सुदामा-कृष्ण की मित्रता से मानवीय मूल्यों का आमजन के भीतर आत्मसात हो : संजीव कृष्ण ठाकुर।

कथा के समापन पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा सहित पूर्व मंत्री व विधायक पहुंचे व आरती की।

जयराम विद्यापीठ में भागवत पुराण की कथा का आरती तथा पूजन के साथ हुआ समापन।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 11 दिसम्बर : ब्रह्मसरोवर के तट पर श्री जयराम विद्यापीठ परिसर में गीता जयंती महोत्सव 2024 के अवसर पर आयोजित भागवत पुराण की कथा का विधिवत मंत्रोच्चारण, पूजन तथा आरती के साथ समापन हो गया। कथा के समापन पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा, महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद, ऋषिकेश से स्वामी चिदानंद, पूर्व मंत्री एवं थानेसर के विधायक अशोक अरोड़ा, पिहोवा विधायक मनदीप सिंह चट्ठा, पूर्व मंत्री हरमोहिंद्र सिंह चट्ठा, लाडवा के पूर्व विधायक मेवा सिंह व पूर्व सांसद कैलाशो सैनी भी पहुंचे।

कथा में शामिल होने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा, विधायक अशोक अरोड़ा व मेवा सिंह ने श्रीजयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के सान्निध्य में विश्व के दुर्लभ स्फटिक शिवलिंग के समक्ष पूजा अर्चना की एवं जलाभिषेक किया। इस के उपरांत व्यासपीठ पर नमन किया तथा आरती की। कथा के अंतिम दिन व्यासपीठ पर वृन्दावन मथुरा से विख्यात कथावाचक संजीव कृष्ण ठाकुर ने मधुर संगीतमयी शैली में भगवान कृष्ण के घटनाक्रमों का वर्णन कर श्रद्धालुओं को कृष्ण भक्ति में झूमने पर मजबूर कर दिया। श्रद्धालुओं से खचाखच भरा पंडाल भक्ति रस में डूबा रहा।

संजीव कृष्ण ठाकुर ने सुदामा चरित्र की कथा के साथ राजा परीक्षित का मोक्ष एवं भगवान श्रीकृष्ण के स्वधाम गमन की कथा सुनाते हुए कथा को विराम दिया। कथा में श्रद्धालु नाचते व थिरकते नजर आये। भगवान की भक्ति को मुक्ति पाने का माध्यम बताते हुए संजीव कृष्ण ने भजनों के साथ इसका वर्णन किया। अपनी भजन प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने आखिरी दिन की कथा में राजा परीक्षित को शुकदेव जी द्वारा सुनाई जा रही भागवत कथा के अंतिम चरण का वृतांत सुनाते हुए सुदामा के चरित्र का वर्णन किया। कथा प्रसंग में सुदामा का द्वारिकाधीश से मिलने जाना, पहरेदारों द्वारा सुदामा को द्वारिका के द्वार पर ही रोक देना और भगवान श्रीकृष्ण को सुदामा के आने का पता चलने पर नंगे पैर दौड़ते हुए बिना पिताम्बर धारण किए अपने परम मित्र सुदामा से मिलने जाना, सुदामा का आतिथ्य का जब वर्णन किया तो सभी भक्तगण भाव -विभोर हो उठे।

इस अवसर पर टी.के. शर्मा, राजेंद्र सिंघल, श्रवण गुप्ता, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, कुलवंत सैनी, के.के. कौशिक, खरैती लाल, टेक सिंह, ईश्वर गुप्ता, सुरेंद्र गुप्ता, एस.एन. गुप्ता, राजेश सिंगला, के.सी। रंगा, पवन गर्ग, सुनील गर्ग, रणबीर भारद्वाज, सतबीर कौशिक, रोहित कौशिक, मुनीश मित्तल, संगीता शर्मा, संतोष यादव इत्यादि भी मौजूद रहे।

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