नए प्रदेश प्रधान का ताज होगा कांटो भरा, संगठन सम्भालना और गुटों में समंजस बनाना होगी चुनौती, संगठन का अनुभव रखने वाला जाट वर्ग से होगा नया प्रदेश प्रधान

ईश्वर धामु.

चंडीगढ़।  हरियाणा भाजपा का प्रदेश प्रधान को लेकर अभी भी चर्चाएं और कयास थमे नहीं हैं। मीडिया में नए प्रदेश प्रधान को लेकर विभिन्न धारणाएं और उम्मीदें लगाए जा रही है। नए प्रदेश प्रधान किस जाति वर्ग से होगा, अभी भी यह चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बारे सोशल मीडिया पर भी जम कर चर्चाएं हो रही है। कहा यह भी जा रहा है कि भाजपा आलाकमान ऐसे प्रदेश प्रधान की तलाश में है, जो कांग्रेस, इनेलो और जेजेपी पार्टी के जाट नेताओं का मुकाबला कर सके। इतना ही नहीं प्रदेश प्रधान ऐसा हो जो सर्व मान्य हो और पार्टी के संगठन को मजबूती दे सके। लेकिन इस बारे में भाजपा आलाकमान से जुड़े उच्च स्तरीय सूत्रों ने बताया है कि हरियाणा भाजपा के नए प्रदेश प्रधान का नाम प्रदेश इकाई के अगुवा नेताओं ने फाइनल करके पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय को भेज दिया है।

भाजपा के हरियाणा संगठन से जुड़े एक प्रभावी नेता ने कहा है कि प्रदेश प्रधान का नाम उपर स्वीकृति के लिए भेजा जा चुका है। अब प्रधान के नाम के लिए किसी की भी नहीं चलने वाली, चाहे वे मुख्यमंत्री खुद ही क्यो न हो। भाजपाई सूत्र कहते हैं कि नए प्रदेश प्रधान के लिए भेजे गए नाम पर राष्ट्रीय अध्यक्ष की मोहर लगते ही नाम की घोषणा कर दी जायेगी। पर अभी घोषणा में एक सप्ताह लगेगा। क्योकि पार्टी का जाने वाला प्रदेश प्रधान को सममान देते हुए पार्टी ने नए प्रदेश प्रधान के नाम की घोषणा को रोक दिया है। यह घोषणा वर्तमान प्रदेश प्रधान सुभाष बराला के  बच्चों की शादी के बाद की जायेगी।

दूसरी ओर पाटी्र ने जो नाम तय किया है, वो जाट वर्ग से ही बताया जा रहा है। पर प्रदेश प्रधान पद की दौड़ में लगे नेताओं से अलग ीाी बताया गया है। कहा गया है कि नया प्रदेश प्रधान मुख्यमंत्री की भी पशंद का रहेगा। इतना ही नहीं प्रदेश प्रधान पद की दौड़ में शामिल नेताओं को भी वो विश्वास में ले लेगा। चर्चाकारों का कहना है कि कयास पर आया नाम का नेता को संगठन का भी अच्छा अनुभव है।

बताया गया है कि एक बार आलाकमान ने सुभाष बराला को ही दोबारा मौका देने का मन बना लिया था। परन्तु जैसे ही इस निर्णय की दूसरे नेताओं को भनक लगी तो वें सक्रिए हो गए। सभी ने मिल कर बराला के नाम को आगे चलने से रूकवा दिया।

वैसे भी इस बार मुख्यमंत्री मनोहरलाल का दिल्ली दरबार में पहले जैसा रूतबा नहीं रहा है। जब से मुख्यमंत्रियों की लोकप्रियता की सर्वे रिपोर्ट आई है, उसके बाद मनोहरलाल की आलाकमान की नजरों में इमेज प्रभावित हुइ्र है। क्योकि मुख्यमंत्री के रूप में लोकप्रियता में मनोहरलाल को 4.7 प्रतिशत वोट मिले थे।

वैसे भी चर्चाकार भी बोल रहे हैं कि हरियाणा में जेजेपी के साथ मिल कर दूसरी बार बनाई सरकार के बाद भाजपा के लोकप्रियता का ग्राफ नीचे आया है। अब नए प्रदेश प्रधान के सामने पार्टी का गिरता ग्राफ रोकना बड़ी चुनौती रहेगी। दूसरी ओर बरोदा के उप चुनाव का समय भी समीन आता जा रहा है। इस लिए भाजपा के नए प्रदेश प्रधान के लिए प्रधानी का ताज कांटों भरा होगा। 

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