शम्भू बार्डर व खनोरी बार्डर से पैदल दिल्लीे कूच करने वाले निहत्थे किसानों पर हरियाणा पुलिस द्वारा कैमिकल स्प्रे व आंसू गैस के गोले छोडनेे, लाठियां बरसाना घोर अमानवीय, असवैद्यानिक कुकृत्य : विद्रोही

पुलिस ने बर्बरता की सभी हदे पार करकेे पैदल जाने वाले किसानों पर न केवल कैमिकल स्प्रे किया अपितु भारी मात्रा में आंसू गैसे गोले भी दागेे जिसके कारण 5 किसान गंभीर रूप से घायल हो गए : विद्रोही

7 दिसम्बर 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने शम्भू बार्डर व खनोरी बार्डर से पैदल दिल्लीे कूच करने वाले निहत्थे किसानों पर हरियाणा पुलिस द्वारा कैमिकल स्प्रे व आंसू गैस के गोले छोडनेे, लाठियां बरसाने की कठोर आलोचना करते हुए इसे घोर अमानवीय, असवैद्यानिक कुकृत्य बताया। विद्रोही ने कहा कि तीसरी बार हरियाणा की सत्ता मिलने के बाद भाजपा इस कदर सत्ता मद में चूर हो गई है कि वह संविधान, सुप्रीम कोर्टेे निर्देशों की अवेहलना करकेे निहत्थे किसानों को पैदल दिल्ली जाने से रोकने के लिए बर्बरता की सभी हदे पार कर रहीे है। किसानों व मोदी सरकार के बीच विवाद के चलते पिछले नौ माह से ज्यादा समय से शम्भू बार्डर पर धरने पर बैठे किसानों के मामले में सुप्रीम कोर्ट नेे सुनवाई करते हुए स्पष्ट कहा था कि यदि शम्भू बार्डर से किसान शांतिपूर्ण ढंग से निहत्थ पैदल जाते है तो किसीे को भी कोई एतराज नही होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ही शम्भू बार्डर धरनारत किसानों ने न केवल 101 किसानों का पैदल जत्था दिल्ली पैदल कूच के लिए निकाला तो पुलिस ने बर्बरता की सभी हदे पार करकेे पैदल जाने वाले किसानों पर न केवल कैमिकल स्प्रे किया अपितु भारी मात्रा में आंसू गैसे गोले भी दागेे जिसके कारण 5 किसान गंभीर रूप से घायल हो गए।  

विद्रोही ने सवाल किया कि 101 किसानों का पैदल जत्था कौनसा कानून तोड रहा था और ऐसा क्या खतरा पैदा कर रहा था कि हरियाणा भाजपा सरकार ने किसानों पर बर्बरता करने के लिए सभी हदे पार करके किसानो को शम्भू बार्डर पर रोके रखने को निर्देश दिया। यदि 101 निहत्थे किसान पैदल दिल्लीे चलेे जाते तो कौनसा पहाड टूट जाता? क्या किसान भारत के नागरिक नही है? हरियाण पुलिस ने अन्नदाता किसानों के साथ ऐसा बर्बर व्यवहार किया कि मानो वे भारत के नागरिक न हो और पाकिस्तान से आये घुसपैठिये हो? भाजपा सरकार ने किसान विरेध की सभी सीमाएं पार करके किसानों के मौलिक, संवैद्यानिक अधिकारों को सत्ता बल पर कुचलने की पूरी ताकत ऐसी झोंक दी कि मानो वे आंतकवादी हो। सत्ता मद में चूर हरियाणा भाजपा सरकार का यह रवैया घोर निंदनीय, आपत्तिजनक, अलोकतांत्रिक तो है ही साथ में गैरसंवैद्यानिक भी है। विद्रोही नेे कहा कि शम्भू बार्डर पर किसानों के साथ ऐसा बर्बर व्यवहार करके भाजपा ने फिर साबित कर दिया है कि उसके डीएनए मेें किसान विरोध कूट-कूटकर भरा हुआ है। ऐसीे स्थिति में भाजपा किसानों को कुचलने, दबाने सत्ता बल पर बर्बरता की सभी हदे पारेे कर रहीे है जिसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नही किया जा सकता।  

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