सीएम नायब सैनी को पूरे हरियाणा में नहीं मिल रही सेफ सीट, हार के डर से यहां-वहां जगह तलाश रहे भाजपाई- चौ. उदयभान

खिसक चुकी है बीजेपी की सियासी जमीन, सीएण जहां से भी चुनाव लड़ेंगे, वहां से हारेंगे : उदयभान

बीजेपी के नेतृत्व में नहीं कोई तालमेल, सीएम और प्रदेश अध्यक्ष के बयान विरोधाभासी- चौ. उदयभान 

पूर्व सीएम खट्टर से खुद भाजपा परेशान, तभी हरियाणा से बाहर भेज दिया- चौ. उदयभान 

कांग्रेस 70 से ज्यादा सीट जीतकर बनाएगी बड़े बहुमत की सरकार- चौ. उदयभान 

चंडीगढ़। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान ने कहा कि हरियाणा में बीजेपी और खुद सीएम नायब सैनी की सियासी जमीन खिसक चुकी है। इसीलिए वो पूरे प्रदेश में सेफ सीट ढूंढते फिर रहे हैं। सैनी पहले नारायणगढ़ से चुनाव लड़ते थे, लेकिन लोकसभा चुनाव में वो अपने गांव और बूथ तक से भी भाजपा को जीत नहीं दिलवा पा रहे। यहां से भाजपा पिछला विधानसभा चुनाव और लोकसभा सीट भी हार गई। इनकी पत्नी जिला परिषद मेम्बर तक का चुनाव नहीं जीत पाईं। अब मुख्यमंत्री विधानसभा चुनाव में जगह तलाशते फिर रहे हैं। कभी लाडवा की ओर भाग रहे हैं तो कभी करनाल की ओर। वे कभी भी टिकाऊ नहीं रहे। क्योंकि उन्हें खुद पता है कि वो जहां भी जाएंगे, वहां से जरूर हारेंगे।

चौधरी उदयभान ने कहा कि सीएम नायब सैनी और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली के विरोधाभाषी बयानों से भाजपाईयों की बौखलाइट और आपसी कलह साफ झलक रही है। एक तरफ बड़ौली कह रहे हैं कि सीएम लाडवा से चुनाव लड़ेंगे तो सीएम कह रहे हैं कि वे करनाल से लड़ेंगे। यानी बीजेपी नेतृत्व के बीच आपसी भरोसे के साथ आपसी संवाद का भी भारी अभाव है। अंदरूनी कलह के चलते भाजपा पूरे प्रदेश की जनता में हंसी की पात्र बनकर रह गई है। 

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी ने करीब साढ़े नौ साल मुख्यमंत्री रहे मनोहर लाख खट्टर का नाम तक लेना छोड़ दिया है। मौजूदा मुख्यमंत्री भी सिर्फ खुद के दावों पर बात करते हैं और पूर्व मुख्यमंत्री का जिक्र तक करने से किनारा करते हैं। ऐसा लगता है कि पूर्व सीएम खट्टर से खुद बीजेपी भी परेशान है, इसलिए उन्हें हरियाणा से बाहर भेज दिया गया है। 

यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि बीजेपी के भीतर किसी के पास भी बताने लायक कोई काम नहीं है। कांग्रेस कार्यकाल में जो प्रदेश प्रति व्यक्ति आय, निवेश और रोजगार में नंबर वन था, उसे बीजेपी ने बेरोजगारी, अपराध और नशे में नंबर एक बना दिया है। इसीलिए जनता में भारी रोष है और वोटिंग का बेसब्री से इंतजार कर रही है। जबकि बीजेपी नेता चुनाव से बचते भाग रहे हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष तक ने चुनाव ना लड़ने का ऐलान कर दिया है। इससे पहले बीजेपी के पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर चुनाव का नाम सुनते ही रोने लगे थे और ना लड़ने का ऐलान किया था। बीजेपी के कई बड़े नेता खुद की सीट छोड़कर यहां-वहां सेफ सीट ढूंढते घूम रहे हैं। बीजेपी नेताओं की तमाम गतिविधियां बता रही हैं कि सरकार ने चुनाव से पहले ही अपनी हार स्वीकार कर ली है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस 70 से ज्यादा सीट जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है।

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