कहा- संवैधानिक पद पर बैठे सीएम की भाषा सभ्य और शालीन होनी चाहिए

चंडीगढ़, 05 नवंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला पर जो टिप्पणी की है वह पूरे दलित समाज का अपमान है, प्रदेश के मुखिया की भाषा सभ्य और शालीन होनी चाहिए, ऐसे शब्दों का प्रयोग अस्वीकार्य एवं अतिनिंदनीय है। मुख्यमंत्री अहंकार में चूर होकर जानबूझकर दलित समाज का अपमान कर रहे हैं जिसे किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने सुरजेवाला पर सीएम द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर कहा है कि मुख्यमंत्री के पास विपक्ष की किसी भी बात का जवाब न होने पर वे उल-जलूल भाषा बोलकर दलित समाज का अपमान कर रहे हैं और अहंकारी टिप्पणी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दलित समाज के बगैर हरियाणा के संस्कार और संस्कृति नहीं चल सकती। सत्ता के मद में चूर मुख्यमंत्री दलित समाज का अपमान कर आखिर क्या साबित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का हर नेता और हर कार्यकर्ता भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाता रहेगा। अगर सरकार के पास कोई जवाब है तो वह जनता के बीच खड़े होकर दें। उन्होंने कहा कि भाजपा ने चुनाव जीता है पर उसकी जनता के प्रति जवाबदेही खत्म नहीं हुई है, हम भी और जनता भी जवाब मांगती रहेंगी।

किसानों को लेकर सरकार की कथनी और करनी में बड़ा अंतर

कुमारी सैलजा ने कहा कि जब भी किसानों की बात आती है तो भाजपा सरकार स्वयं को किसान हितेषी होने का दावा करती है। अगर सरकार वाकई किसान हितेषी है तो खाद और बीज के लिए किसान सुबह से रात तक लाइनों में खड़ा रहता है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है। एमएसपी के नाम पर किसानों के साथ छल किया जा रहा है। लाइन में खड़े किसानों पर लाठी चार्ज किया जा रहा है। हाइब्रिड परमल के नाम पर धान की फसल की खरीद में काट लगा सरेआम लूट मचाई जा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने सदा ही किसानों को धोखे में रखा है,धान का जो भाव कहा था उस पर धान खरीदा ही नहीं जा रहा है, फसल का एक एक दाना खरीदने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री को क्या अनाजमंडी में लगी धान की ढेरियां दिखाई नहीं दे रही। उन्होंने कहा कि हरियाणा कृषि प्रधान राज्य है, प्रदेश और केंद्र सरकार को किसानों की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए, घोषणाएं करने से कुछ नहीं होगा, फसलों का एक एक दाना खरीदा जाए, खाद की उचित व्यवस्था की जाए।

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