भारत से अमेरिका डंकी रूट, तुर्की, कनाडा, मेक्सिको से ले जाने में दलालों का हाथ चरम पर

भारत से भी अवैध अप्रवासियों का निष्कासन व डंकी रूट पर सख़्त निगरानी करना समय की मांग 

– एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी,

दुनिया भर में अवैध अप्रवासियों की नजरें ट्रंप के चुनाव से लेकर राष्ट्रपति चुने जाने और शपथ ग्रहण (20 जनवरी 2025) तक लगातार इस आशंका से जूझ रही थीं कि शपथ ग्रहण के बाद उनके लिए मुश्किलें बढ़ जाएंगी। अमेरिका में अवैध अप्रवासियों के लिए यह समय सचमुच कठिन साबित हो रहा है, क्योंकि उन्हें सख़्ती से बाहर निकाला जा रहा है। भारत में भी 5 फरवरी 2025 को अमेरिकी मिलिट्री का सी-17 प्लेन 104 भारतीयों को लेकर पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा। इस दौरान उनके हाथ और पैरों में बेड़ियां बंधी हुई थीं, और उनका वतन वापसी का यह दृश्य मीडिया में चर्चा का विषय बन गया।इन 104 व्यक्तियों में हरियाणा, गुजरात, पंजाब, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, और चंडीगढ़ से लोग शामिल थे, जिनमें 19 महिलाएं और 13 नाबालिग बच्चे भी थे। अमेरिकी बॉर्डर पेट्रोल ने सोशल मीडिया पर इसका वीडियो शेयर किया, जिसमें उनके हाथ-पैरों में बेड़ियां साफ देखी जा सकती थीं। विदेश मंत्री ने इस संदर्भ में कहा कि यह डिपोर्टेशन इमिग्रेशन एंड कस्टम एन्फोर्समेंट (ICE) की ओर से किया गया था, और इसके तहत 2012 से लागू SOP के अनुसार, कुछ लोगों को बांधना आवश्यक था।

भारत की प्रतिक्रिया और विदेश मंत्री का बयान
भारत के विदेश मंत्री ने 6 फरवरी 2025 को संसद में इस मुद्दे पर स्पष्टता दी। उन्होंने बताया कि ICE के SOP के तहत, डिपोर्टेशन के दौरान यह कदम उठाया गया था, और महिलाएं और बच्चों को इससे बचाया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार अमेरिकी अधिकारियों से लगातार संपर्क में है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि डिपोर्टेशन के दौरान किसी भी भारतीय नागरिक के साथ दुर्व्यवहार न हो।

अमेरिकी दूतावास का बयान
अमेरिकी दूतावास ने इस मामले में बयान जारी करते हुए कहा कि अमेरिका का आव्रजन कानूनों का सख्ती से पालन करना प्राथमिकता है, और अवैध प्रवासियों के खिलाफ कठोर कदम उठाना उनकी सुरक्षा नीति का हिस्सा है। प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए हैं, और अमेरिकी सरकार द्वारा इसे गंभीरता से लिया जा रहा है।

डंकी रूट: अवैध प्रवास का खतरनाक रास्ता
भारत से अवैध प्रवासियों का अमेरिका तक पहुंचने के लिए डंकी रूट का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें कई देशों की सीमाओं को पार करना होता है। यह रूट बेहद खतरनाक होता है, क्योंकि इसमें घुसपैठ करने वाले लोगों को सीमा पार करते समय गोली मारे जाने या भीषण ठंड और भूख से मरने का खतरा होता है। इसके बावजूद, दलालों और ट्रैवल एजेंटों का एक बड़ा रैकेट काम करता है, जो लोगों को इन खतरनाक रास्तों से विदेश भेजने के लिए लाखों रुपये लेते हैं।

भारत से अवैध प्रवासियों की निरंतर वापसी
विदेश मंत्री के बयान से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय नागरिकों की डिपोर्टेशन की प्रक्रिया कोई नया मुद्दा नहीं है। भारत ने अमेरिका से डिपोर्ट किए गए नागरिकों की जानकारी ली और अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इन नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई के पीछे के कारणों का पता लगाएं। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

निष्कर्ष
सार्वजनिक सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर, ट्रंप प्रशासन द्वारा अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे अप्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। भारत सरकार को इस स्थिति को गंभीरता से लेना चाहिए और डंकी रूट के जरिए होने वाली अवैध प्रवासी गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

संकलनकर्ता लेखक –
एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
विशेषज्ञ स्तंभकार, साहित्यकार, अंतरराष्ट्रीय लेखक, चिंतक, कवि सीए(एटीसी) गोंदिया, महाराष्ट्र