वैश्विक अष्टादश गीता श्लोक का हुआ मंत्रोच्चारण

गुरुग्राम, 11 दिसंबर।  अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में तृतीय दिवस के प्रारंभिक सत्र में मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक आर. एस. सांगवान ने कहा कि गीता ने हरियाणा प्रदेश में को विश्व स्तर पर एक विशिष्ट पहचान दी है। गीता का अनुसरण करते हुए व्यक्ति अपने कर्तव्य पथ से भ्रमित नहीं हो सकता।

आज सुबह 11 बजे वैश्विक अष्टादश गीता श्लोक उच्चारण से प्रारंभिक सत्र का शुभारंभ किया गया। स्वामी ज्ञानानंद महाराज की ओर से संचालित संस्था जीओ गीता के अनुयायियों ने मधुर स्वर में गीता के 18 श्लोकों का उच्चारण किया। इस सत्र में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक आर. एस. सांगवान ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मार्गदर्शन में हरियाणा ही नहीं, देश-विदेश में भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गीता महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पानीपत आगमन पर हरियाणा को हरि की धरती कहा। भगवान श्रीकृष्ण ने करीब पांच हजार साल पहले कुरुक्षेत्र की भूमि पर अर्जुन के माध्यम से समस्त मानवता को गीता का अनुपम संदेश दिया था। जो कि आज भी मानव जीवन के लिए सटीक प्रासंगिकता रखता है।

डीआईपीआरओ मूर्ति ने एडीआईपीआर आर. एस. सांगवान का स्वागत किया। दोपहर दो बजे तक जारी रहे इस सत्र में कलाग्राम सोसायटी की कलाकार अनु रावल व उनकी टीम ने कृष्ण लीला पर आधारित कत्थक नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी। हरियाणवी लोक कलाकार मोंटी शर्मा व जैकबपुरा राजकीय विद्यालय की छात्राओं ने मनोहारी लोक नृत्य प्रस्तुत किया। गिव गीता के अच्युतानंद दास ने गीता ज्ञान को प्रत्येक मनुष्य के लिए आवश्यक बताया।

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