भाजपा चुनाव आयोग की मिलीभगत व धांधली के बाद भी चुनाव परिणामों का विश्लेषण करने के बाद भी कोई अंधा भी कह सकता है कि इन सबके बावजूद भी यदि कांग्रेसी गुटबाजी, निजी स्वार्थो, एक-दूसरों को निपटाने की सोच से ऊपर उठकर निजी लाभ की बजाये कांग्रेस के हित को महत्व देकर चुनाव लडते तो इन हालातों में भी कांग्रेस 46 से 50 सीटे जीत सकती थी : विद्रोही पहले कांग्रेस ऐसे नेताओं से कांग्रेस अपना पिंड छुडाये। बिना जमीनी धरातल पर पसीना बहाये दिल्ली में दरबारी बनकर जब कांग्रेसी बड़े नेता बनते रहेंगे, फिर वे निजी हितों केे लिए कांग्रेस को पलीता नही लगाएंगे तो क्या करेंगे? विद्रोही 20 अक्टूबर 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा कि विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के लिए भाजपा का सत्ता दुरूपयोग, धन शक्ति, चुनाव आयोग का पक्षपातपूर्ण रवैया तो जिम्मेदार है ही, पर सारी जिम्मेदारी इन्ही पर डालकर कांग्रेस नेताओं के क्रियाक्लापों पर विश्लेषण करके अपना आत्मविश्लेषण न करना भी सत्य व जमीनी धरातल की वास्तविकता से भागना है। विद्रोही ने कहा कि भाजपा ने सत्ता दुरूपयोग, धन शक्ति व चुनाव आयोग के पक्षपातपूर्ण रवैये के बाद भी कांग्रेस चुनाव जीत सकती थी। कांग्रेस की हार के लिए स्वयं कांग्रेस जिम्मेदार है। भाजपा चुनाव आयोग की मिलीभगत व धांधली के बाद भी चुनाव परिणामों का विश्लेषण करने के बाद भी कोई अंधा भी कह सकता है कि इन सबके बावजूद भी यदि कांग्रेसी गुटबाजी, निजी स्वार्थो, एक-दूसरों को निपटाने की सोच से ऊपर उठकर निजी लाभ की बजाये कांग्रेस के हित को महत्व देकर चुनाव लडते तो इन हालातों में भी कांग्रेस 46 से 50 सीटे जीत सकती थी। विद्रोही ने कहा कि कांग्रेस की समस्या यह है कि वह कभी भी हार के कारणों का न तो ईमानदारी से विश्लेषण करती है और न ही अपना आत्मविश्लेषण करके किसी की जवाबदेही तय करने की बजाय भाजपा चुनाव आयोग के सिर पर हार का ठीकरा फोडकर कांग्रेसी अपनी जवाबदेही सेे भाग जाते है और जो नेता कांग्रेस की हार के लिए जिम्मेदार होते है, उन्हे दंडित करने की बजाय कांग्रेस नेतृत्व इनाम के रूप में प्रमोशन देता है। सवाल उठता है कि जब कांग्रेस की हार के लिए जिम्मेदार नेताओं पर कोई कार्रवाई होने की बजाय उन्हे प्रमोशन मिलेगा, उनके पद बरकरार रहेंगे तो ऐसे स्वार्थी नेता कांग्रेस को बार-बार हराएंगे नही तो क्या जिताएंगे? विद्रोही ने कहा कि जिन नेताओं के लिए पार्टी के सम्मान, हित से ज्यादा निजी हित व सम्मान पहली प्राथमिकता है,े पहले कांग्रेस ऐसे नेताओं से कांग्रेस अपना पिंड छुडाये। बिना जमीनी धरातल पर पसीना बहाये दिल्ली में दरबारी बनकर जब कांग्रेसी बड़े नेता बनते रहेंगे, फिर वे निजी हितों केे लिए कांग्रेस को पलीता नही लगाएंगे तो क्या करेंगे? कांग्रेस नेतृत्व को दूसरों पर दोष देने से पहले कांग्रेस कार्यप्रणाली व हार की जवाबदेही तय करके उसके लिए जिम्मेदार लोगों को पदों से हटाना शुरू करना होगा तभी कांग्रेस अपना पुराना वभैव फिर से वापिस प्राप्त कर सकती है। Post navigation केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से नई दिल्ली में की मुलाकात भाजपा सरकार किसानों को डराने का कर रही है काम: कुमारी सैलजा