एचसीए वाट्सएप नंबर 98129 20931 पर नि:शुल्क रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जारी, ऑनलाइन शतरंज की बिसात पर देश से हजारों खिलाड़ी देंगे कोरोना महामारी को मात, देश के सभी राज्यों के खिलाडिय़ों का प्रवेश नि:शुल्क.

 28 जून. हरियाणा शतरंज एसोसिएशन (एचसीए) के स्वस्थ, उज्जवल, नवीन और सुरक्षित शतरंज की स्थापना मिशन के तहत एचसीए चेकमेट कोरोना वायरस पंडित राम चन्द्र मैमोरियल ऑल इंडिया ऑनलाइन शतरंज चैंपियनशिप 30 जून से आयोजित की जाएगी। इसमें देश के सभी राज्यों के खिलाडियों का प्रवेश नि:शुल्क किया जाएगा। इसके लिए एचसीए वाट्सएप नंबर 98129 20931 पर नि:शुल्क रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया चल रही है। चैंपियनशिप की पूरी जानकारी एचसीए की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट इंडियनचेस डॉट ओआरजी पर देखी जा सकती हैं। एचसीए की तरफ से एक टूर्नामेंट लिंक जारी किया गया है।

ऑनलाइन शतरंज स्पर्धा में 10 हजार से अधिक खिलाड़ी लेंगे भाग –

देश के टॉप खिलाडिय़ों की लिस्ट में शामिल नेशनल अंडर-13 चैंपियन-2018 दिल्ली से फिडे मास्टर आर्यन वर्षणे 2363 रेटिंग, कानपूर उत्तर प्रदेश से इन्टरनेशनल मास्टर दिनेश कुमार शर्मा 2317 रेटिंग, तेलंगाना से श्रुजन 2412 रेटिंग, तमिलनाडू से दिनेश राजन 2322 रेटिंग, चेन्नई से फिडे मास्टर एलआर श्रीहरि 2301 रेटिंग, कोलकाता के सोरथ बिसवास 2220 रेटिंग, आसाम की मनोमिता चक्रबर्ती 2130 रेटिंग समेत हजारों खिलाडिय़ों ने अपने आवेदन किये है। रूस के एलेक्स 2223 रेटिंग, तुर्की के अटाबर्क 2215 समेत कई विदेशी खिलाडिय़ों के आवेदन भी स्वीकार किये गए है। विश्व शतरंज विजेता विश्वनाथन आनन्द की रेटिंग इस समय 2753 है। विश्व में रेटिंग के आधार पर भारत चौथे स्थान पर है। रूस पहले स्थान पर, अमेरिका दूसरे व चीन तीसरे स्थान पर आता है।

हरियाणा शतरंज एसोसिएशन (एचसीए) के प्रदेश महासचिव कुलदीप ने बताया कि इस ऑनलाइन चैंपियनशिप में 10 हजार से अधिक खिलाड़ी भाग लेंगे। जिससे देश के इतिहास में रिकॉर्ड बनेगा। इस ऑनलाइन टेक्नोलॉजी से शतरंज विश्व का अग्रणी खेल बनने की ओर तेज गति से अग्रसर है। इसमें शिरकत करने वाले खिलाड़ी एक दिन पूर्व 29 जून सोमवार को पूरा दिन प्रैक्टिस मैच में अपनी-अपनी चालों का प्रदर्शन करेंगे। प्रैक्टिस मैच के लिये 1030 खिलाडिय़ों ने खेलने के लिये अपना नाम लिखाया है।

देश के हजारों खिलाडियों के बीच होगे ऑनलाइन शतरंज मुकाबले –

हरियाणा शतरंज एसोसिएशन (एचसीए) के प्रदेश महासचिव कुलदीप ने बताया कि चैंपियनशिप में देश के सभी राज्यों के हजारों खिलाड़ी ऑनलाइन दमखम दिखाएंगे। वल्र्ड चेस फे डरेशन के नियमों पर आधारित इस स्पर्धा के सभी मुकाबले ऑनलाइन होंगे जिनका सीधा प्रसारण डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट इंडियनचेस डॉट ओआरजी पर होगा। स्पर्धा के टॉप 30 विजेताओं को एचसीए की ओर से ई-सर्टीफिकेट तथा हरित फाउंडेशन के सहयोग से नगद राशि दी जायेगी। सभी मुकाबलें 30 जून को सुबह 9 बजे से खेले जाएगे। प्रत्येक मैच में 3 मिनट व 3 सेकंड का इंक्रीमेंट समय दिया जाएगा।

देश के सभी खिलाडिय़ों का प्रवेश नि:शुल्क –

देश के सभी खिलाडिय़ों का प्रवेश नि:शुल्क होगा। शतरंज के धुरंधर तैयार करने के लिए एचसीए प्रदेश के खिलाडियों को नि:शुल्क ऑनलाइन प्रशिक्षण देती है। खिलाडिय़ों को उत्साहित करने के लिए एचसीए द्वारा समय-समय पर अन्य आवश्यक कदम उठाए जाते है। महिलाओं व पुरूष प्रतिभागियों की संयुक्त रूप से ऑनलाइन प्रतिस्पर्धाऐं होंगी।

देश में कही से भी बैठकर ले सकते है भाग –

इस ऑनलाइन शतरंज स्पर्धा में खिलाड़ी अपनी सुविधा अनुसार देश के किसी भी कोने में बैठ कर भाग ले सकते है। एचसीए की तरफ से एक टूर्नामेंट लिंक जारी किया गया है। स्पर्धा में शिरकत करने वाले सभी प्रतिभागी खिलाडियों को डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट इंडियनचेस डॉट ओआरजी पर जाकर ऑनलाइन टूर्नामेंट लिंक पर क्लिक करना होगा। इसके बाद अपना नया यूजर नेम व पासवर्ड, ईमेल सबमिट करके अपनी आइडी बनानी होगी।

मिलेगी छात्रवृत्ति –

चैंपियनशिप के विजेताओं को खेल मंत्रालय की ओर से छात्रवृत्ति दिए जाने का प्रावधान है। प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले खिलाडियों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। इसकी पूरी जानकारी डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट इंडियनचेस डॉट ओआरजी पर देखी जा सकती हैं।

एचसीए ने आपदा को अवसर में बदला –

कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में खेल प्रतियोगिताएं ठप्प पड़ी है। लेकिन इस संकट ने शतरंज के लिये बेहतर अवसर पैदा कर दिया है। एचसीए ने टेक्नोलॉजी की बदौलत इस आपदा को अवसर में बदल लिया है। हम सुरक्षित रहते हैं, हम रचनात्मक रहते हैं तथा हम ऑनलाइन शतरंज खेलते हैं इस नारे के साथ ऑल इंडिया ऑनलाइन शतरंज स्पर्धा करवा रहे हैं।

शतरंज स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल हो –

एचसीए ने स्वस्थ, उज्जवल, नवीन और सुरक्षित शतरंज की स्थापना मिशन के तहत तमिलनाडू, गोवा व गुजरात की तरह हरियाणा में शतरंज को स्कूली पाठ्यक्रम में विषय के रूप में शामिल करने पर बल दिया।

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