चण्डीगढ़, 9 मई – आर्थिक एवं औद्योगिक विकास में लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यमों की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन अवधि के दौरान बंद पड़े हुए इन उद्योगों को पुन: पटरी पर लाने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कई घोषणाएं की हैं। इनमें बैंकों से संबंधित मुद्दों के निवारण के लिए वित्त विभाग ने बैंक शिकायत सूचना केंन्द्र स्थापित करना, बिना जुर्माने के बिजली के बिल जमा करने की तिथि को 31 मई, 2020 तक बढ़ाना, बैंक ऋण के लिए एमएसएमई को भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक की ओर से दी जाने वाली गारंटी को राज्य सरकार द्वारा दिया जाना तथा 20 किलोवाट तक के कृषि आधारित उद्योगों के लिए बिजली की दर 4.75 रुपये प्रति यूनिट करना, श्रमिकों के लिए फैक्टरियों के अन्दर ही प्री-फैबरिकेटिड आवास का निर्माण करवाना शामिल है। मुख्यमंत्री आज यहां वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश के मध्यम, लघु और सूक्षम उद्यमियों और सभी जिलों के लघु उद्योग भारती एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे थे। बैठक में उप-मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला, जिनके पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग का प्रभार भी है, भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्टï्रव्यापी लॉकडाउन अवधि के दौरान सभी राज्यों की आर्थिक गतिविधियों पर प्रभाव पड़ा है और इन्हें चरणबद्घ तरीके से खोला जा रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की वर्ष 2015 की उद्यम प्रोत्साहन नीति की पूरे देश में सराहना हुई थी। अब अगस्त, 2020 से नई उद्यम प्रोत्साहन नीति तैयार की जा रही है जिसमें सभी हितधारकों से सुझाव लेकर फिर से देश की सबसे अच्छी उद्योग नीति बनाने का उनका संकल्प है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो महीनों से राजस्व न के बराबर प्राप्त हुआ है। राजस्व मुख्य रूप से जीएसटी, आबकारी, स्टैम्प डयूटी, केन्द्र सरकार से वैट रिफण्ड तथा खनन से प्राप्त होता है। अब चरणबद्घ तरीके से उन्हें संचालित किया जा रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि एचएसआईआईडीसी से संबंधित मुद्दों के लिए अलग से नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। इसके अलावा, 2017 के वैट रिफण्ड से संबंधित मुद्दों का त्वरित समाधान किया जा रहा है। लगभग 1300 आवदेनों में से अप्रैल से अब तक 162 करोड़ रुपये के वैट का रिफंड किया जा चुका है। उन्होंने एमएसएमई के बैंक ऋणों का पुन: आंकलन करवाने का आश्वासन भी दिया। 10 प्रतिशत कार्यशील पूंजी उपलब्ध करवाने की योजना केन्द्र सरकार की ओर से घोषित की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दीर्घावधि के ऋणों में एमएसएमई से ली जाने वाली मार्जन मनी को घटा कर 15 प्रतिशत किया जाएगा। लॉकडाउन अवधि के दौरान हरियाणा में बेहतर प्रबंध किए गए थे। सरकार द्वारा जरूरतमंदों के लिए 1047 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है। सभी सामाजिक संगठनों ने भी जरूरतमंदों को खाने पीने का राशन पहुंचाने में मदद की है। हरियाणा कोरोना रिलीफ फण्ड में विभिन्न संगठनों व लोगों ने 250 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना संघर्ष सेनानी पोर्टल पर 72,000 लोगों ने पंजीकरण करवाया है और कोरोना की लड़ाई में स्वेच्छा से सहयोग देने की पेशकश की है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव श्री वी.उमाशंकर, बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी.सी.गुप्ता, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन.प्रसाद, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव श्री ए.के.सिंह तथा निदेशक डॉ. साकेत कुमार, श्रम आयुक्त श्री पंकज अग्रवाल व सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के निदेशक श्री पी.सी.मीणा के अलावा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। Post navigation ग्रुप सी: उपस्थिति पर 33 प्रतिशत का प्रतिबंध जूनियर इंजीनियर पर लागू नहीं केवल मासिक फीस ली जाए तथा यातायात शुल्क न लिया जाए : शिक्षा मंत्री कंवर पाल