-किसानों को शांतिपूर्ण तरीके से पैदल जाने की अनुमति मिलनी चाहिए -एमएसपी का मसला केंद्र सरकार का है, पंजाब पर आरोप न लगाए सरकार -किसानों पर आंसू गैस के गोले दागना निंदनीय चंडीगढ़, 7 दिसंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि एमएसपी गारंटी का कानून बनाने की मांग पर पैदल दिल्ली कूच कर रहे किसानों को जबरन रोकना, लाठीचार्ज करना तथा आंसू गैस के गोले दागना निंदनीय है। सरकार द्वारा अपनाई जा रही दमनकारी नीति किसानों की समस्या का समाधान नहीं है। यदि सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान करना चाहती है तो आपस में बैठकर वार्ता करनी चाहिए। मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि दिल्ली कूच के लिए शंभू बॉर्डर से किसान शांतिपूर्ण तरीके से पैदल ही सीमित संख्या में रवाना हुए थे। पुलिस ने पूर्व में किसानों को पैदल मार्च करने अनुमति देने का वादा किया था, मगर बाद में कई तरह की बंदिशें लगा दी। जब 101 किसानों का जत्था दिल्ली के लिए रवाना हुआ तो सरकार के इशारे पर पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए पूरा दम लगा दिया। किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे गए जो अनुचित है। किसानों पर जिस तरह से भाजपा की सरकार अत्याचार कर रही है, उससे सरकार का किसान विरोधी चेहरा सामने आ गया है। एक तरफ सरकार किसानों के कल्याण के लिए नीतियां बनाने का दावा करती है, दूसरी तरफ जब किसान अपनी जायज मांगों को मनवाने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करते हैं तो उन्हें बलपूर्वक दबाया जा रहा है। कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश के सीएम नायब सिंह सैनी ने किसानों से हमदर्दी जताने की बजाय बेतुका बयान दिया है। सीएम ने कहा है कि दिल्ली कूच करने वाले किसान पंजाब राज्य के हैं। इसलिए पंजाब के सीएम को किसानों से बात करनी चाहिए। सीएम का यह गैर जिम्मेदाराना बयान है क्योंकि किसान पंजाब के हो या हरियाणा के। लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने का हक है। एमएसपी का मामला केंद्र सरकार से जुड़ा हुआ है, पंजाब से नहीं। यदि पंजाब के किसान एमएसपी गारंटी का कानून बनाने की मांग पर केंद्र सरकार के पास जा रहे हैं तो हरियाणा सरकार को क्या आपत्ति है। सिर्फ किसान हरियाणा होकर दिल्ली जाना चाहते हैं। ऐसे में किसानों को हरियाणा में रोकना लोकतंत्र विरोधी कदम है। रास्ता बंद करना, सड़क खोदना, कीलें व कंटीली तारें बिछाना समस्या का समाधान नहीं है। सांसद सैलजा ने कहा कि सरकार को तुरंत किसानों के साथ बैठकर बात करनी चाहिए और किसानों की जो मांग है, उसे सरकार को पूरा करना चाहिए। Post navigation 101 निहत्थे किसान पैदल दिल्लीे चलेे जाते तो कौनसा पहाड टूट जाता? क्या किसान भारत के नागरिक नही ? विद्रोही प्रधानमंत्री मोदी को एमएसपी की गारंटी के कानून का वादा याद दिलाने के लिए दिल्ली जाना चाहते हैं किसान : डॉ. सुशील गुप्ता