निर्माणाधीन शोरूम का नक्शा लगाकर फर्जी तरीके से ली योजना, एक साल से कर रहा डॉ दंपति स्कीम में मरीजों का इलाज
-बिना अस्पताल बनें ही 10 डॉक्टर भी पैनल पर दर्शाए,  सरकार से धोखाधड़ी व सरकारी धन हड़पने की स्वास्थ्य शिक्षा शिक्षा सहयोग संगठन ने दी केंद्रीय हेल्थ मंत्रालय को शिकायत. -स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने मांगी थी आरटीआई, जवाब में दिए दस्तावेजों से हुआ खुलासा

भिवानी, 14 जुलाई। शामलात भूमि पर अवैध कब्जा कर अवैध भवन निर्माण मामले में दिनोद गेट स्थित अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम के अंचल दंपति अब आयुषमान भारत (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) के फर्जीवाड़े में भी फंस गया है।

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने नगर परिषद के दमकल कार्यालय से आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी। जिसके जवाब में अंचल दंपति के आयुषमान भारत योजना में गलत तरीके से योजना का लाभ लेने का खुलासा हुआ। हैरानी की बात है कि निर्माणाधीन शोरूम का नक्शा लगाकर डॉ विनोद अंचल व डॉ अनीता अंचल ने दमकल विभाग से एनओसी ली और फिर इसी शोरूम की एनओसी से फर्जी तरीके से केंद्र सरकार की गरीब लोगों के
मुफ्त इलाज के लिए महत्वाकांक्षी योजना का भी लाभ उठाया। पिछले एक साल से अंचल दंपति बिना अस्पताल भवन के ही 10 निजी निजी चिकित्सकों को पैनल पर दर्शाकर योजना में धोखाधड़ी से इलाज करता रहा और सरकारी धन को भी हड़प किया। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का फर्जी तरीके से हासिल कर सरकारी धन हड़पने के मामले की शिकायत स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने केंद्रीय हेल्थ मंत्रालय व आयुष
भारत निदेशालय को दी है। बृजपाल सिंह परमार ने इसकी एक शिकायत भिवानी सिविल सर्जन कार्यालय को भी दी है।

बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि 20 जून को फायर विभाग से आरटीआई मांगी थी। इसका जवाब 07 जुलाई को जवाब आया। जिसमें डॉ विनोद अंचल और डॉ अनीता अंचल के नाम से एक शोरूम का नक्शा दर्शाया हुआ था। सबसे बड़ी बात तो यह थी कि एक ही दिन में फायर विभाग ने फायर फाइटिंग व एनओसी भी जारी कर दी। जबकि ये एनओसी अस्पताल की नहीं, बल्कि एक शोरूम की थी। ई श्रेणी की इस शोरूम की एनओसी से ही डॉ अंचल ने अगस्त 2019 में आयुष भारत योजना की फर्जी तरीके से स्कीम ले ली, जबकि अस्पताल की एनओसी सी श्रेणी में आती है। इस फर्जीवाड़े में स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की भी मिलीभगत सामने आई है। क्योंकि डिप्टी सीएमओ व आयुष विभाग व आयुषमान योजना के नोडल अधिकारियों ने अस्पताल का निरीक्षण की रिपोर्ट भी विभाग को दी है, जबकि जहां पर ये शोरूम निर्माणाधीन हैं, वहां पर एक साल पहले कोई अस्पताल ही नहीं था, अभी भी ये कमर्शियल साइट निर्माणाधीन है। जो शामताल भूमि विवाद में जिला उपायुक्त के निर्देश पर एसडीएम व नगर परिषद अधिकारियों द्वारा
जांच विचाराधीन चल रही है। बृजपाल परमार ने बताया कि इस योजना में फर्जीवाड़ा करने के लिए भी केंद्र सरकार द्वारा एंटी फ्रोड गाइडलाइन जारी की गई हैं, इन्हीं के अनुसार डॉ दंपति पर सरकार से धोखाधड़ी करने व सरकारी धन हड़पने के तहत कानूनी एवं विभागीय कार्रवाई के लिए शिकायत दी है।

आयुष मान भारत एनओसी पर्सनल नाम से ली, अस्पताल के नाम से योजना ली बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि आरटीआई के जवाब में यह भी सामने आया है कि डॉ विनोद अंचल ने फायर विभाग में एनओसी के लिए आवेदन डॉ विनोद अंचल व डॉ अनीता अंचल के नाम से लगाई थी। एनओसी भी शोरूम की उसी नाम से मिली, लेकिन आयुषमान भारत योजना अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम से ली गई है। इसमें डॉ अनीता को पैनल पर नहीं दर्शाया हुआ हैं, लेकिन फिर भी इस योजना में वह धड़ल्ले से मरीजों का इलाज कर रही है।

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