हरी सब्जियों के दाम में बेहिसाब इजाफा, शक्कर, बेसन, सूजी, मैदा मंहगा त्योहारी सीजन में आम आदमी की जेब काट रही महंगाई नवरात्रों संपन्न होने के बाद से सब्जियों के दामों में बेहिसाब इजाफा लहसुन के साथ चढ़ गये आलू-प्याज के दाम, बढ़ गयी है टमाटर की लाली, हरी मिर्च के तेवर भी हाई सब्जी की खरीदारी में कई कर रहे कटौती, कई ने आजमाया दाल-रोटी का नुस्खा अशोक कुमार कौशिक त्योहारी सीजन आया नहीं कि भोजन की थाली से हरी सब्जियां गायब होने लगी हैं। आलम यह है कि पर्व-त्योहार के दिन जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, सब्जियों के भाव चढ़ते जा रहे हैं। महंगाई का यह हाल देख कई लोगों ने सब्जी की खरीदारी में कटौती करनी शुरू कर दी है, तो कई ने दाल-रोटी शुरू कर दी है। 31 अक्टूबर को दिवाली को लेकर लोगों में उत्साह तो है लेकिन घरों में तैयार किए जाने वाले पकवानों में इस्तेमाल होने वाली किरानी सामग्री व सब्जियों के दाम बढ़ने से जेब पर असर पड़ रहा है। शक्कर, बेसन, सूजी, मैदा सहित टमाटर, प्याज, आलू, गोभी के भाव ने जायका बिगाड़ दिया है। टमाटर 80-120 रुपए और गोभी 90 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। अन्य सब्जियों की कीमतें भी तेजी से बढ़ रही हैं। इसके चलते दिवाली में किचन 15 फीसदी महंगा हो गया है। हालांकि रेट पहले से भी बढ़ा हुआ था, पर नवरात्र के बाद से ही सब्जियां महंगी होती जा रही हैं। नतीजतन मध्यमवर्गीय लोग परेशान हो उठे हैं। परेशानी की वजह है कि हरी सब्जियों के साथ-साथ आलू, प्याज व लहसुन की कीमत भी काफी बढ़ गयी है। प्याज से लेकर लहसुन की कीमतों में काफी इजाफा हुआ है। प्याज 60 तो लहसुन 300 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। यदि टमाटर की बात करें तो 90 से 120 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। वहीं आलू 35 रुपये किलो से नीचे नहीं आया है। नतीजतन, लोग हरी सब्जियां अब सोच समझ कर खरीद रहे हैं। जहां लोग दो से तीन किलो सब्जी घर लेकर जाते थे वहां अब आधा से एक किलो खरीद रहे हैं। टमाटर की बिक्री में कमी सब्जी मंडी में 20 साल से दुकान चला रहे बिट्टू का कहना है कि वह केवल टमाटर बेचते हैं। उन्होंने बताया कि देसी टमाटर 80-120 रुपये किलो और बम्बई टमाटर 70-100 रुपये किलो बिक रहा है। लौकी 50 रुपये किलो तो गोभी 80 रुपये किलो है। गाजर 50 रुपये, खीरा 40 रुपये और परवल 60 रुपये किलो बिक रहा है। लहसुन 350 रुपये किलो और अदरक 200 रुपये किलो है। महंगाई का असर ग्राहकों की खरीदारी पर साफ दिख रहा है। पहले जहां ग्राहक 1 किलो टमाटर खरीदते थे, अब वे आधा किलो या उससे भी कम खरीद रहे हैं। हालांकि, आढ़तियों की दुकान पर अब भी रोज़ाना 10 से 15 कैरेट टमाटर बिक जाते हैं। प्याज की बिक्री में गिरावट 18 साल से घोड़ा रेहड़ी में प्याज बेच रहे रंजीत ने बताया कि प्याज की कीमतें बढ़ने का असर उनकी बिक्री पर पड़ा है। वह 60-70 रुपये प्रति किलो प्याज बेच रहे हैं। रंजीत ने बताया कि प्याज कट्टे में आने के बाद सड़ जाता है, जिससे वजन कम हो जाता है और भाड़ा भी आठ से नौ रुपये किलो तक बढ़ जाता है। अगर प्याज 30-40 रुपये किलो होता, तो उनकी बिक्री बढ़ सकती