‘‘टिड्डी दल का हमला हो या कोरोना की महामारी,. मोदी सरकार का समाधान – बस ताली और थाली’’
आज देश में दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में टिड्डी दल ने हमला बोल रखा है। अब इस हमले की आँच देश की राजधानी दिल्ली तक भी पहुँच गई है। इन राज्यों के 84 से अधिक जिलों के किसान, खेत खलिहान, पेड़ पौधे व वनस्पति पाकिस्तान से आए टिड्डी दल के हमले से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
इस टिड्डी दल ने भारत में पहला हमला 11 अप्रैल, 2020 को राजस्थान के गंगानगर में बोला था। मगर दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि मोदी सरकार टिड्डी दल के दिल्ली तक हमला करने पर भी नहीं जागी है। बताया जा रहा है कि टिड्डी दल का यह हमला 60 साल बाद देश की राजधानी में हुआ है। यह टिड्डी दल 10 किलोमीटर लंबा और 7 किलोमीटर चैड़ा बताया गया है।
टिड्डी दल का यह आक्रमण देश पर लगातार 75 दिनों से जारी है। मगर मोदी सरकार इस हमले का न तो समाधान बताती, न किसानों को सहायता पहुँचाती। लगता है कि सरकार पूरी तरह बेखबर होकर सोई हुई है।
किसानों व आम जनता से कहा जा रहा है कि टिड्डी दल के आने पर ‘ताली और थाली’ बजाए। कभी तो देश की निकम्मी सरकार कोरोना माहमारी से निपटने के समाधान के लिए ताली-थाली बजवाती है, तो कभी टिड्डी दल से निपटने के लिए भी यही हल बताती है। क्या सरकार के पास कोई और वैज्ञानिक व तर्कपूर्ण समाधान नहीं बचा?
आज किसानों की दस लाख हेक्टेयर से अधिक टिड्डी दल साफ कर चुका है, मगर देश के किसान को कोई राहत नहीं। श्री राहुल गांधी ने सरकार को बाकायदा आगाह किया, पर कोरोना की तरह ही, टिड्डी दल को रोकने के उपाय करने बारे सरकार के कान पर जूँ तक नहीं रेंगी। और अब बीमा कंपनियां फसल बीमा योजना में टिड्डी दल से हुए नुकसान का मुआवजा तक देने से इंकार कर रही हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री ने टिड्डी दल के हमले को ‘नैचुरल डिज़ास्टर’ की परिभाषा में शामिल ही नहीं किया।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मांग करती है किः- 1. टिड्डी दल के हमले को भारत सरकार के कृषि विभाग व एनडीएमए द्वारा ‘नैचुरल डिज़ास्टर’ की परिभाषा में शामिल कर फसल बीमा योजना के तहत किसानों को मुआवज़ा दिया जाए। 2. नष्ट हुई फसलों की स्पेशल गिरदावरी करवाकर सभी किसानों को ‘विशेष राहत पैकेज’ दिया जाए। 3. 75 दिन से अधिक से खेती, पेड़-पौधे व सब वनस्पतियों पर चल रहे इस आक्रमण का वैज्ञानिक व तर्कसंगत हल निकाला जाए।