– यशिका ने यह सम्मान स्वच्छ भारत मिशन के 10 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित पत्र लेखन प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर प्राप्त किया

– पीएम, एमसीजी व अभिभावकों से मिली स्वच्छता की प्रेरणा

गुरुग्राम, 21 जनवरी। गुरुग्राम के किटजी पब्लिक स्कूल की कक्षा 6 की छात्रा यशिका रोहिल्ला ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए इंडिया बुक ऑफ अमेजिंग रिकॉड्र्स में अपना नाम दर्ज कराया है। यशिका ने यह सम्मान स्वच्छ भारत मिशन के 10 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित पत्र लेखन प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर प्राप्त किया। इस प्रतियोगिता का आयोजन नगर निगम गुरुग्राम और शिक्षा विभाग द्वारा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए किया गया था, जिसमें गुरुग्राम के 270 स्कूलों के 125138 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया था।

उल्लेखनीय है कि यशिका पिछले दो वर्षों से नगर निगम गुरुग्राम के स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर के रूप में सक्रिय हैं और स्वच्छता से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों में अपनी भागीदारी से प्रेरणा का स्रोत बनी हुई हैं। नगर निगम गुरुग्राम की ओर से प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर कुलदीप हिन्दुस्तानी ने यशिका को रिकॉर्ड से संबंधित प्रशस्ति पत्र, ट्रॉफी और मेडल प्रदान किया। इस उपलब्धि पर किटजी पब्लिक स्कूल के निदेशक सोनू कटारिया, प्रिंसिपल संगीता कटारिया, क्लास टीचर प्राची खुराना सहित स्कूल के पूरे स्टाफ और विद्यार्थियों ने खुशी जाहिर की और यशिका की इस सफलता पर गर्व व्यक्त किया। निदेशक सोनू कटारिया ने कहा कि यशिका की इस कामयाबी ने न केवल उनके स्कूल का नाम रोशन किया है, बल्कि स्वच्छता अभियान में बच्चों की भागीदारी का एक प्रेरणादायक उदाहरण भी पेश किया है। यशिका ने इस अवसर पर कहा, यह उपलब्धि मेरे माता-पिता, शिक्षकों और नगर निगम के सहयोग से संभव हुई है। मैं स्वच्छ भारत मिशन के संदेश को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए अपने प्रयास जारी रखूंगी। उन्होंने निगमायुक्त अशोक कुमार गर्ग, अतिरिक्त निगमायुक्त डॉ बलप्रीत सिंह और संयुक्त आयुक्त  (स्वच्छ भारत मिशन) अखिलेश कुमार यादव का धन्यवाद व्यक्त किया।

पीएम, एमसीजी व अभिभावकों से मिली स्वच्छता की प्रेरणा

यशिका रोहिल्ला ने स्वच्छता को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाकर समाज में एक मिसाल पेश की है। यशिका का कहना है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नगर निगम गुरुग्राम और अपने अभिभावकों से स्वच्छता की प्रेरणा मिली। यशिका ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान ने मुझे सफाई का महत्व समझाया। एमसीजी के स्वच्छता अभियानों और जागरूकता कार्यक्रमों से यह सीखा कि व्यक्तिगत प्रयास भी सामुदायिक बदलाव ला सकते हैं। वहीं, मेरे माता-पिता ने मुझे बचपन से ही स्वच्छता को प्राथमिकता देने की सीख दी। यशिका का कहना है कि प्रधानमंत्री जी का व्यक्तित्व मुझे प्रेरित करता है। उनकी सोच और कार्यशैली से मुझे सीखने को मिला है कि कठिनाइयों के बावजूद अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना चाहिए। मेरा सपना है कि मैं एक बार उनसे मिलूं और उनसे प्रेरणा प्राप्त कर सकूं। यशिका का मानना है कि प्रधानमंत्री के साथ एक छोटी सी मुलाकात भी उनके जीवन को नई दिशा दे सकती है। यशिका ने अपने स्कूल और आसपास के क्षेत्र में स्वच्छता अभियान चलाए हैं। उन्होंने स्थानीय निवासियों को गीले और सूखे कचरे को अलग करने, प्लास्टिक का उपयोग बंद करने और सफाई बनाए रखने के लिए जागरूक किया। उनकी पहल को स्कूल प्रशासन और एमसीजी से भी सराहना मिली है।

यशिका का मानना है कि छोटी-छोटी आदतें, जैसे कचरा कूड़ेदान में डालना, रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देना और सार्वजनिक स्थलों पर सफाई बनाए रखना, एक बड़े बदलाव की शुरुआत हो सकती हैं। उनके प्रयासों से प्रेरित होकर कई विद्यार्थी अब स्वच्छता अभियानों से जुड़ रहे हैं। यशिका का उद्देश्य है कि समाज में हर व्यक्ति स्वच्छता को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाए।

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