-कमलेश भारतीय

खोया मेरा दिल है, बड़ी उलझन है, कांग्रेस और इसके नेताओं की ! आखिरकार हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार का ठीकरा किस पर फोड़ें तो कैसे फोड़ें? गुटबाजी पर फोड़ें या फिर ईवीएम पर? कौन सा बड़ा कारण माना जाये हार का -गुटबाजी या ईवीएम? कभी गुटबाजी बहुत बड़ा फैक्टर बन कर सामने आती है तो कभी ईवीएम सबसे बड़ी बात लगती है। आखिर मानें तो किसे मानें? कांग्रेस कह रही है कि निर्वाचन आयोग ने सुनवाई का एक मौका तक नहीं दिया और निर्वाचन आयोग का जवाब है कि बिल्कुल निष्पक्ष चुनाव हुआ है। अब कौन सही, कौन गलत? कांग्रेस नेताओं ने पत्र लिखकर कहा है कि छब्बीस विधानसभा क्षेत्रों में ईवीएम और मतगणना में फिर से चैकिंग करवाई जाये जबकि आयोग का जवाब अहंकार भरा है । ऐसा लग रहा है जैसे आयोग खुद को क्लीन चिट दे रहा है । कांग्रेस के नेताओं ने पत्र में लिखा है कि हम नहीं जानते कि आयोग को कौन सलाह दे रहा है या इसका मार्गदर्शन कौन कर रहा है लेकिन ऐसा लगता है कि आयोग यह भूल गया है कि वह संवैधानिक निकाय है । यह चेतावनी भी दी है कि यदि आयोग सुनवाई का अवसर नही देता तो कांग्रेस कोर्ट का सहारा लेगी । इस तरह यह बात अब आयोग से आगे कोर्ट तक जाने की नौबत दिख रही है या कोर्ट जाने की नौबत आ सकती है !

दूसरा बड़ा कारण दिग्गज नेता चौ बीरेंद्र सिंह गुटबाजी व संगठन न होना को मान रहे हैं । इस गुटबाजी के चलते अब तक नेता विपक्ष का चुनाव भी नहीं हो पा रहा जबकि पर्यवेक्षक चंडीगढ़ आकर सभी सैंतीस विधायकों की राय जानकर कब के दिल्ली लौट चुके और अपनी रिपोर्ट कांग्रेस हाईकमान को सौंप चुके हैं, फिर भी इंतज़ार की घड़ियां खत्म नहीं हो रहीं ! अब कितने कारण सामने आ रहे हैं कांग्रेस की हार के, फिर भी यह समझ नहीं आ रहा कि सबसे बड़ा कारण क्या रहा-गुटबाजी या फिर ईवीएम?
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी। 9416047075

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