रौनक शर्मा

रोहतक (24 दिसंबर) / मणिपुर के इंफाल में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए रोहतक के किलोई गांव के रहने वाले फौजी सुनील पहलवान का मंगलवार 24 दिसंबर को उनके पैतृक गांव में पूरे मान–सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। नवीन जयहिन्द शहीद श्रद्धांजलि देने किलोई गांव में पहुंचे।

जयहिन्द ने कहा कि हर किसी को देश के लिए शहीद होने का मौका नहीं मिलता , फौजी सुनील पहलवाल का शहीद होना हम सब के लिए दुख के साथ–साथ गर्व की भी बात है। साथ ही जयहिन्द ने कहा जब भी कोई शहीद होता है तो उनके परिवार को संभालने की जिम्मेदारी सरकार के साथ–साथ समाज की भी बनती है।

शहीद सुनील की इंफाल में पोस्टिंग थी और 18 साल पहले वे बीएसएफ में भर्ती हुए थे। उनकी दो बेटियां हैं, एक बास्केटबॉल की राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी है और दूसरी दसवीं कक्षा में पढ़ती हैं।

बीएसएफ में भर्ती होने से पहले सुनील पहलवानी करते थे और फिलहाल भी एक अच्छा पहलवान थे। 15 दिन पहले वह छुट्टी के बाद वापस पोस्टिंग पर गए थे। नक्सली मुठभेड़ से एक दिन पहले परिवार के लोगों से बातचीत भी हुई थी। अचानक से सुनील की शहादत की खबर सुनकर किलोई और उसके आसपास के गांव में सन्नाटा पसर गया और सभी लोग शहीद के परिवार को सांत्वना देने के लिए उनके घर पहुंचे। देर रात सेना के जवान उनके पार्थिव शरीर को लेकर पैतृक गांव किलोई में पहुंचे और आज सुबह उनका पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

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