ब्याज सहित जुर्माना राशि का उपभोक्ता को करे भुगतान

गुडग़ांव, 17 जनवरी (अशोक): बिजली चोरी के मामले में निचली अदालत द्वारा दिए गए फैसले को चुनौैती देने वाली अपील की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सौरभ गुप्ता की अदालत ने बिजली के मामले को गलत करार देते हुए बिजली निगम को आदेश दिए हैं कि उपभोक्ता द्वारा जमा कराई गई जुर्माना राशि का भुगतान 7 प्रतिशत ब्याज दर से किया जाए। जिले के डूंडाहेड़ा गांव के उपभोक्ता उमेद सिंह के अधिवक्ता क्षितिज मेहता से प्राप्त जानकारी के अनुसार बिजली निगम ने 30 सितम्बर 2015 को उसका बिजली का मीटर उतारकर 21 मार्च 2016 को बिजली निगम की लेबोरेट्री में चैक कराया था और उस पर आरोप लगाए थे कि वह मीटर टैंपर्ड कर बिजली की चोरी कर रहा है और उस पर एक लाख एक हजार 246 रुपए का जुर्माना लगा दिया था। कहीं बिजली निगम  उसका बिजली का कनेक्शन न काट देे, इस डर सेे 4 अप्रैल 2016 को जुर्माना राशि का भुगतान बिजली निगम को कर दिया था और 6 अप्रैल 2016 को बिजली निगम के खिलाफ जिला अदालत मेें केस दायर भी कर दिया था।

अधिवक्ता का कहना है कि तत्कालीन सिविल जज छवि गोयल की अदालत ने 8 मार्च 2022 को उसका केस खारिज कर दिया था। उपभोक्ता ने निचली अदालत के फैसलेे को जिला न्यायालय में 28 मार्च 2022 को अपील के माध्यम से चुनौैती दी थी। उपभोक्ता की अपील पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सौरभ गुप्ता की अदालत ने अपील को स्वीकार करते हुए निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए बिजली निगम को आदेश दिए हैं कि उपभोक्ता द्वारा जमा कराई गई जुर्माना राशि का भुगतान 7 प्रतिशत ब्याज दर से उपभोक्ता को किया जाए। अधिवक्ता का कहना है कि अब उपभोक्ता बिजली निगम के इस मामले से संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अदालत में मानहानि का मामला भी फाइल करेगा। 

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