सब्जी मंडी में नहीं हो रहा है सोशल डिस्टेंस का पालन.
बिना मास्क के खरीद-फरोख्त वालों की लगती है भीड़

फतह सिंह उजाला

पटौदी । अब जब यह बात शीशे की तरह साफ हो चुकी है कि पटौदी ब्लॉक कोविड-19 के मामले में तेजी से बिना चेन टूटे हॉट सपाट बनता जा रहा है । तो ऐसे में लाख टके का सवाल यही है कि तावडू रोड पर आबाद की गई सब्जी मंडी आखिरकार कितनी सेफ है ? पटौदी सब्जीमंडी में सब्जी आढ़तियों सहित यहां खरीद-फरोख्त करने के लिए आने वालों के द्वारा कोविड-19 से बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करने में खूब कोताही सहित लापरवाही बढ़ती जा रही है । ऐसे में सवाल यही है कि जब पटौदी ब्लॉक में लगातार कोविड-19 पॉजिटिव के केस बढ़ते जा रहे हैं तो पटौदी सब्जीमंडी आखिर कितनी और किस दृष्टिकोण से सेफ सपाट कही जा सकती है ।

सूत्रों के मुताबिक जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में पटौदी रामलीला मैदान से पटौदी सब्जी मंडी को शिफ्ट करने के लिए कसरत आरंभ कर दी गई थी । कथित रूप से सब्जी मंडी को जटौली अनाज मंडी में फिर से लगाए जाने की पूरी तैयारी कर ली गई थी । यहां पर आढ़तियां की सुविधा के लिए टेंट इत्यादि के साथ ही बिजली पानी की भी व्यवस्था कर दी गई थी । लेकिन इसी बीच ना जाने ऐसा क्या हुआ कि अचानक मार्केटिंग बोर्ड और पटौदी प्रशासन के द्वारा तावडू रोड पर पुराने स्थान पर ही सब्जी मंडी लगाने के लिए ट्रायल के तौर पर 3 दिन का समय दे दिया गया । लेकिन इस ट्रायल  के 3 दिन के दौरान भी कोविड-19 से बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन नहीं होता देख, बात बिगड़ी तो संभालते हुए फिर से और 2 दिन ट्रायल का मौका दे दिया गया । साथ ही सख्त हिदायत दी गई कि सरकार द्वारा कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए जारी दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए।  मास्क पहना जाए साथ ही सोशल डिस्टेंस का हर हालत में पालन होना चाहिए ।

लेकिन अंतिम 2 दिन के ट्रायल के दौरान भी यह ट्रायल तार-तार हो गया । इस बीच स्थानीय प्रशासन के द्वारा कथित रूप से मौखिक तौर पर हल्की सी चेतावनी सब्जी आढ़तियां,  खरीद-फरोख्त करने वालों को दे दी गई थी।  सब्जी मंडी यहीं पर ही लगानी है तो सभी को सोशल डिस्टेंस का पालन करना ही होगा । यह चेतावनी किसी के चित पर नहीं चढ़ सकी और सब्जी मंडी में न तो सोशल डिस्टेंस का पालन होता दिखाई दिया और न ही कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए यहां सब्जी खरीद फरोख्त करने के लिए आने वालो के चेहरे पर मास्क अथवा फेस कवर ही दिखाई दिए । अब सवाल फिर वही घूम फिर के आ जाता है कि करीब 1970 से पटौदी शहर में ही तावडू रोड पर लगाई जा रही सब्जी मंडी और फल फ्रूट की मंडी आखिर कितनी सेफ है ।

क्योंकि यह मंडी पूरी तरह से खुली हुई मंडी है और बहुत ही कम दायरे में मंडी का परिसर अथवा स्थान है । जहां पर सब्जी खरीद-फरोख्त करने वालों की भीड़ एक प्रकार से बेकाबू ही रहती है । रामलीला मैदान में सब्जी मंडी लगाए जाने के दौरान केवल अभी तक एक बार ही सब्जी मंडी की बात की जाए तो  आढ़तियों सहित खरीद-फरोख्त करने के लिए आने वालों की थर्मल स्कैनिंग के साथ कुछ सैंपल भी जांच के लिए लिए गए थे । लेकिन इस काम को भी करीब करीब 2 माह बीत चुके हैं । थर्मल स्कैनिंग सहित सैंपल लेने की कोई जरूरत महसूस नहीं की गई । हुआ यह कि कथित रूप से योजनाबद्ध तरीके से जाटौली अनाज मंडी परिसर जो कि कथित रूप से प्रशासन के द्वारा सब्जी मंडी लगाने के लिए तय कर दिया गया था, उस स्थान को नजरअंदाज करते हुए तावडू रोड पर ही खुले दिल से स्वीकृति प्रदान कर दी गई । अब यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि जिस प्रकार से पटौदी ब्लॉक में प्रतिदिन कोविड-19 पॉजिटिव के मामले सामने आ रहे हैं कहीं पटौदी सब्जी मंडी भी कोरोना मंडी में ना बदल जाए।

सूत्रों के मुताबिक तावडू रोड पर पटौदी सब्जी मंडी लगाए जाने को लेकर सब्जी खरीद-फरोख्त का काम करने वालों में भी एक राय नहीं है। यहां कथित रूप से दो धड़े बने हुए हैं, एक धड़ा इसी स्थान पर सब्जी मंडी को लगाने के हक में हैं वहीं दूसरा धड़ा सहमत दिखाई नहीं दे रहा है । मिले संकेतों के मुताबिक जो हालात पटौदी ब्लॉक में कोविड-19 के सामने आ रहे, उन्हें देखते हुए पटौदी शहर में लगाई जा रही सब्जी मंडी का स्थान बदलने के लिए उच्चाधिकारियों सहित राज्य सरकार के पास भी मामला पहुंचने के संकेत मिले हैं ।

error: Content is protected !!