थी। रंजीत का परिवार इसी दुकानदारी से चलता है, लेकिन बढ़ती महंगाई के कारण उन्हें बहुत अधिक आय नहीं हो पा रही है। लहसुन और अदरक की कीमतें 20 साल से मंडी में अदरक और लहसुन बेच रहे दुकानदार ने बताया कि वह सैनी बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं। लहसुन की कीमतें 200 से 300 रुपये किलो तक पहुंच गई हैं, जबकि देशी लहसुन 200 -250 रुपये किलो बिक रहा है। मिर्च भी 100 रुपये किलो तक बिक रही है। उन्होंने बताया कि महंगाई के कारण ग्राहकों की संख्या में कमी आई है। मांग के अनुरूप आवक नहीं होने से चढ़े दाम बाजार में आलू-प्याज से लेकर सभी सब्जियों के दाम काफी बढ़े हुए हैं। बाजार में सब्जी विक्रेता ने दीपावली से पहले सब्जियों के दाम ओर भी बढ़ने की संभावना जतायी हैं। ज्यादा बारिश से सब्जी की पैदावर को काफी नुकसान पहुंचा है। किसानों को काफी क्षति पहुंचा है। इस वजह से सब्जियों की कीमतों में इजाफा हुआ है। नवरात्रों और दीपावली के दौरान सब्जियों की डिमांड बढ़ जाती है। लेकिन आमद कम रहती है। इससे सब्जियों के दाम बढ़ सकते हैं। सब्जी खरीद रही मीनू और रचना ने बताया कि 300 रुपये में इन दिनों सब्जियों से झोला नहीं भर रहा है। महिलाओं ने बताया कि 500 रुपये की सब्जी खरीदने पर 6 से 7 दिन ही चल पाती है। बाजार में सब्जी मंडी में सब्जी खरीद रहे मनीष ने बताया कि मंहगा होने के कारण एक किलो तक दो तरह की हरी सब्जी खरीद रहे हैं। महंगाई के बावजूद मोदी का समर्थन ग्राहक महेश कुमार ने अपनी राय देते हुए कहा कि महंगाई भले ही बढ़ी हो, लेकिन वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में हैं। उन्होंने टमाटर की बढ़ती कीमतों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इतना महंगा टमाटर खरीदना मुश्किल हो गया है। भारत आटा व दाल की भी बढ़ सकती हैं कीमतें अभी तक सस्ते दर पर मिल रहे भारत ब्रांड आटा, दाल और चावल भी त्योहारी सीजन में महंगे हो सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, जल्द ही इनकी बिक्री शुरू होगी। 10 किलो आटे के दाम अब 300 रुपये होंगे, जो पहले 275 रुपये था। 10 किलो चावल का भाव 320 रुपये हो जाएगा जो पहले 295 रुपये था। एक किलो चना दाल की कीमत 60 से बढ़कर 70 रुपये हो जाएगी। मूंग दाल 107 रुपये किलो सरकार भारत ब्रांड दाल (मूंग) 107 रुपये किलो बेच सकती है। मसूर को सस्ता बेचने की तैयारी है। इसे 89 रुपये किलो के भाव पर बेचा जा सकता है। हालांकि, दालों के दाम लंबे समय से स्थिर हैं। कीमतों में तेजी से कुछ किसानों को फायदा तो नुकसान भी कीमतों में तेजी से जहां कुछ किसानों को लाभ हुआ है, वहीं अन्य को भारी बारिश से नुकसान हुआ है। उम्मीद है कि नई फसल आने के बाद कीमतें स्थिर हो जाएंगी। किसानों ने कहा, जिन इलाकों में कम बारिश हुई है या जहां फसलों को कम नुकसान हुआ है, वहां अच्छा भाव मिल रहा है। पर ज्यादातर किसानों की फसलें खराब होने से उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। Post navigation भाजपा सरकार के मंत्री, विधायक भ्रष्टाचार व कुव्यवस्था का आरोप किस पर लगा रहे है? विद्रोही मुख्यमंत्री ने जिला नगर आयुक्तों और नगर निगम आयुक्तों के साथ की अहम बैठक