-ज्ञापन से पूर्व शहर में युवा कांग्रेस का प्रदर्शन

अशोक कुमार कौशिक

 नारनौल। सोमवार को कांग्रेस पार्टी द्वारा लगातार 2 हफ्ते से बढ़ रहे तेल की कीमतों के विरोध में लघु सचिवालय नारनौल में प्रातः 10 बजे से 12 बजे तक में धरना प्रदर्शन किया गया। मूल्य वृद्धि के विरोध में उपायुक्त के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा गया जिसका नेतृत्व पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राव नरेंद्र सिंह ने किया । कार्यक्रम का मंच संचालन प्रवक्ता भूप सिंह ने किया ।

इस अवसर पर पूर्व मंत्री राव नरेंद्र सिंह पेट्रोल-डीजल के लगातार बढ़ते दामों का विरोध करते हुए कहा कि सरकार लगातार तेल की कीमतों को बढ़ाकर जनता का तेल निकालने के प्रयास में है । जहां हमारे कार्यकाल के दौरान हरियाणा में सभी प्रदेशों से सस्ता तेल था वहीं आज की कीमत आसमान छू रही हैं । 

पूर्व मंत्री ने कहा कि पेट्रोल डीजल के बढ़ते दाम सबसे ज्यादा आम आदमी और किसान पर भारी पड़ रहे हैं, क्योंकि खेती का ज्यादातर कार्य डीजल पर निर्भर करता है । चाहे बात सिंचाई की हो या ट्रांसपोर्ट की, सब जगह ज्यादा डीजल का इस्तेमाल किया जाता है । लेकिन मौजूदा सरकार ने डीजल को पेट्रोल से भी महंगा कर दिया, लगातार बढ़ते दामों का सीधा असर महंगाई से है । अगर तेल का दामों में बढ़ोतरी की जाएगी तो ट्रांसपोर्ट , किराया, परिवहन, आवागमन, व्हीकल चालान व उत्पादन महंगा हो जायेगा । महामारी और मंदी के दौर में सरकार लोगों को राहत देने की बजाय महंगाई की मार मारने में लगी हुई है । प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार प्रदेश के लोगों से कई गुना टैक्स वसूल करने में लगी है व इसके अलावा कर्ज भी कई गुना ले चुकी है बावजूद इसके गरीब, मध्यम वर्ग, किसान, दुकानदार, छोटे कारोबारियों व अन्य किसी वर्ग को कोई आर्थिक राहत नही दी जा रही ।

राव ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में अन्य प्रदेशों के मुकाबले हरियाणा में तेल सस्ता था, जिसका मुख्य कारण टैक्स का कम होना था, पड़ोसी राज्यों से लोग हमारे राज्य में तेल डलवाना पसन्द करते थे हरियाणा बॉर्डर के हर पेट्रोल पंप पर लिखा होता था कि ये हरियाणा का पहला या आखिरी पेट्रोल पंप है ताकि लोगों को पता चल जाए कि यहां सस्ता तेल मिलेगा । हरियाणा में उस समय तेल पर वैट केवल 9 प्रतिशत था जबकि आज के समय मे बढ़कर दोगुना हो गया है ।

भाजपा सरकार द्वारा पिछले 6 सालों में पेट्रोल पर एक्साइज शुल्क में 23.78 रुपये प्रति लीटर एवं डीजल पर 28.37 रुपये प्रति लीटर की अतिरिक्त बढ़ोतरी की गई है । 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने सत्ता संभाली तब भारत की तेल कंपनियों को कच्चा तेल 108 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल मिल रहा था जो तत्कालीन डॉलर रुपये के अंतराष्ट्रीय भाव के अनुसार 6330 रुपये प्रति बैरल बनता है जिसका अर्थ है कि तेल लगभग 40 रुपये प्रति लीटर के भाव पड़ रहा था वहीं आज कच्चे तेल का अंतराष्ट्रीय भाव 43.41 अमेरिकी डॉलर प्रति हौ जो डॉलर रुपये भाव के अनुसार 3288.71 रुपये प्रति बैरल बनता है यानी कुल लागत करीबन 21 रुपये प्रति लीटर से भी कम पड़ता है । 

इस अवसर पर पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह, अटेली विधानसभा से पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी अर्जुन राव, महिला जिलाध्यक्ष सुनीता मावता, सरोज चौधरी, सूरज बोहरा, सतपाल दहिया, सतबीर झुकिया, प्रवीण चौधरी, सुरेंद्र नंबरदार, सन्दीप नूनीवाल, विकास फौजदार, अनिल सैनी तथा नन्दलाल सैनी ने संबोधित किया।

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