भारत सारथी

चण्डीगढ़, हरियाणा में काफी समय से टलते जा रहे निकाय चुनाव के जल्द होने की उम्मीद जगी है। जिसके संकेत हरियाणा सरकार द्वारा हाईकोर्ट में एक चुनाव से संबंधित याचिका में जवाब दाखिल करने के बाद मिले हैं। जिसमें सरकार ने कहा है कि 4 जनवरी 2025 से पहले निकाय चुनाव की घोषणा कर दी जाएगी। यह जवाब हरियाणा सरकार की ओर से इस मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई पर दाखिल किया है। हाईकोर्ट में केस की सुनवाई के दौरान सरकार ने भरोसा दिलाया गया है, कि 4 जनवरी से पहले निकायों के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी जाएगी। वहीं 4 फरवरी 2025 तक चुनाव संपन्न करा कर रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा।

सरकार ने हाईकोर्ट में दिए गए आश्वासन से राज्य में स्थानीय निकायों के चुनाव कराने के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा एक महीने के भीतर निश्चित रूप से कर दी जाने की सम्भावना बढ़ गई है।

प्रदेश सरकार के जवाब से याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने की अनुमति देते हुए हाई कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि इस याचिका में उठाए गए मुद्दों को किसी भी उचित चरण में फिर से उठाए जाने और निर्धारित किए जाने के लिए रखा गया है।

हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में एक याचिका के जवाब में 4 जनवरी से पहले निकाय चुनाव की घोषणा की बात कही है।

इन निकायों में होने हैं चुनाव

जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा की खंडपीठ ने राज्य में नगर निगम निकाय में देरी के मुद्दे पर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किए हैं। खास बात यह है कि राज्य में अधिकतर नगर निगमों के चुनाव लंबे समय से लंबित हैं। इसमें गुरुग्राम, करनाल, हिसार, फरीदाबाद, रोहतक और यमुनानगर सहित कुछ महत्वपूर्ण स्थानीय निकायों के चुनाव शामिल हैं।

वहीं नगर निगम गुरुग्राम के चुनाव आखिरी बार 2017 में हुए थे और पार्षदों व मेयर का कार्यकाल भी नवम्बर 2022 में पूरा हो गया था, तथा करनाल, हिसार, फरीदाबाद, रोहतक और यमुनानगर नगर निगमों के चुनाव भी चालू वर्ष जनवरी में कार्यकाल खत्म होने के बाद होने थे।

कार्यकाल खत्म होने के कितने महीने बाद होने चाहिए थे चुनाव

इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि नियमों के अनुसार नए चुनाव 6 महीने के भीतर होने चाहिए थे। लेकिन परिसीमन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाने के कारण इसमें देरी हुई और यदि परिसीमन पूरा नहीं हुआ है, तो मौजूदा परिसीमन के अनुसार चुनाव कराए जाने हैं। वहीं गुरुग्राम में तो इस बात की चर्चा है कि यहां तो अभी दिवाली से पहले चुनाव होने की संभावना नजर आ रही है। जबकि सरकार चाहे तो कुछ भी कभी भी करा सकती है।

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