गुरुग्राम (30 अगस्त)। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता व प्रदेश के राजकीय कॉलेजों के प्रोफेसर्स की बड़ी यूनियन हरियाणा गवर्नमेंट कॉलेज टीचर एसोसिएशन (एचजीसीटीए) के पूर्व प्रादेशिक उपाध्यक्ष प्रोफेसर सुभाष सपड़ा ने गुड़गांव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट के लिए प्रबल दावेदारी की है। इसके लिए उन्होंने चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस पार्टी कार्यालय में आवेदन भी किया है। प्रोफेसर सपड़ा गुड़गांव के तीनों राजकीय कॉलेजों में कॉमर्स विभाग के अध्यक्ष रहे हैं व पिछले 40 वर्षों से कॉलेज व यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं को पढ़ा रहे हैं। पंजाबी समाज से सम्बन्ध रखने वाले प्रो. सुभाष सपड़ा गुड़गांव के विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े हुए हैं। वे भाजपा की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। इसके साथ ही वह समाज के हर वर्ग के अधिकारों के लिए संघर्षरत हैं। जिला कांग्रेस के अधिकांश धरना-प्रदर्शन, आंदोलन, मीटिंग आदि कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी करते रहे हैं। प्रो. सपड़ा ने चार वर्ष पूर्व प्रदेश के पढ़े-लिखे सैकड़ों युवा बेरोजगार व यूनिवर्सिटी टॉपर्स व स्कॉलर्स के साथ मिलकर हरियाणा एस्पायरिंग असिस्टेंट प्रोफेसर एसोसिएशन (हापा) की स्थापना की व इस हापा के बैनर तले प्रोफेसर सुभाष सपड़ा के नेतृत्व में प्रदेश के राजकीय कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर्स के खाली पड़े हजारों पदों पर नियमित नियुक्ति के लिए चंडीगढ़, पंचकूला व विभिन्न यूनिवर्सिटीज के बाहर संघर्ष किया। आखिरकार 2 अगस्त 2024 को सफलता मिली व 2424 सहायक प्रोफेसरों के खाली पड़े पदों के लिए विज्ञापन जारी किया। प्रो. सपड़ा पढ़े लिखे बेरोजगार टीजीटी व पीजीटी युवाओं की आवाज बने हुए हैं। वह शिक्षाविद, अर्थशास्त्री व राजनीतिक विश्लेषक के तौर पर बड़े-बड़े टीवी चैनल्स की लाईव डिबेट्स में भी भाग लेते रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान प्रोफेसर सपड़ा ने जिला प्रशासन गुड़गांव से विशेष रूप से लिखित परमिशन लेकर सड़कों पर घूम रहे पशु-पक्षियों व अन्य जानवरों की जमकर सेवा की। साथ ही साथ आर्थिक रूप से कमजोर व जरूरतमंदों की भी सहायता की। अपनी कड़ी मेहनत व सेवा भाव से लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाने वाले प्रो. सुभाष सपड़ा स्वच्छ छवि के ईमानदार व संघर्षशील व्यक्ति हैं। स्थानीय नेता होने के कारण वह गुड़गांव की सभी छोटी-बड़ी समस्याओं से अच्छी तरह से परिचित हैं।उनकी ईमानदारी का परिचय इस बात से भी लगाया जा सकता है कि 5 अगस्त 2007 को उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया कर्मियों की सहायता से एक बड़ा स्टिंग ऑपरेशन कर विश्वव्यापी चार्टड अकाउंटेंट परीक्षा में पेपर लीक मामले का नजफगढ़ दिल्ली में पर्दाफाश किया था, जिसमें उनका अपना बेटा भी परीक्षा दे रहा था। परिणाम स्वरूप आईसीएआई को यह परीक्षा 26 अगस्त 2007 को दोबारा करवानी पड़ी। आजकल वे अपनी बड़ी टीम के साथ मिलकर मजदूर, सफाई कर्मचारी, टेक्सी व ऑटो चालक के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। साथ ही शहर में सफाई व्यवस्था, सरकारी अस्पताल, बसस्टैंड, पार्किंग, शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए प्रशासन और सरकार पर दबाव बना रहे हैं। मई 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में भी वे गुड़गांव लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी राज बब्बर के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चले व कड़ी मेहनत की। गुड़गांव विधानसभा से कांग्रेस की टिकट की प्रबल दावेदारी कर रहे प्रो. सपड़ा ने स्पष्ट किया कि उन्हें टिकट मिली तो वह पूरी मेहनत कर पार्टी को जिताएंगे व जनता की कड़ी मेहनत और ईमानदारी से सेवा करेंगे। Post navigation ब्राह्मण संस्थाओं का नाम ले नवीन गोयल ने झूठे समर्थन का फैलाया भ्रम, संस्थाओं का इनकार ……. आयोग के निर्देशों की अवहेलना ना हो चुनाव में- डीसी निशांत यादव