-फंड जुटाकर वंचितों को राशन पहुंचाने में लगा है ईशान जैन
-अब तक 500 परिवारों को दे चुका है राशन
-प्रशासन ने प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित

गुरुग्राम। कोरोना के कारण लॉकडाउन में बेशक बच्चों ने मौज-मस्ती करके समय बिताया हो, लेकिन 8वीं कक्षा के छात्र ईशान जैन ने इस समय का एक तरह से जनसेवा करके सदुपयोग किया। अपने प्रयासों से उसने फंड एकत्रित किया और मजदूरों को राशन आवंटित करना शुरू किया। अब तक 500 लोगों तक वह सहायता पहुुंचा चुका है।

गुरुग्राम के डीएलएफ मैगनोलियाज सोसायटी के रहने वाले नितिन जैन के पुत्र ईशान जैन की उम्र मात्र 13 साल है और वह हेरिटेज एक्सपेरियंशल लर्निंग स्कूल में 8वीं कक्षा का छात्र है। लॉकडाउन के साथ ही उसने खुद को जनसेवा के लिए तैयार किया। ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से लोगों को अपने गु्रप में जोड़ा। इसमें दोस्त और रिश्तेदार भी शामिल हैं। सभी से अपना आइडिया सांझा किया और फंड देने की रिक्वेस्ट की। कहते हैं अगर आप सही काम के लिए कदम बढ़ाते हैं तो भगवान भी कमी नहीं छोड़ता। इसलिए लोगों ने ईशान के इस प्रयास को सराहा भी और मदद भी की। ईशान ने उन लोगों तक राशन पहुंचाने का काम शुरू किया, जो कि रोजाना कमाते, रोजाना खाते थे। यानी उनके पास अब कोई साधन नहीं था। करीब 500 परिवारों तक ईशान ने राशन पहुंचाकर उनकी भूख को मिटाया है। राशन के साथ लोगों को बना हुआ खाना भी दिया जा रहा है। सीधे इन परिवारों को राशन, खाना उपलब्ध कराने के साथ ईशान ने सिविल डिफेंस के साथ भी मिलकर यह काम किया है। सिविल डिफेंस को उसे मास्क, किट आदि भेंट की है।

मास्क, किट बांटने का भी कर रहा काम
ईशान जैन का कहना है कि राशन, खाने के अलावा अब वह लोगों को मास्क आदि देने का काम शुरू कर रहा है। क्योंकि यह अब जरूरी हो गया है। आज भी हर किसी के पास मास्क नहीं है। उन्होंने देखा है कि लोग एक मास्क को कई-कई दिन तक यूज कर रहे हैं। अगर वह फट भी जाता है तो लोग उसे फेंक नहीं रहे। इसलिए उन्होंने इस पर काम करना शुरू किया है। ईशान को आइकन ऑफ कोविड 19 का प्रशस्ति पत्र देकर भी सम्मानित किया गया है। खुद गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला ने ईशान जैन की सेवा भावना को देखते हुए यह बात कही कि हकीकत में ईशान एक आइकन है। उसने कोरोना काल में सेवा के क्षेत्र को चुनकर न केवल हम उम्र वालों को बल्कि बड़ों को भी प्रेरणा दी है।

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