पंजाबी समाज में आक्रोश – उदासीनता, विषाद और नाखुशी की लहर

गुरुग्राम – आज पंजाबी समाज ने शाम ब्लिस बैंक्वेट, सेक्टर-17, गुरुग्राम में श्री सुरिंदर खुल्लर चेयरमैन केंद्रीय श्री सनातन धर्म सभा और श्री अशोक आर्य प्रधान आर्य केंद्रीय सभा गुरुग्राम और पंजाबी बिरादरी महा संगठन के वरिष्ठ उप प्रधान श्री ओम प्रकाश कथूरिया की अध्यक्षता में एक आपातकालीन बैठक की, जिसमें शहर के और पंजाबी समाज के दिग्गज और श्रेष्ठजन उपस्थित रहे । प्रत्याशियों में श्री बोध राज सीकरी, श्री यशपाल बत्रा, श्री श्री कपिल दुआ व श्री प्रमोद सलूजा और राजेश अरोड़ा उपस्थित थे । यह कोर समिति की बैठक थी । सबने एक मत से यह फ़ैसला किया कि भाजपा को किसी भी पंजाबी को टिकट देनी चाहिए । किसी विशेष नाम की चर्चा नहीं हुई । सभी ने स्पष्ट शब्दों के कहा कि जैसे भाजपा के लिये कमल महत्वपूर्ण है इसी प्रकार पंजाबी समाज के उम्मीदवार के लिए बिरादरी महत्वपूर्ण है । जिसको भी पार्टी उचित समझती है, उसे टिकट दे और पूरा समाज उसके साथ खड़ा होगा । उपस्थित सभी व्यक्तियों की एक ही आवाज़ थी कि हम सब भाजपा के प्रति समर्पित है परंतु हमारी समर्पणशैली को हमारी कमज़ोरी न समझा जाये ।

कांग्रेस निरंतर सात बार चौधरी धर्मबीर गाबा को टिकट देती रही थी । भाजपा ने तीन बार वैश्य समाज को टिकट दी और पंजाबी समाज ने बिना किसी आवाज़ को उठाये उन्हें अच्छे वोट से जितवाया यद्यपि दोनों ने संगठन को निराश किया । चर्चा के दौरान यह निष्कर्ष निकल कर आया कि यदि इस बार भाजपा पंजाबी उम्मीदवार को नहीं उतारेगी तो इसके परिणाम नकारात्मक हो सकते है । यह विचार आया कि तुरंत यह सभी विचार भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को सूचित किए जाए । यदि शीर्ष नेतृत्व हमारी बात नहीं मानता तो 10-15 हज़ार पंजाबी समाज के लोगो के आक्रोश रैली निकाली जाएगी । उस रैली में जो भी निर्णय होगा उसी अनुसार आगे की रणनीति बनायी जाएगी ।

एक और मुद्दा जिस पर चर्चा हुई, वो था पंजाबी वोट का प्रतिशत । सरकार के रिकॉर्ड में यह आठ प्रतिशत दर्शाया जा रहा है जो बिलकुल ग़लत है । हमारी शहर के अंदर भागीदारी बीस प्रतिशत से अधिक है । जब कभी भी गणना की गई थी उस समय फॉर्म में भाषा पूछी गई थी और अधिकतर पंजाबियो ने भाषा हिन्दी लिखी थी उसके फलस्वरूप सरकार ने उन्हें पंजाबी नहीं माना । यदि अब पुन: जनगणना की जाये तो यह स्थिति स्पष्ट हो जायेगी । पंजाबी बिरादरी महा संगठन के 16400 सदस्य है । यदि एक घर में तीन वोट की औसत ली जाये तो यह संख्या लगभग 50,000 होती है । गुरुग्राम के कुल वोट लगभग 4,37,000 है । यदि इसका आठ प्रतिशत निकाला जाये तो स्पष्ट होता है कि हमारी बिरादरी के सदस्यों की संख्या वोट के हिसाब से कही अधिक है । समाज ने अपील की कि इस त्रुटि का निवारण किया जाये और पंजाबी समाज, जिसने विभाजन की पीड़ा का दर्द सहा है, जिसने आरक्षण नहीं माँगा, जिनके बुजुर्गों का क़त्लेआम हुआ, जिनकी महिलाओं की अस्मत लूटी गई फिर भी वो शांत रहे और अपनी कर्मठता से राष्ट्र की उन्नति में भागीदार बने । अत: उनकी दर्द भरी पुकार को भाजपा संगठन सुने इससे पूर्व देर हो जाए ।

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