-कमलेश भारतीय क्या हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस बार सबसे हाॅट सीट जिला भिवानी की तोशाम बनने जा रही है ? वही तोशाम, जो कभी विकास पुरुष व पूर्व मुख्यमंत्री चौ बंसीलाल से जुड़ा रहा और फिर कांग्रेस की ओर से श्रीमती किरण चौधरी ने इसे अपनी कर्मभूमि बनाया । अब वे राज्यसभा में जा रही हैं और भाजपा में शामिल हो चुकी हैं । अपनी बेटी व पूर्व सांसद श्रुति चौधरी को तोशाम से चुनाव लड़वाने की तैयारी में हैं जबकि कांग्रेस इनके ही परिवार से अनिरुद्ध को टिकट देने के मूड में है । हालांकि अभी न भाजपा और न ही कांग्रेस ने टिकटों यानी प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है लेकिन अघोषित युद्ध पहले ही शुरू हो गया है । अनिरुद्ध चौ बंसीलाल के बड़े बेटे चौ रणबीर महेंद्रा के बेटे हैं और चौ बंसीलाल के पोते जबकि श्रुति छोटे बेटे चौ सुरेंद्र सिंह की बेटी यानी चौ बंसीलाल की पोती । इस तरह रिश्ते में श्रुति और अनिरुद्ध भाई बहन हुए और हैं । अनिरुद्ध का कहना है कि उनकी चाची किरण चौधरी नहीं चाहतीं कि मैं तोशाम से चुनाव लड़ूं लेकिन मैं तोशाम से ही विधानसभा चुनाव लड़ूंगा । भले ही सामने बहन श्रुति ही क्यों न हो ! दूसरी ओर श्रीमती किरण चौधरी अभी तक कांग्रेस के खिलाफ जमकर बयानबाजी कर रही हैं और उन्होंने तोशाम में कहा कि भिवानी, महेंद्रगढ़ और दादरी विकास के मामले में इतने उपेक्षित किये गये जैसे ये पाकिस्तान का हिस्सा हों । कांग्रेस में मेरे खिलाफ षड्यंत्र होता था । मैंने सिर ऊंचा रख आप लोगों की नाक नीचे नहीं होने दी । चौ बंसीलाल को भी ऐसे हालातों का सामना करना पड़ा तभी वे कांग्रेस से अलग हो गये थे । वैसे तोशाम से एक बार चौ बंसीलाल को भी हार का सामना करना पड़ा था ! जो आज भाजपा सांसद हैं धर्मवीर, उन्होंने चौ बंसीलाल को हराया था और एक बार चौ बंसीलाल को उनकी चचेरी बहन चंद्रावती ने भी लोकसभा में हरा दिया था । नयी राजनीतिक स्थितियों में भिवानी महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मवीर भी भाजपा में हैं तो अब किरण चौधरी और श्रुति चौधरी भी भाजपा में शामिल हो चुकी हैं । सवाल यह है कि क्या धर्मवीर श्रुति की मदद करेंगे, पुराने गिले शिकवे भुलाकर या भितरघात करेंगे ? जैसे खुद श्रीमती किरण चौधरी ने अभी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ किया, पार्टी में रहते प्रत्याशी का अंदर ही अंदर विरोध ! वैसे हरियाणा के जिन तीन लालों के गिर्द जो राजनीति घूमती थी, आज ये तीनों परिवार एक एक कर भाजपा के आगे नतमस्तक हो गये हैं । चाहे चौ भजनलाल, चाहे चौ देवीलाल या फिर चौ बंसीलाल, तीनों के परिवार भाजपा शरणम् जा चुके हैं। चौ रणजीत चौटाला लोकसभा चुनाव में भाजपा की टिकट पर हिसार से चुनाव लड़े, बेशक हार गये । तब हिसार लोकसभा सीट हरियाणा की सबसे हाॅट सीट हो गयी थी, जब भाजपा से चौधरी रणजीत चौटाला, जजपा से श्रीमती नैना चौटाला तो इनेलो से सुनैना चौटाला चुनाव में आमने सामने आ गये थे । एक ही परिवार के तीन लोग आमने आने से हिसार हाॅट सीट बन गयी थी जबकि चौटाला परिवार के तीनों प्रत्याशी हार गये और जयप्रकाश जीते । चौ भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई आदमपुर से उपचुनाव भाजपा की टिकट पर लड़े और विधायक बन रिकॉर्ड बनाया, एक ही परिवार के पांच सदस्य आदमपुर से विधायक बने । इस तरह लालों के परिवार अब भगवामय हो चुके हैं । जो कभी मुख्यमंत्री बनने के सपने देखते थे, वे अब ‘टिकट बांटने’ की बात कह कर खुश हैं ! इस तरह तोशाम ऐसी हाॅट सीट बनने जा रही है, जिस पर पूरे हरियाणा की नज़रें रहे़गीं ! कल तलक जो हुक्म फरमाते थे वोदे रहे हैं अब दुहाई क्या कहें!!-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी. 9416047075 Post navigation कार्यकर्ता हमारी सबसे बड़ी ताकत, कार्यकर्ताओं की मेहनत से भाजपा की हरियाणा में लगेगी जीत की हैट्रिक : नायब सैनी चुनावों के बीच सरकारी भर्तीयों के परिणाम घोषित करने में कर्मचारी चयन आयोग की इतनी रूचि क्यों है? विद्रोही