स्वतंत्रता सेनानी परिजनों को नोकरियों में 2% खुला आरक्षण देने की मांग

परिजनों ने उत्तराखंड सरकार की तर्ज पर “कुटुंब सम्मान पेंशन” योजना लागू करने का आग्रह

चंडीगढ़, 18 जनवरी। स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से पड़ोसी राज्यो की तर्ज पर राज्य में स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवारों से जुड़ी कई महत्वपूर्ण मांगें उठाईं। उन्होंने पड़ोसी राज्यों की तर्ज पर हरियाणा में भी सरकारी नौकरियों में स्वतंत्रता सेनानी परिजनों को 2% खुला आरक्षण देने की मांग की।

परिजनों ने उत्तराखंड सरकार की तर्ज पर “कुटुंब सम्मान पेंशन” योजना लागू करने का आग्रह किया, जिससे स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को आर्थिक और सामाजिक समर्थन मिल सके।

आजाद हिंद फौज के सैनिकों का इतिहास बनाने की मांग

मास्टर सुरेन्द जागलान, सुरेंदर डूडी, सतीश कुमार, एडवोकेट दीपक गोयत, ओमप्रकाश ढांडा, रवि, सतीश यादव व अन्य परिजनों ने कहा कि हरियाणा अभिलेखागार विभाग की फाइलों में आजाद हिंद फौज (आईएनए) के सैनिकों का इतिहास दशकों से लंबित है। 1966 में हरियाणा सरकार ने आईएनए सैनिकों से संबंधित डेटा मांगा था, लेकिन अभी तक इसे पूरा नहीं किया गया। इतिहास की इस अनदेखी के कारण, आजादी के कई सेनानी अपनी पहचान के दस्तावेज देखने से पहले ही चल बसे।

बच्चों में पैदा होगी देशभक्ति की भावना

परिजनों ने मुख्यमंत्री से यह भी अपील की कि आजाद हिंद फौज के सैनिकों के इतिहास को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। इससे बच्चों में देशभक्ति और राष्ट्र के प्रति कर्तव्य भावना को बढ़ावा मिलेगा। स्वतंत्रता सेनानी परिवारों ने यह भी कहा कि उनकी वर्षों से लंबित मांगों पर सरकार गंभीरता से विचार करे और शीघ्र समाधान निकाले।

हरियाणा में स्वतंत्रता सेनानी कल्याण बोर्ड गठन की मांग, परिजनों ने मुख्यमंत्री से मांग

हरियाणा में स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिजनों ने राज्य सरकार से पंजाब की तर्ज पर स्वतंत्रता सेनानी कल्याण बोर्ड के गठन की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के समक्षक यह मुद्दा उठाया और स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों के कल्याण के लिए समर्पित एक सरकारी निकाय स्थापित करने का आग्रह किया।

परिजनों ने कहा कि पंजाब सरकार ने हाल ही में स्वतंत्रता सेनानी कल्याण बोर्ड का गठन कर एक अनुकरणीय कदम उठाया है, जिससे सेनानियों और उनके परिवारों को सरकारी स्तर पर प्रतिनिधित्व और उनके मुद्दों का समाधान मिल सके। उन्होंने हरियाणा सरकार से भी ऐसा ही बोर्ड गठित करने की मांग की।

कल्याण बोर्ड से मिलेगी सशक्त आवाज

परिजनों का कहना है कि स्वतंत्रता सेनानी कल्याण बोर्ड उनके मुद्दों को सशक्त रूप से उठाने और उन्हें हल करने का मंच प्रदान करेगा। इसके माध्यम से पेंशन, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा, और अन्य लाभों से संबंधित समस्याओं का निवारण तेज गति से हो सकेगा।

पंजाब सरकार का उदाहरण

गौरतलब है कि पंजाब के स्वतंत्रता सेनानी एवं रक्षा कल्याण मंत्री मोहिंदर भगत ने हाल ही में स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवारों के लिए कल्याण बोर्ड के गठन की घोषणा की थी। पंजाब सरकार न केवल बोर्ड का गठन कर रही है, बल्कि सेनानियों और उनके आश्रितों की पेंशन में वृद्धि, उनके सम्मान में स्मारकों का निर्माण, और जनप्रतिनिधियों द्वारा सेनानियों से मुलाकात का कार्यक्रम भी चला रही है।

हरियाणा में भी हो ऐसे प्रयास

हरियाणा के परिजनों ने मांग की है कि राज्य सरकार भी स्वतंत्रता सेनानियों और उनके बलिदानों को सम्मान देने के लिए ऐसे प्रयास करे। उन्होंने पेंशन में वृद्धि, स्मारकों का निर्माण, और सेनानियों के इतिहास को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करने की भी मांग की।

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