भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। आज गुरुग्राम में हरियाणा की स्वास्थ मंत्री आरती राव ने आमजन को यातायात के नियमों का पालन करने का पाठ पढ़ाया। मन में सवाल आया कि क्या हरियाणा के यातायात मंत्री और गुरुग्राम पुलिस सक्षम नहीं हैं जनता को सडक़ पर वाहन चलाते समय नियम पालन करने का ज्ञान कराने के लिए?

इस पर कुछ व्यक्तियों से चर्चा भी हुई। चर्चा में एक ही बात निकलकर सामने आई कि पुरानी कहावत है कि जिसका काम उसी को साजे, और करे तो धिंगा बाजे।

गुरुग्रामवासियों को बहुत-बहुत खुशी हुई थी, जब आरती राव को स्वास्थ मंत्रालय मिला, क्योंकि उनकी पहचान इनके पिता राव इंद्रजीत के नाम से है और राव इंद्रजीत सिंह इस क्षेत्र का सांसद के रूप में वर्षों से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इस नाते जनता को आशा ही नहीं, अपितु विश्वास हुआ था कि गुरुग्राम की स्वास्थ सेवाओं में अब सुधार अवश्य आएगा लेकिन इनके स्वास्थ मंत्री बनने के पश्चात ऐसा कोई सुधार देखने को मिला नहीं।

गुरुग्राम में पुराना अस्पताल टूटे हुए वर्षों हो गए, उसकी कमी के लिए सैक्टर-10 में नागरिक अस्पताल बनाया हुआ है लेकिन उसमें भी डॉक्टरों एवं स्टाफ की कमी है। खैर मानें कि काम करने वाले आदमी लगन से काम पूरा कर लेंगे तो दवाईयों की कमी कैसे पूरी होगी? उसके बारे में कोई सुधार की आशाएं अब जनता में दिखाई दे नहीं रही हैं।

इसी प्रकार प्राईमरी हैल्थ सेंटर और अर्बन प्राईमरी हैल्थ सेंटर आबादी के हिसाब से बहुत कम हैं। इतना ही नहीं, जो हैं उनमें भी संसाधनों की कमी है। यदि एक प्राईमरी सेंटर पर पूरा स्टाफ आ जाए तो शायद उन्हें बैठने में भी दिक्कत हो। दवाईयों की बात तो आप खुद ही समझ सकते हैं, क्योंकि प्राईमरी हैल्थ सेंटरों से आमजन का वास्ता पड़ता ही रहता है।

अब बात करें निजी अस्पतालों की तो उनके ऊपर यह लगता है कि सरकार का अंकुश नहीं है। अनेक स्थानों पर अस्पताल खुले हुए हैं जो नियमों के अनुकूल नहीं हैं लेकिन उनकी जांच की ओर से कोई कदम स्वास्थ मंत्रालय की ओर से उठाया दिखता नहीं है।

आयुष विभाग की बात करें तो वहां भी स्थिति कुछ अनुकूल नहीं हैं। कई माह के पश्चात आयुष में दवाईयां तो आने लगी हैं लेकिन एचकेआरएन की ओर से जो नियुक्तियां होनी थीं, उसमें पोर्टल की कमी है या हरियाणा के वित्त विभाग की कमी है, यह तो हम पूर्ण रूप से नहीं जानते लेकिन इतना अवश्य जानते हैं कि गुरुग्राम में भी 4-5 ऐसे कर्मचारी हैं जिन्हें पिछले 3-4 माह से वेतन नहीं मिला है। क्या इन बिंदुओं पर भी ध्यान देंगी स्वास्थ मंत्री आरती राव?

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