भारत सारथी

गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज: गुरुग्राम के जिला न्यायालय में अधिवक्ताओं, वादकारियों और सहायक कर्मचारियों की बढ़ती संख्या के बावजूद, बुनियादी ढांचे की गंभीर कमी बनी हुई है। वहीं जस्टिस टावर के निर्माण में हो रही देरी पर भी सवाल उठाते हुए कम से मांग की है कि जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूर्ण कराया जाए। वरिष्ठ वकील आर्यन यादव ने जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि न्यायालय परिसर में प्रतिदिन 9500 अधिवक्ता और 15,000 अन्य लोग आते हैं, लेकिन उन्हें पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने निम्नलिखित मुख्य बिंदुओं पर गौर करते हुए सरकार से मांग की है।

मुख्य बिंदु:

जस्टिस टॉवर का निर्माण:

जस्टिस टॉवर की योजना 5 साल पहले शुरू हुई थी लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ।

निर्माण कार्य की धीमी गति के कारण इसे पूरा होने में 2-3 साल और लग सकते हैं।

चैंबर और कार्यस्थल की कमी:

नए अधिवक्ताओं के लिए न्यायालय परिसर में चैंबर और बैठने की व्यवस्था नहीं है।

हर साल 500-700 नए अधिवक्ता जुड़ते हैं, लेकिन मौजूदा भवन में जगह नहीं है।

अधिवक्ताओं ने स्व-वित्तपोषण के तहत चैंबर निर्माण की पेशकश की है, लेकिन इसके लिए भूमि का आवंटन आवश्यक है।

अधिकारियों से अपील:

जिला न्यायालय से सटे 5 एकड़ भूमि के आवंटन और जस्टिस टॉवर के शीघ्र निर्माण की मांग।

इस मामले को जिला एवं सत्र न्यायाधीश, उपायुक्त, और हरियाणा उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तावित किया जाएगा।

एक प्रतिनिधिमंडल हरियाणा के मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने की योजना बना रहा है।

अन्य समस्याएं:

न्यायालय परिसर में पार्किंग की कमी।

नए मीटिंग हॉल और कार्यस्थलों की आवश्यकता।
बार एसोसिएशन ने इस विषय में एकजुट होकर कदम उठाने और प्रशासन पर लगातार दबाव बनाने का निर्णय लिया है। उनका उद्देश्य है कि जस्टिस टॉवर और वकीलों के चैंबर जल्द से जल्द तैयार हों।

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