एडवोकेट ने भारतीय निर्वाचन आयोग और सीईओ, हरियाणा को लिखकर शिकायत की लोक प्रतिनिधित्व कानून, 1951 और निर्वाचन संचालन नियमावली, 1961 के प्रावधानों के अंतर्गत आर.ओ. द्वारा हस्ताक्षरित जारी होती है निर्वाचन घोषणा सुप्रीम कोर्ट के अगस्त, 1985 में दिए निर्णय अनुसार इलेक्शन सर्टिफिकेट देने से पहले आर.ओ. द्वारा निर्वाचन घोषणा जारी करना आवश्यक — हेमंत कुमार चंडीगढ़ – हरियाणा प्रदेश के सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों अर्थात सीटों पर भारतीय चुनाव आयोग द्वारा 15वीं हरियाणा विधानसभा के गठन हेतु गत 5 अक्टूबर को कराये गये मतदान के चुनावी नतीजे बीती 8 अक्टूबर को हर सम्बंधित वि.स. सीट के रिटर्निंग ऑफिसर (आर.ओ.) द्वारा घोषित कर दिए गये थे और साथ साथ सभी विजयी उम्मीदवारों को सम्बंधित आर.ओ. द्वारा निर्वाचन प्रमाण-पत्र (इलेक्शन सर्टिफिकेट) भी प्रदान कर दिया गया था. बहरहाल, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट एवं चुनावी मामलों के जानकार हेमंत कुमार ( 9416887788) ने बताया कि हरियाणा वि.स. चुनाव परिणाम घोषित होने के अगले दिन अर्थात 9 अक्टूबर को भारतीय निर्वाचन आयोग के प्रधान सचिव एस.बी. जोशी द्वारा हस्ताक्षरित एवं लोक प्रतिनिधित्व कानून (आर.पी. एक्ट), 1951 की धारा 73 के अंतर्गत एक गजट नोटिफिकेशन प्रकाशित की गई जिसमें सभी 90 विधानसभा सीटों की क्रम संख्या और नाम एवं हर सम्बंधित सीट से आर.ओ. द्वारा घोषित निर्वाचित उम्मीदवार का नाम और उसके राजनीतिक दल से सम्बद्धता (या उनके निर्दलीय होने) बारे उल्लेख किया गया है. इसी के साथ साथ 9 अक्टूबर को ही हरियाणा सरकार के शासकीय गजट में प्रदेश सरकार के निर्वाचन विभाग के आयुक्त एवं सचिव कम मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), हरियाणा, पंकज अग्रवाल द्वारा हस्ताक्षरित एक अलग नोटिफिकेशन मार्फ़त सभी 90 वि.स. सीटों से सम्बंधित आर.ओ. द्वारा निर्वाचित उम्मीदवारों सम्बन्धी हस्ताक्षरित घोषणाओं का प्रकाशन कर जनसाधारण के लिए अधिसूचित किया गया है. ऐसा लोक प्रतिनिधित्व कानून (आर.पी. एक्ट), 1951 की धारा 67 और निर्वाचन संचालन नियमावली, 1961 में संलंग फॉर्म 21 सी के अंतर्गत किया जाता है. बहरहाल, हेमंत ने जब 9 अक्टूबर को हरियाणा सरकार के गजट में प्रकाशित उपरोक्त सभी 90 विजयी उम्मीदवारों की निर्वाचन घोषणाओं सम्बन्धी नोटिफिकेशन का अवलोकन किया, तो उन्होंने पाया कि उसमें प्रत्येक 90 विधानसभा सीट के निर्वाचित उम्मीदवार की घोषणा के नीचे सम्बंधित रिटर्निंग ऑफिसर (आर.ओ.) की आधिकारिक सील तो है परन्तु उसमें रिटर्निंग ऑफिसर का नाम का उल्लेख नहीं किया गया है. हालांकि निर्वाचन संचालन नियमावली, 1961 में संलग्न फॉर्म 21 सी के नीचे आर.