26 दिसम्बर 2024 – अमर शहीद उद्यम सिंह की 125वीं जयंती पर स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने अपने कार्यालय में पुष्पाजंली अर्पित करके उन्हे अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कपिल यादव, अमन कुमार, कुमारी वर्षा, अजय कुमार ने भी शहीद उद्यम सिंह को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। विद्रोही ने कहा कि अंग्रेजी साम्राज्य से भारत को आजादी दिलाने के लिए बैशाखी के अवसर पर 13 अप्रैल 1919 को जलियावाला बाग अमृतसर में हजारों आजादी के दीवानों ने इक्कठा होकर शांतिपूर्ण सभा करके अंग्रेजों से भारत को आजाद करने की मांग की। अंग्रेजी सेना का जनरल डायर हजारों लोगों द्वारा शांतिपूर्ण ढंग से देश को आजाद करवाने की मांग को बर्दाश्त नही कर सका। जनरल डायर ने बिना चेतावनी दिये शांतिपूर्ण ढंग से सभा कर रहे निर्दोष व निहत्थे भारतीयों पर अंधाधुंध गोलियां चलाकर सैकड़ों नागरिकों की निमृम हत्या की। जलियावाला बाग में जनरल डायर द्वारा किये गए इस नरसंहार के व्यथित होकर उस समय 19 वर्ष के युवक उद्यम सिंह के मन में देशभक्ति का इतना जज्बा पैदा हुआ कि उन्होंने उसी समय जलियावाला बाग के नरसंहार के हत्यारे जनरल डायर को मृत्यु की सजा देने का संकल्प लेकर जलियावाला बाग के शहीदों को न्याय देने का निश्चय लिया।

विद्रोही ने बताया कि युवक उद्यम सिंह किसी तरह अनेक प्रयासों के बाद 1934 में इंगलैड पहुंचे और विषम परिस्थितियों में जूझते हुए जलियावााला बाग के नरसंहारी जनरल डायर को मृत्युदंड देने का अवसर तलाशते रहे। आखिरकार 13 मार्च 1940 में शहीद उद्यम सिंह ने एक लंदन की कैक्सटन हॉल में सभा में जनरल डायर को गोली से उड़ाकर उसे मृत्युदंड देकर देशभक्ति की ऐसी मिसाल कायम की जो भारत के आजादी के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। 1 अप्रैल 1940 को शहीद उद्यम सिंह पर जनरल डायर की हत्या करने का मुकदमा चलाने का न्यायिक नाटक अंग्रेजों ने प्रारंभ किया। अंग्रेजी हकूमत ने न्याय का नाटक करते हुए अफरा-तफरी में 31 जुलाई 1940 को भारत के इस महान शहीद को फांसी पर चढ़ा दिया। शहीद उद्यम सिंह ने लगभग 21 वर्ष के इंतजार के बाद इंगलैड में जाकर जनरल डायर जैसे नरसंहारी को सजा देने के लिए जो कठिन तपस्या की, वह अपने आप में एक प्रेरणा का स्त्रोत है।

विद्रोही ने कहा कि मां भारती के इस वीर सपूत शहीद उद्यम सिंह ने जो राष्टभक्ति का उच्च जज्बा पूरी दुनिया को दिखाया उससे पूरी दुनिया में भारतीयों का सम्मान व गौरव बढ़ा। विद्रोही ने कहा कि ऐसे महान शहीद का जीवन भारतीयों के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत है, जिसके रास्ते पर चलकर ही हम सही अर्थो में देश की सेवा कर सकते है। आज पूरे देश को शहीद उद्यम सिंह की जयंती पर मां भारती के इस महान सपूत को श्रद्धांजलि अर्पित करके गौरव महसूस हो रहा है।

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