प्रदेश की कुल जनसमंख्या 2.80 करोड़ में से 2.11 करोड़ नागरिक गरीबी रेखा से नीचे जी रहे हो अर्थात प्रदेश की कुल आबादी का 75 प्रतिशत हिस्सा गरीबी रेखा से नीचे : विद्रोही

वर्ष 2014 में प्रदेश पर जो लगभग 70 हजार करोड़ रूपये का कर्ज था, वह दस सालों में बढकर 4.25 लाख करोड रूपये हो चुका है : विद्रोही

14 जनवरी 2025 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से सार्वजनिक सवाल किया कि उनका व भाजपा सरकार का हरियाणा के चहुंमुखी विकास के दावे सही है या परिवार पहचान पत्र के अनुसार दिसम्बर 2024 तक हरियाणा की कुल आबादी का 75 प्रतिशत हिस्सा गरीबी रेखा से नीचे होने का सच सही है? विद्रोही ने कहा कि एक ओर भाजपा सरकार के मंत्री, संतरी, नेता प्रदेश के विकास व आमजन की आर्थिक मजबूती के लम्बे-चौडे दावे करके तरक्की के जुमले उछालते है, वहीं दूसरी ओर सरकार के खुद के आंकडे ही प्रदेश की बदहाली और आमजन की बिगडती आर्थिक स्थिति को उजागर कर रहे है।

परिवार पहचान पत्र व खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के आंकडों अनुसार दिसम्बर 2024 तक हरियाणा में 51.90 लाख परिवार गरीबी रेखा से नीचे जीवन जी रहे थे जिनकी कुल जनसंख्या 2.11 करोड़ है। जब प्रदेश की कुल जनसमंख्या 2.80 करोड़ में से 2.11 करोड़ नागरिक गरीबी रेखा से नीचे जी रहे हो अर्थात प्रदेश की कुल आबादी का 75 प्रतिशत हिस्सा गरीबी रेखा से नीचे हो, तब हरियाणा तरक्की, खुशहाली के मार्ग पर चल रहा है या बदहाली के रास्ते पर है, यह बताना भी बेमानी है।  विद्रोही ने कहा कि जिस प्रदेश की 75 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीने को मजबूर हो, उस प्रदेश के नागरिकों की आर्थिक स्थिति कितनी बदहाल, खराब होगी यह बताना भी बेमानी है। हरियाणा में भाजपा के दस साल के राज ने प्रदेश के नागरिकों को आर्थिक रूप से खोखला कर दिया है तभी प्रदेश की तीन चौथाई आबादी को जीने के लिए लाले पड़ रहे है। फिर सवाल उठता है कि भाजपा सरकार के कथित विकास व खुशहाली के दावों अनुसार हरियाणा में किसकी खुशहाली व तरक्की हो रही है?

विद्रोही ने कहा कि हरियाणा की खस्ता आर्थिक हालत के चलते ही वर्ष 2014 में प्रदेश पर जो लगभग 70 हजार करोड़ रूपये का कर्ज था, वह दस सालों में बढकर 4.25 लाख करोड रूपये हो चुका है। जब प्रदेश पर इतना भारी भरकम कर्ज हो, तब मुख्यमंत्री, मंत्री, संतरी व भाजपा नेता प्रदेश की खुशहाली का बेसुरा राग अलापे, इससे अधिक क्रूर मजाक और क्या हो सकता है? परिवार पहचान पत्र व हरियाणा खाद्य आपूर्ति विभाग के आंकडों अनुसार जब प्रदेश की तीन चौथाई जनता गरीबी की रेखा से नीचे हो और कैग रिपोर्ट अनुसार प्रदेश पर 4.25 लाख करोड़ रूपये का कर्ज हो तो कोई अंधा भी बता सकता है कि हरियाणा व हरियाणावासियों की आर्थिक हालत कितनी खस्ता है।    

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