भाजपा ने चुनाव दौरान नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित कर दिया था तब शपथ समारोह के लिए 17 अक्टूबर तक का इंतजार समझ से परे है : विद्रोही

यक्ष प्रश्न यह भी है कि भाजपा की बनने वाली तीसरी सरकार में मुख्यमंत्री व मंत्रीमंडल गठन में भी सबसे अहम भूमिका आज भी मनोहरलाल खट्टर ही निभा रहे है : विद्रोही

14 अक्टूबर 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने सवाल किया कि विधानसभा चुनाव में 48 सीटे जीतने व नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने के बाद भी चुनाव परिणामों के एक सप्ताह उपरान्त भी नायब सिंह सैनीे को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के लिए हो रही देरी और नये मुख्यमंत्री को 17 अक्टूबर को भाजपा द्वारा शपथ दिलाने का ऐलान बताता है कि भाजपा में इतना आतंरिक विरोध, गुटबाजी है कि वे मुख्यमंत्री को शपथ दिलाने में अनावश्यक दस दिन का समय लगा रहे है। विद्रोही ने कहा कि जब भाजपा ने चुनाव दौरान नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित कर दिया था तब शपथ समारोह के लिए 17 अक्टूबर तक का इंतजार समझ से परे है। मुख्यमंत्री पद शपथ समारोह को चुनाव परिणाम घोषित होने के दस दिन बाद आयोजित करने से साफ है कि जैसा भाजपा दावा करती  है, उस अनुरूप अंदरखाने सबकुछ ठीक नही है। नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने के बाद भी पूरे चुनाव प्रचार में राव इन्द्रजीत सिंह व अनिल विज मुख्यमंत्री पद पर अपना दावा ठोकते रहे। मुख्यमंत्री चेहरा घोषित होने के बाद भी इन नेताओं का मुख्यमंत्री पद पर चुनाव प्रचार दौरान दावा बताता है कि भाजपा में गुटबाजी भी है और आतंरिक विरोध भी है। यह दूसरी बात है कि यह गुटबाजी, आतंरिक विरोध सत्ता की चासनी के फेवीकोल के कारण छिपी हुई है। 

विद्रोही ने कहा कि चुनाव परिणाम बाद राव इन्द्रजीत सिंह तो सार्वजनिक रूप से कह रहे है कि हरियाणा में भाजपा तीन बार अहीरवाल के दम पर सत्ता में आई है, फिर भी अहीरवाल को सत्ता व विकास में समान भागीदारी नही मिली और न ही सम्मान मिला। राव इन्द्रजीत सिंह ने तो खुद को नीचा दिखाने व अहीरवाल के नेताओं को सत्ता में उचित भागीदारी से वंचित करने के लिए खुलेआम मनोहरलाल खट्टर को जिम्मेदार बताया। सवाल उठता है कि जब मनोहरलाल खटटर राव इन्द्रजीत सिंह व अहीरवाल के नेताओं को आपस में लडवाने का षडयंत्र करते है, उचित सम्मान व विकास में समान भागीदारी न मिले, इसके लिए तिकडमे भिडाते है तो फिर हरियाणा में भाजपा की तीसरी बार सरकार बनाने पर अहीरवाल को अपमान व भेदभाव के अलावा क्या मिला? विद्रोही ने कहा कि यक्ष प्रश्न यह भी है कि भाजपा की बनने वाली तीसरी सरकार में मुख्यमंत्री व मंत्रीमंडल गठन में भी सबसे अहम भूमिका आज भी मनोहरलाल खट्टर ही निभा रहे है। फिर भाजपा की नई सरकार में भी अहीरवाल का सम्मान व उचित विकास कैसे होगा? क्या अहीरवाल की जनता को भाजपा को एकतरफा समर्थन देने के बदले में अपमान व भेदभाव की सौगात ही मिलती रहेगी?    

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