
गुरुग्राम के सेक्टर 22 आरडब्ल्यूए ने पर्यावरण रक्षा के लिए मुख्यमंत्री से लगाई गुहार, पर्यावरण मंत्री के दावों की खुली पोल
गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज: एक ओर प्रदेश सरकार और पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह पर्यावरण संरक्षण के बड़े-बड़े दावे करते हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी ही विधानसभा क्षेत्र के गांव मोलाहेड़ा से सटे सेक्टर 22 में कुछ दबंग तत्व ग्रीन बेल्ट में होली दहन का आयोजन करने की साजिश रच रहे हैं। इससे पहले, यही लोग इस स्थान पर अवैध सब्जी मंडी संचालित कर वसूली कर रहे थे। इस संदर्भ में, सेक्टर 22 आरडब्ल्यूए ने अपनी शिकायत मुख्यमंत्री विंडो और जीएमडीए के नोडल अधिकारी आर. एस. भाट को भेजी है, जिसमें पर्यावरण संरक्षण के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की गई है।

आरडब्ल्यूए के प्रधान हितेश यादव और महासचिव तुषार ने अपनी शिकायत में बताया कि आरडब्ल्यूए ने सेक्टर को स्वच्छ और हरित बनाए रखने के लिए पॉकेट डी की डिवाइडिंग रोड पर स्थित ग्रीन बेल्ट की सफाई करवाई, मलबा हटवाया और अपने खर्चे से तार बाड़ लगवाकर लगभग 100-150 स्वास्थ्यवर्धक हरे-भरे पेड़-पौधे लगाए। इन पौधों की देखभाल के लिए माली नियुक्त किया गया है और सिंचाई की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।
हालांकि, कुछ समय पहले तक इस ग्रीन बेल्ट पर गांव मोलाहेड़ा के कुछ दबंगों का अवैध कब्जा था, जहां सब्जी मंडी लगाकर अवैध वसूली की जाती थी। जब से उनका कब्जा हटा, तब से वे विभिन्न तरीकों से इस ग्रीन बेल्ट पर पुनः कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं। अब, वे होली दहन के नाम पर इस ग्रीन बेल्ट को नुकसान पहुंचाने और पेड़ों को जलाने की साजिश रच रहे हैं।
आरडब्ल्यूए ने जब इन तत्वों को ग्रीन बेल्ट में लकड़ियां डालने से मना किया तो वे झगड़े पर उतर आए। इस मामले में मुख्यमंत्री विंडो और जीएमडीए के नोडल अधिकारी आर. एस. भाट को शिकायत भेजकर ग्रीन बेल्ट को संरक्षित करने की मांग की गई है। शिकायत में आग्रह किया गया है कि ग्रीन बेल्ट में डाली गई लकड़ियों को तुरंत हटाया जाए और हरे-भरे पेड़ों को किसी भी प्रकार की क्षति से बचाने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।
प्रशासनिक अधिकारियों की प्रतिक्रिया

एचएसवीपी विभाग के एसडीओ अजमेर सिंह से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि सेक्टर की ग्रीन बेल्ट का नियंत्रण जीएमडीए के पास है और इस मामले में जीएमडीए के नोडल अधिकारी आर. एस. भाट से संपर्क किया जाना चाहिए। जब नोडल अधिकारी से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, तो उनका फोन वॉइस मेल पर डाल दिया गया। हालांकि, उन्होंने व्हाट्सएप पर भेजी गई शिकायत और तस्वीरें जरूर देखी हैं।
आरडब्ल्यूए ने प्रशासन से मांग की है कि अवैध गतिविधियों पर तुरंत रोक लगाई जाए और ग्रीन बेल्ट में लगाए गए पेड़ों को बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।