स्टेज कैरिज स्कीम 2016 पर एतराज देने बारे यूनियन ने पत्र लिख समय मांगा

चण्डीगढ, 26 मई, हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन सम्बन्धित सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष इन्द्र सिंह बधाना, प्रदेश महासचिव सरबत सिंह पूनिया व प्रदेश प्रवक्ता श्रवण कुमार जांगड़ा ने सयुंक्त ब्यान में कहा परिवहन विभाग का निजीकरण जनहित व विभाग हित में नहीं तो कोरोना महामारी जैसे गम्भीर संकट के समय में भी प्राईवेट रूट परमिट देने के लिए सुझाव व एतराज़ मांगने के लिए महानिदेशक द्वारा 25 मई को पत्र जारी करके 26 मई से 2जून तक प्राइवेट ऑपरेटरों, अधिकारियों व सभी यूनियन प्रतिनिधियों की अचानक वीडियो कांफ्रेंसिंग से मीटिंग बुलाने की ऐसी क्या नौबत आ गई।

उन्होंने बताया हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन सम्बन्धित सर्व कर्मचारी संघ की राज्य कमेटी ने महानिदेशक राज्य परिवहन को पत्र लिख कर स्टेज कैरिज स्कीम 2016 पर एतराज व सुझाव देने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है। ताकि यूनियन द्वारा तैयारी के साथ विभाग व जनहित में स्टेज कैरिज स्कीम बारे सुझाव व एतराज़ दियें जा सकें।

प्रांतीय नेताओं ने कहा सरकार द्वारा इस संकट की घड़ी में कोरोना महामारी से निपटने व कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण व सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर ही ज्यादा समय लगाना चाहिए। उन्होंने कहा सरकार ने एक तरफ तो सरकारी भर्ती करने व अन्य जरूरी कार्यों को एक वर्ष के लिए तुरन्त प्रभाव से रोक लगा दी, परन्तु दुसरी तरफ पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए परिवहन विभाग का निजीकरण करने के लिए अचानक प्राइवेट ऑपरेटरों व अधिकारियों की मीटिंग बुलाने की जल्द बाजी की है।

ज्ञात रहे सरकार ने 2017 में स्टेज कैरिज स्कीम 2016 लागू करने की हठधर्मिता की थी। उस समय हरियाणा रोड़वेज कर्मचारी तालमेल कमेटी द्वारा लगातार चार दिन की हड़ताल करने पर निवर्तमान परिवहन मंत्री से हुई बैठक में स्टेज कैरिज स्कीम 2016 रद्द करने का निर्णय लिया गया था। सरकार द्वारा पोलिसी रद्द करने बारे माननीय हाईकोर्ट में भी शपथ पत्र दिया। हाईकोर्ट द्वारा स्टेज कैरिज स्कीम को रद्द करने का निर्णय लिया। उसके बाद स्कीम को रद्द करने की चुनौती सुप्रीम कोर्ट में डाली गई। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के निर्णय पर स्टे जारी रखा।

उन्होंने बताया अब माननीय सुप्रीम कोर्ट ने स्टेज कैरिज स्कीम 2016 को रद्द करने व संशोधन करने की छुट दी है व स्टेज कैरिज स्कीम 2017 को रद्द करने का निर्णय लिया है। यूनियन नेताओं ने जोर देकर कहा परिवहन विभाग का निजीकरण किसी भी सूरत में तर्क संगत व जनहित में नहीं है तथा सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को स्टेज कैरिज स्कीम रद्द करने की छुट दी है। फिर भी स्कीम में संशोधन करने की सरकार को जल्द बाजी क्यों? जबकि प्रदेश की जनता , छात्र-छात्राओं ,जन प्रतिनिधियों तथा कर्मचारियों की निजीकरण की मांग नहीं। कर्मचारी नेताओं ने कहा जल्द ही हरियाणा रोड़वेज कर्मचारी तालमेल कमेटी की आपात् बैठक बुलाकर विभाग के निजीकरण के विरोध में आगामी रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने कहा सरकार अगर जनहितेशी है तो पूंजीपतियों का मोह छोड़ कर विभाग में 14 हजार सरकारी बसें शामिल करें ताकि आम जनता को बेहतर व सुरक्षित परिवहन सेवा मिलने के साथ 84 हजार बेरोजगारों को स्थाई रोजगार मिल सकें।

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