह का जिक्र उस विडियो में जरूर किया जाए।

उन्होंने बताया कि हर साल बाढ़ नियंत्रण प्रबंधों के साथ साथ शहर से बरसाती जलभराव को निजात दिलाने के लिए संबंधित विभागों द्वारा भी बजट खर्च किया जाता है, लेकिन इसके बावजूद जलभराव की समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि पब्लिक हेल्थ विभाग भी लोगों की सेहत बिगाडऩे में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है, क्योंकि अधिकांश इलाके में बरसाती जलभराव ठप सीवर की वजह होता है। हैरानी की बात तो यह भी है कि हर साल बारिश सिर पर आने के बाद ही संबंधित विभाग शहर के बरसाती नालों और सीवरेज की सफाई का ठेका देते हैं, इस संबंध में भी आरटीआई के जरिए तथ्य जुटाए जा रहे हैं। जबकि सीवरेज व बरसाती नालों की सफाई कार्य बारिश से करीब एक महीनें पहले तक पूरा होना जरूरी है।

शहर को डूबने से बचाने वाला खुद प्रशासनिक भवन पानी में डूबा पूरे शहर को बरसाती जलभराव से बचाने का जिम्मा जिन प्रशासनिक अधिकारियों पर हैं और वे जहां पर बैठकर कामकाज करते हैं वो पूरा इलाका भी बारिश के पानी में डूबा हुआ है। लघु सचिवालय के न्यायिक परिसर गेट नंबर एक पर बरसाती जलभराव की वजह से रास्ता बंद हैं। जबकि तहसील कार्यालय व एसडीएम कार्यालय की तरफ लघु सचिवालय की चारदीवारी के अंदर और बाहर भी बारिश का पानी सड़क पर परिसर में जमा है। यहां पर बरसाती पानी निकासी के प्रबंध कई
बार किए गए, मगर जलभराव से कोई निजात नहीं मिली। ऐसा ही हाल पूरे शहर का हैं, जहां पर बजट तो खर्च हुआ हैं, मगर हालातों में तनिक भी सुधार नहीं हुआ।

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