कब बोलेंगे मुख्यमंत्री. ? क्या कर रहे हैं मुख्यमंत्री के प्रशंसा पात्र अफसर. क्यों नंबर एक बन रहा है गुरुग्राम

भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक
गुरूग्राम। साइबरि सिटी गुरुग्राम विश्व में अपना नाम रखता है। मुख्यमंत्री का प्रिय जिला है, जिसकी सफाई में तो कभी किसी मायने में गुरुग्राम को नंबर वन बताते रहते हैं। हरियाणा का राजस्व जुटाने में भी नंबर वन हैं ही और कोरोना में भी नंबर वन बन गया है, जबकि अन्य क्षेत्रों में पिछड़ रहा है।

मुख्यमंत्री गुरुग्राम पर विशेष ध्यान रखते हैं। कोरोना से पूर्व कहा जाता था कि सप्ताह में तीन दिन तो मुख्यमंत्री को गुरुग्राम का भोजन करना ही है। कष्ट निवारण समिति के चेयरमैन तो हैं ही, अधिकारी भी अपनी मर्जी के लगा ही रखे हैं। गुरुग्राम की जो दुगर्ति हो रही है, उस पर बोलने के लिए दो शब्द भी नहीं हैं। याद आ रही हैं वे पंक्तियां कि

लुट गई तेरी दुनिया सारी, कब आओगे कृष्ण मुरारी ? लुट गया तेरा गुरुग्राम सारा, कब आओगे मनोहर बाबा?

गुरुग्राम में कोरोना के नाम पर खुब दहशत फैलाई गई और जब मरीज बढऩे लगे, सेनेटाइजेशन कहीं हुआ नहीं, स्वास्थ सेवाओं की कमियां जमकर सामने आने लगीं तो सरकार की ओर से कहा जाने लगा कि कोरोना खतरनाक बीमारी नहीं है, 80 प्रतिशत स्पर्शात्मक हैं, जो घर में ही ठीक हो सकते हैं। अब दो-चार दिन से कोविड से बचने के या यह कहें कि इम्युनिटी बढ़ाने के तरीके भी प्रशासन के अधिकारी बताने लगे हैं। आखिर प्रश्न यह उठता है कि यदि इतने योग्य अधिकारियों ने इन बातों का ज्ञान जनता को एक माह पूर्व क्यों नहीं कराया।

आज ही प्रशासन की ओर से विज्ञप्ति आई कि 26 अस्पतालों और गुरुग्राम के कोविड संरक्षण वाले अस्पतालों का अधिकारियों ने रिकॉर्ड लिखने का कार्य आरंभ किया और उनकी जांच की, क्या है यह। एक माह पूर्व भी विज्ञप्ति आई थी कि अस्पतालों के डाटा एकत्रित किए जा रहे हैं, इतनी लापरवाही?

मुख्यमंत्री जी, आपका ड्रीम प्रोजैक्ट है गुरुग्राम, आपके प्रदेश का भविष्य जुड़ा है गुरुग्राम से। गुरुग्राम का उत्थान हरियाणा का उत्थान है। श्री शीतला माता श्राइन बोर्ड के भी चेयरमैन हो, याद रखो, गुरुग्राम को शीघ्रातिशीघ्र संभाल लो। सुविधाएं दो, डॉक्टर्स दो, विशेषज्ञ दो, वरना गुरुग्राम तो तबाह होगा, बचेगा हरियाणा भी नहीं और मां शीतला आपके साथ क्या करेंगी, यह तो मां ही जाने।

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