ओ. के सिग्नेचर (हस्ताक्षर) का स्पष्ट उल्लेख है, अत: हर निर्वाचन घोषणा के नीचे सम्बंधित आर.ओ. (आईएएस, एचसीएस या अन्य अधिकारी) का नाम का उल्लेख किया जाना आवश्यक है. हेमंत ने इस सम्बन्ध में भारतीय चुनाव आयोग और सीईओ, हरियाणा को भेजी शिकायत में वर्ष 2014 में तत्कालीन हरियाणा विधानसभा आम चुनाव के सम्बन्ध में जारी निर्वाचन घोषणाओं बारे नोटिफिकेशन की कॉपी भी संलग्न की है जिसमें हालांकि हर निर्वाचन घोषणा के नीचे सम्बंधित रिटर्निंग ऑफिस (आर.ओ.) की आधिकारिक सील के साथ ही उसके नाम का भी उल्लेख किया गया था. हेमंत ने आगे बताया की अगस्त, 1985 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा कृष्ण बल्लभ प्रसाद सिंह बनाम एस.डी.ओ. हिलसा कम रिटर्निंग ऑफिसर नामक केस में दिए गए निर्णय अनुसार सम्बंधित आर.ओ. द्वारा चुनाव मतगणना में विजयी घोषित उम्मीदवार को निर्वाचन प्रमाण पत्र जारी करने से पूर्व लोक प्रतिनिधित्व कानून, 1951 की की धारा 66/67 और निर्वाचन संचालन नियमावली, 1961 के नियम 64 के अंतर्गत उस उम्मीदवार के निर्वाचन सम्बन्धी घोषणा आर.ओ. द्वारा हस्ताक्षरित कर (फॉर्म 21सी में) में जारी करना अनिवार्य है. फिर उन सभी निर्वाचित उम्मीदवारों के सम्बन्ध में जारी ऐसे निर्वाचन घोषणाओं को उपयुक्त प्राधिकारी (एप्रोप्रियेट अथॉरिटी) द्वारा आधिकारिक गजट में प्रकाशित किया जाना चाहिए. प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस संबंध में उपयुक्त प्राधिकारी राज्य सरकार का निर्वाचन विभाग होता है. सनद रहे कि हरियाणा 22 जिलों के कुल 90 विधानसभा हलकों के लिए चुनाव आयोग द्वारा आर.पी. एक्ट, 1951 की धारा 21 के अंतर्गत आर.ओ. के तौर पर 75 वि.स. हलकों में संबंधित क्षेत्र के एस.डी.ओ. (सिविल) अर्थात एस.डी.एम. जबकि 9 वि.स. हलकों — यमुनानगर, पानीपत शहर, गोहाना, उचाना कलां, रानियां, नलवा, बवानी खेड़ा, कलानौर और फरीदाबाद-एनआईटी में सम्बंधित जिलों के ए.डी.सी. (अतिरिक्त उपायुक्त) को आर.ओ. के तौर पर पदांकित है. वहीं शेष 9 वि.स. सीटों में से पुंडरी में कैथल जिले के डीटीओ कम आरटीए सचिव, राई में सोनीपत जिले के डीडीपीओ, आदमपुर में हिसार जिले के डीडीपीओ, उकलाना में हिसार जिले के डीआरओ, पृथला में फरीदाबाद जिले के एस्टेट आफिसर, हूडा और तिगांव में फरीदाबाद जिले के सीईओ, जिला परिषद, अर्थात जिला स्तरीय ग्रुप ए उक्त सरकारी अधिकारी आर.ओ. के तौर पर पदांकित किया हैं. Post navigation अब हरियाणा का सीएम चुनने के लिए अमित शाह स्वयं आएंगे, बीजेपी ने दो केंद्रीय ऑब्जर्वर लगाएं हरियाणा में शपथ ग्रहण के लिए 17 अक्टूबर ही क्यों, सामने आ गई बड़ी वजह……… इस संत से कनेक्शन