गुडग़ांव, 21 जनवरी (अशोक): पिछले सवा 2 साल से नगर निगम के मेयर व पार्षदों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। अपने नए जनप्रतिनिधियों के चुनाव को लेकर शहरवासियों में उत्सुकता है। लेकिन अभी तक नगर निगम के चुनाव की घोषणा प्रदेश सरकार व प्रदेश के चुनाव आयोग द्वारा नहीं की गई है। माना जा रहा था कि जनवरी माह मेें चुनावों की घोषणा हो जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

चुनाव को लेकर कुछ याचिकाएं पंजाबी एंड हरियाणा उच्च न्यायालय में विचाराधीन हैं। चुनाव की घोषणा से पूर्व ही संभावित मेयर व निगम पार्षदों के संभावित उम्मीदवारों ने शहर की विभिन्न सडक़ों पर लगे बिजली केे खंभों आदि पर होर्डिंग लगाने शुरु किए हुए हैं। इन संभावित उम्मीदवारों में भाजपा केे प्रत्याशियों के होर्डिंग अधिक हैं। प्रदेश सरकार ने मेयर केे पद को पिछड़ा वर्ग (ए) की महिला केे लिए सुरक्षित कर दिया है। ऐसे मेें भाजपा व अन्य राजनैैतिक दलों के पुरुष उम्मीदवार मेयर का चुनाव लडऩा चाहते थे, उनकी आशाओं पर पानी फिर गया है। चुनाव मेें रुचि रखने वाले जानकारों का कहना है कि अब विभिन्न राजनैतिक दलों के प्रत्याशियों ने पिछड़ा वर्ग से संबंधित होने का दावा भी पेेश करना शुरु कर दिया है। यह तो समय ही बताएगा कि विभिन्न राजनैैतिक दल किस प्रत्याशी को मेयर का टिकट देते हैं।

जानकारों का यह भी कहना है कि जब चुनाव की घोषणा हुई ही नहीं है तो शहर के विभिन्न क्षेत्रों में होर्डिंग व बैनर लगाने का कोई औचित्य ही नहीं बनता। उन्होंने जिला प्रशासन सेे आग्रह किया है कि जनहित में विभिन्न क्षेत्रों में लगे होर्डिंग को हटाया जाए। क्योंकि जहां येे होर्डिंग दुर्घटनाओं का सबव बनते जा रहे हैं, वहीं शहर के सौंदर्यकरण को भी प्रभावित करते दिखाई दे रहे हैं। सिविल लाईंस क्षेत्र एक पॉश क्षेेत्र है और इस क्षेत्र में होर्डिंगों के लगाने की बाढ़ सी आई हुई है। ऐसा ही हाल शहर के अन्य क्षेत्रों में भी है।

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