केयू यूआईईटी द्वारा ऑनलाइन आयोजित 5वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में मोबाइल रेडियो संचार, 5जी नेटवर्क पर बुद्धिजीवियों ने किया मंथन।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 22 अगस्त : भारतीय वैज्ञानिकों एवं इंजीनियर्स की पूरे विश्व में विशिष्ट पहचान रही है। भारतीय वैज्ञानिकों एवं इंजीनियर्स ने ज्ञान, विज्ञान, संचार एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देकर विश्व पटल पर भारत का नाम रोशन किया है। यह विचार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने शुक्रवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूआईईटी संस्थान द्वारा राष्ट्रीय स्पेस डे के अवसर पर ‘मोबाईल रेडियो संचार, 5जी नेटवर्क’ विषय को लेकर ऑनलाइन आयोजित दो दिवसीय 5वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।

कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि वर्तमान में तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी युग में भारत 5जी नेटवर्क की संचार शक्ति से विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में गति से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि 5जी नेटवर्क से संचार के क्षेत्र में आई क्रांति ने शिक्षा, विज्ञान, औद्योगिक तथा वैश्विक चुनौतियों से निपटने में अहम भूमिका निभाई है। कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने तकनीकी शिक्षा और अनुसंधान, विशेष रूप से मोबाइल संचार और उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में एक अग्रणी संस्थान के रूप में यूआईईटी की अहम भूमिका को रेखांकित किया।

केयू डीन इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी व यूआईईटी निदेशक प्रो. सुनील ढींगरा ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला की विषय वस्तु पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में प्रतिष्ठित विषय विशेषज्ञ कैलगरी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर (डॉ.) रंगराज एम. रंगय्यान, मिसौरी यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर एस. जगन्नाथम और डैनफॉस ग्लोबल के डॉ. दिनेश कुमार आर एंड डी, डेनमार्क से शामिल हुए तथा एमआरसीएन-2024 को 374 शोध पत्र प्रस्तुत हुए जिसमें से 60 पेपरों का चयन किया गया।

कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ. निखिल कुमार मारीवाला ने 5जी प्रौद्योगिकी के तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्र में ज्ञान को आगे बढ़ाने में सम्मेलन की भूमिका पर जोर देते हुए बताया कि सम्मेलन की गतिविधियों को स्प्रिंगर द्वारा उनकी प्रतिष्ठित श्रृंखला ‘लेक्चर नोट्स इन नेटवर्क्स एंड सिस्टम्स’ में प्रकाशित किया जाएगा, जो एमआरसीएन-2024 में प्रस्तुत शोध वैश्विक पहुंच और प्रभाव को अधिक विकसित करेगा। सहसयोंजक डॉ. विजय गर्ग ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस अवसर पर केयू डीन ऑफ कॉलेजिज प्रो. अनिल वोहरा, डॉ. श्रुति जैन, डॉ. रणजीत सिंह, डॉ. कल्पना, विजय कुमार गर्ग, शिव कुमार सहित शिक्षाविद एवं उद्योग जगत से विषय विशेषज्ञ, शोधकर्ता एवं छात्र ऑनलाइन कार्यक्रम से जुडे़।

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