गोयल ने कहा  एक ओर देश टेंशन में है और दूसरी ओर जिन नेताओं ने सरकार में रहकर देश को लूटा उन्हें पेंशन पर पेंशन दी जा रही यह कहां का न्याय

गुड़गांव 4 जुलाई. नव जन चेतना मंच के संयोजक वशिष्ट कुमार गोयल ने केंद्र सरकार से  मांग की है कि कोरोना महामारी और बॉर्डर पर चीन और पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बाद देश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए  तत्काल प्रभाव से पूर्व विधायकों और सांसदों की पेंशन  पूर्ण रूप से बंद कर दी जाए  उन्होंने कहा कि राजनीति में नेता जब किसी पद से हटता है तो उसको पेंशन दी जाती है। अगर कोई नेता विधायक और सांसद दोनों सीटों पर चुनाव लड़ चुका है, तो उसे पूरी जिंदगी दोनों जगह से पेंशन मिलती है। जितनी बार भी वह विधायक या सांसद बनता है। उतनी बार ही उसकी पेंशन उसमे एड होती चली जाती हैं। सरकार के पास इस चीज की कोई जवाबदेही नहीं है, कि कब पेंशन बढ़ानी है और कब नहीं।

सारी शक्तियां इन्हीं राजनीतिक दलों के पास होने के कारण इसका फायदा ये बखूबी उठाते हैं। भले ही देश में किसी भी प्रकार का संकट हो ये लोग कभी भी अपनी पेंशन में कटौती नहीं करते। इन विषयों पर सभी राजनीतिक दल एकमत हो जाते हैं। 1947 के बाद जो हमारे लोकतंत्र के मूल सिद्धांत निकल कर सामने आए थे। यानी गरीब और अविकसित वर्ग के कल्याण के लिए जो समानता लाने का काम था। वह अब पूरी तरह से विफल हो चुका है।

वशिष्ट कुमार गोयल ने कहा कि राजनेताओं के पास तो अपनी पेंशन को लेकर बहुत अधिक सुविधाएं हैं। परंतु हमारे किसान वर्ग और सरकारी कर्मचारियों की जो सामाजिक सुरक्षा को छीन लिया गया है। जिस तरह से यह तंत्र बना  दिया गया है। ऐसे तंत्र से समाज में असमानता होनी तय है। और हम इसको कम करने का प्रयास ही नहीं कर रहे हैं। हमारे राजनेता ऐसे हो गए हैं कि जिनकी कोई जवाबदेही ही नहीं रही है। तो इन सबको ऐसे नियंत्रित तरीके से चलाया जा रहा है।

अगर सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की पेंशन बन्द की जा सकती हैं तो विधायको और सांसदो की पेंशन बन्द की जानी चाहिए। बल्कि सरकार को इनकी पेंशन रोक कर विधवाओं और सेनानियों  की पेंशन बढ़ा देनी चाहिए श्री गोयल ने कहा कि देश में भी अजीबो गरीब कानून बने हैं जिस कानून के तहत आज उन नेताओं को भी कई कई पेंशन मिल रही है जो सरकार में विधायक मंत्री केंद्रीय मंत्री रहते हुए देश को भ्रष्टाचार के दलदल में धकेला ही नहीं बल्कि देश को बर्बाद करने का भी काम किया आज जनता मांग करती है कि ऐसे नेताओं को किसी भी तरह की सुविधा नहीं देनी चाहिए जो देश को लूटने का काम कर चुके हैं.

श्री गोयल ने कहा कि इन नेताओं को पेंशन के रूप में दी जाने वाली राशि आम जनता कर्मचारी किसान मजदूर व्यापारी के खून पसीने की गाढ़ी कमाई है देश को इन वर्गों से जो टैक्स के रूप में पैसा जाता है वह पैसा बड़े पैमाने पर इन नेताओं को पेंशन के रूप में बर्बाद किया जा रहा है जनता जागरूक है और नेताओं को दी जा रही पेंशन के खिलाफ एकमत हो रही है नव जन चेतना मंच ने मांग की है कि आगामी होने वाले चुनाव में जिस तरह से अलग-अलग कॉलम आते हैं उसी तरह वोट के माध्यम से भी जनता से रायशुमारी ली जाए कि वह जिस नेता को वोट दे रहे हैं उन्हें आगे पेंशन दी जाए या नहीं जिससे इस मामले में सभी को पूर्ण और निष्पक्ष न्याय मिल जाएगा।

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