केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा डॉक्टर भीमराव अंबेडकर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने व उनका अपमान करने पर गृहमंत्री अमित शाह तुरंत माफी मांगें व अपने पद से इस्तीफा दे अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति गुरुग्राम, 19 दिसंबर 2024 – प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए जनवादी महिला समिति की राज्य अध्यक्ष सविता और महासचिव उषा सरोहा व जिला अध्यक्ष भारती व सचिव रामवति ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में महिलाओं और दलितों व अन्य नागरिकों के समान अधिकार देने वाले संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर पर घोर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। दरअसल अमित शाह की टिप्पणी डाक्टर भीमराव अम्बेडकर व संविधान के प्रति उनकी गहरी हिकारत को दर्शाती है। भाजपा-आरएसएस और उनके नेताओं की इस घृणा का कारण सदा से स्पष्ट रहा है। वे कभी नहीं चाहते थे कि भारतीय समाज को सदियों तक वर्ण व्यवस्था के अंधेरे युग में रखने वाली मनुस्मृति की जगह दलितों व महिलाओं के शोषण को खत्म करने वाला संविधान बनें। डाक्टर भीमराव अम्बेडकर के नेतृत्व में संविधान सभा द्वारा देश का संविधान लिखा गया जिसने हरेक भारतीय नागरिक को लिंग, जाति व धर्म के आधार पर भेदभाव किए बिना समानता का अधिकार दिया। दलितों व महिलाओं को वे अधिकार दिए जो मनुस्मृति ने नकारे थे। हमारे संविधान द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलते हुए व निरन्तर जद्दोजहद करते हुए दलितों व महिलाओं ने एक इंसान और एक नागरिक के रूप में अपनी पहचान अर्जित की। बेशक अभी हमारे सभी संवैधानिक अधिकार जमीनी हकीकत नहीं बन पाए हैं परन्तु इन्हें हम परिवर्तन के संघर्ष में हथियार की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। समाज में क्रांतिकारी सुधार लाने और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए देश के पहले कानून मंत्री के रूप में डा. अंबेडकर ने ही संसद में हिंदू कोड बिल पेश किया था। उस समय आरएसएस के नेताओं ने इस बिल का संसद के अंदर और बाहर इसका कड़ा विरोध किया था। इसे हिंदू धर्म शास्त्रों का अपमान बताते हुए देश भर में अंबेडकर और नेहरू के पुतले जलाए थे। इसी का नतीजा था कि समाज को जाति और लिंग भेदभाव से मुक्त करा सकने की क्षमता रखने वाला यह कानून पास नहीं हो सका और डॉक्टर अंबेडकर ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। बाद में पहले प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू के प्रयासों से यह बिल चार हिस्सों में पारित हुआ। आज अमित शाह और मोदी के रूप में वही प्रतिगामी विचारधारा संसद में अम्बेडकर का अपमान कर रही है।संवैधानिक अधिकारों पर हमले कर रही है। ‘मनुस्मृति’ को देश पर थोपकर महिलाओं, दलितों व पिछड़ों को पुनः उन्हीं अंधेरों में धकेलना चाहते हैं। इनके नेतागण आए दिन दलितों, अल्पसंख्यकों व महिलाओं की स्वतंत्रता, समानता व गरीमा के खिलाफ बयान देते रहते हैं। जनवादी महिला समिति इसका कड़ा विरोध करते हुए मांग करती है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तुरंत माफी मांगें और अपने पद से इस्तीफा दें। Post navigation राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने नगर निगम चुनाव तैयारियों की समीक्षा की सुशासन दिवस कार्यक्रम को लेकर दिशा-निर्देश दिए मुख्य सचिव ने, प्रशासन की ओर से तैयारियां आरंभ- उपायुक्त अजय कुमार