17 अक्टूबर को नायब सिंह सैनी के नाम से ली मुख्यमंत्री पद की शपथ हालांकि राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री पद पर नायब सिंह के नाम से की गई नियुक्ति 25 अक्टूबर को विधानसभा सत्र के प्रथम दिन नायब सिंह के नाम से ली विधायक पद की शपथ इसी वर्ष 12 मार्च को हालांकि नायब सिंह के नाम से ली थी पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ चंडीगढ़– हरियाणा के मुख्यमंत्री का आधिकारिक नाम नायब सिंह सैनी है अथवा नायब सिंह. ऐसा इसलिए क्योंकि गत माह 17 अक्टूबर को जब प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने उन्हें प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई, तो उन्होंने नायब सिंह सैनी के नाम से शपथ ली थी हालांकि प्रदेश सरकार के कैबिनेट सचिवालय द्वारा उसी दिन प्रदेश के शासकीय गजट में प्रकाशित नोटिफिकेशन में उल्लेख है कि हरियाणा के राज्यपाल द्वारा नायब सिंह को हरियाणा का मुख्यमंत्री नियुक्त किया जाता है. रोचक बात यह है कि आठ माह पूर्व 12 मार्च 2024 को जब हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमत्री मनोहर लाल को बदलकर नायब सिंह को मुख्यमंत्री बनाया गया था, तब उन्होंने हालांकि नायब सिंह सैनी के नाम से नहीं बल्कि नायब सिंह के नाम से ही प्रदेश के मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ली थी. पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि गत माह 9 अक्टूबर को भारतीय चुनाव आयोगद्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम (आर.पी. एक्ट). 1951 की धारा 73 के अंतर्गत प्रकाशित एक गजट नोटिफिकेशन मार्फ़त हरियाणा की सभी 90 वि.स. सीटों की क्रम संख्या और नाम एवं हर सीट से सम्बंधित रिटर्निंग ऑफिसर (आर.ओ.) द्वारा घोषित निर्वाचित उम्मीदवार का नाम और उसकी राजनीतिक दल से सम्बद्धता (या उसके निर्दलीय होने) बारे उल्लेख किया गया. उस नोटिफिकेशन में कुरुक्षेत्र जिले की 11-लाडवा विधानसभा सीट से निर्वाचित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक का नाम नायब सिंह दर्शाया गया है. विधानसभा चुनाव दौरान लाडवा वि.स. हलके से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर भरे गये नामांकन फॉर्म और उसके साथ संलग्न एफिडेविट (हलफनामे) में भी नायब सिंह के नाम का उल्लेख किया गया था. वहीँ गत माह 25 अक्टूबर को नव-गठित 15वीं हरियाणा विधानसभा के बुलाए गए प्रथम सत्र में प्रदेश के राज्यपाल द्वारा विशेष रूप से नियुक्त कार्यवाहक (प्रो-टेम) स्पीकर डॉ. रघुवीर कादयान द्वारा जब सभी नव-निर्वाचित विधानसभा सदस्यों को विधायक पद की शपथ/ प्रतिज्ञान कराया गया, तो सबसे पहले मुख्यमंत्री ने नायब सिंह के नाम से ही विधायक पद के लिए शपथ ली थी. हालांकि तब एक रोचक परन्तु महत्वपूर्ण बिन्दु यह रहा कि नायब सिंह ने विधायक पद के लिए ईश्वर की शपथ के साथ साथ सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान भी कर लिया. हेमंत ने बताया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 188 के अंतर्गत राज्य की विधानसभा का प्रत्येक सदस्य अपना स्थान ग्रहण करने से पहले राज्यपाल या उसके द्वारा इस निमित नियुक्त व्यक्ति के समक्ष तीसरी अनुसूची में इस प्रयोजन के लिए दिए गए प्ररूप के अनुसार शपथ लेगा अथवा प्रतिज्ञान करेगा और उस पर अपने हस्ताक्षर करेगा. अब इसे हरियाणा विधानसभा सचिवालय के संबंधित अधिकारियों की या तो लापरवाही कहा जा सकता है या उनसे हुई एक गंभीर चूक कि उन्होंने मौजूदा नव-गठित विधानसभा सदन के नव-निर्वाचित सदस्यों को विधायक पद की शपथ लेने के लिए शपथ/प्रतिज्ञान का ऐसा ड्राफ्ट फॉर्म (प्ररूप) तैयार करके उन सभी के हाथों में दिया जिसे पढ़कर सदन में सर्वप्रथम विधायक पद की शपथ लेने वाले मुख्यमंत्री नायब सिंह और उनके बाद उनके मंत्रिपरिषद में 5 कैबिनेट मंत्री नामतः कृष्ण लाल पंवार, महिपाल ढांडा, रणबीर गंगवा, श्याम सिंह राणा, आरती सिंह राव और एक राज्य मंत्री ( स्वतंत्र कार्यभार) गौरव गौतम ने विधायक पद के लिए ईश्वर की शपथ के साथ साथ सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान भी कर लिया जबकि इनमें अर्थात शपथ अथवा प्रतिज्ञान में से एक ही किया जा सकता है दोनों का नहीं. ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि गत माह 17 अक्टूबर को जब नायब सिंह सैनी द्वारा मुख्यमंत्री के पद और गोपनीयता की शपथ ली गई थी तब उनके द्वारा एवं उनके साथ उपरोक्त 6 मंत्रियों द्वारा ईश्वर की शपथ लेने के साथ सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान नहीं किया गया था हालांकि तब भी मुख्यमंत्री और मंत्रियों द्वारा उनकी इच्छा के अनुसार या तो शपथ लेने अथवा प्रतिज्ञान करने का विकल्प होता है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री को बेशक मनोहर लाल खट्टर के नाम से आम तौर पर जाना और संबोधित किया जाता है हालांकि उनका आधिकारिक नाम मनोहर लाल ही रहा एवं उन्होंने अक्टूबर, 2014 और अक्टूबर, 2019 में दोनों बार मनोहर लाल के नाम से ही हरियाणा के मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ली थी. इसी वर्ष जून, 2024 में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होते समय भी उन्होंने मनोहर लाल के नाम से शपथ ली थी. Post navigation छठ महापर्व हमें प्रकृति से प्रेम, जल व वायु को स्वच्छ रखने और सामाजिक समरसता का देता है संदेश:- नायब सैनी क्या खराब होती वायु गुणवत्ता के लिए किसान व पराली ही जिम्मेदार है? अन्य कारक जिम्मेदार नही ? विद्रोही