भाजपा जिताऊ चेहरों पर खेलेंगी दांव , भाजपा प्रत्याशियों की पहली लिस्ट तैयार 

दो दर्जन से ज्यादा मौजूदा विधायकों के टिकट कटने तय

सीट शेयरिंग को लेकर धर्मेंद्र प्रधान गोपाल कांडा के बीच बैठक

रणजीत चौटाला के बगावती तेवर समर्थकों की बुलाई मीटिंग, भाजपा नेताओं को न्यौता नहीं

अशोक कुमार कौशिक 

हरियाणा में भाजपा तीसरी बार अपनी पार्टी की सरकार बनाने को लेकर काफी फिक्रमंद हैं। भाजपा जहां जिताऊ चेहरों की तलाश कर रही है, वहीं दो दर्जन से ज्यादा मौजूदा विधायकों के टिकट कटने तय माने जा रहे हैं। भाजपा के पास सर्वे रिपोर्ट में इस बात के संकेत मिले हैं कि मौजूदा कई विधायकों के विरुद्ध फील्ड में जबरदस्त आक्रोश है। पार्टी जनता के इस आक्रोश को कम करने के लिए जहां उनके टिकट काटेगी, वहीं नये चेहरों को चुनाव मैदान में उतारकर जनता का भरोसा जीता जाएगा। 

भाजपा के सूत्रों के अनुसार पार्टी प्रत्याशियों की पहली लिस्ट शीघ्र जारी करने को लेकर गंभीर है और सूची का काम अंतिम दौर में है। पार्टी पहली सूची शीघ्र जारी करेगी जिन सीटों पर उसे जीत पक्की लग रही है। पहली सूची में 20-25 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी हो सकती है। रोहतक में इसको लेकर बैठक हो चुकी है और लगभग नाम फाइनल कर दिए गए हैं। दूसरी सूची अगस्त महीने के अंतिम सप्ताह में आ सकती है। प्रत्याशियों की सूची को लेकर केंद्रीय समिति की मोहर लगना बाकी है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने भी कहा है कि भारतीय जनता पार्टी चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है, और जल्द ही उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी जाएगी। दूसरी ओर लोकसभा का चुनाव भाजपा की टिकट पर लड़ चुके रणजीत सिंह चौटाला ने रानियां में अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है।

टिकटों की घोषणा में देरी नहीं करेगी भाजपा

भाजपा इस बार टिकटों की घोषणा में ज्यादा देरी नहीं करेगी। इसके पीछे सोच है कि पार्टी उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार के लिए ज्यादा से ज्यादा समय मिल सके। पिछले दिनों राज्य के सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेकर संभावित उम्मीदवारों के नामों पर सुझाव लिया जा चुका है।

एक विधानसभा सीट पर 50-100 उम्मीदवारों के नाम

एक-एक विधानसभा सीट से 50 से लेकर 100 तक नाम आए हैं, लेकिन पार्टी इनमें से गंभीर प्रवृत्ति के आधा दर्जन नामों को चिह्नित कर रही है। इन आधा दर्जन नामों में भी फील्ड के सर्वे के आधार पर तीन से चार दावेदारों के नामों का फाइनल किया जा रहा है।

भाजपा के सभी जिला पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट पार्टी के संगठन महामंत्री फणीन्द्रनाथ शर्मा को सौंप दी है। फणीन्द्रनाथ शर्मा इस रिपोर्ट का अध्ययन कर रहे हैं। अगले दो से चार दिनों के भीतर यह रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी के पास होते हुए केंद्रीय नेतृत्व के पास पहुंच जाएगी।

केंद्रीय नेतृत्व इन पैनलों में शामिल नामों का अपनी आंतरिक सर्वे रिपोर्ट से मिलान करेगा। तब तक भाजपा व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने राज्य में तीसरी बार चुनाव जीतने की रणनीति पर काम करने के लिए मिलकर कदम आगे बढ़ाने शुरू कर दिए हैं।

संघ और बीजेपी के नेताओं के साथ हुई बैठक

पिछले दिनों राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा व आरएसएस के प्रमुख नेताओं की एक समन्वय बैठक का आयोजन किया गया था। उसी तर्ज पर हरियाणा के फरीदाबाद में आरएसएस और भाजपा के प्रमुख नेताओं की दो दिनों तक समन्वय बैठक चली है।

इस बैठक में भाजपा की ओर से प्रदेश प्रभारी डॉ. सतीश पुनिया, प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, विधानसभा चुनाव सह प्रभारी बिप्लब कुमार देब, प्रदेश संगठन मंत्री फणीन्द्रनाथ शर्मा और प्रदेश महामंत्री अर्चना गुप्ता शामिल हुए, जबकि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से सह सरकार्यवाहक अरुण कुमार, क्षेत्रीय संघ चालक पवन जिंदल, क्षेत्रीय संपर्क प्रमुख श्रीकृष्ण सिंघल, क्षेत्रीय सर कार्यवाह रोशन लाल समेत करीब एक दर्जन रणनीतिकारों ने हिस्सेदारी की।

भाजपा की ओर से कहा जा रहा है कि यह समन्वय बैठक थी, जो कि रूटीन का हिस्सा है, लेकिन विधानसभा चुनाव की घोषणा के तुरंत बाद दो दिन चली इस बैठक को सामान्य तो बिल्कुल भी नहीं कहा जा सकता।

गोपाल कांडा व धर्मेद्र प्रधान की दूसरी मुलाकात

हरियाणा की सिरसा विधानसभा सीट से हरियाणा लोकहित पार्टी के विधायक गोपाल कांडा ने एक बार फिर भाजपा नेताओं की टेंशन बढ़ा दी है। एक महीने के अंदर दूसरी बार हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा ने हरियाणा के बीजेपी प्रभारी से मुलाकात की है।

गोपाल कांडा ने धमेंद्र प्रधान के घर 40 मिनट तक बैठक की है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर मंथन चला। बैठक में हरियाणा विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा हुई। आगामी 2 से 3 दिनों में सीट शेयरिंग पर दोनों दलों के बीच सहमति बन सकती है।

गोपाल कांडा हरियाणा में 5 विधानसभा सीट पर अपनी पसंद के उम्मीदवार उतारना चाहता है। भाजपा और हलोपा दोनों की पसंद से यह उम्मीदवार उतारे जाएंगे। 3 दिनों में यह साफ हो जाएगा कि हलोपा कितनी सीटों पर और भाजपा के सिंबल पर हलोपा की पसंद से कौन लड़ेगा। हलोपा-भाजपा की मुलाकात से सिरसा और फतेहाबाद के भाजपा नेताओं की चिंता बढ़ी हुई है।

बता दें कि हलोपा-भाजपा के बीच सीट बंटवारे का फार्मूला फिट बैठता है तो सबसे ज्यादा खतरा रणजीत चौटाला को है। रणजीत चौटाला रानियां विधानसभा से दावेदार हैं और विधायक का चुनाव जीत चुके हैं। वहीं गोपाल कांडा ने अपने भतीजे गोबिंद कांडा के बेटे धवल कांडा को रानियां से हलोपा प्रत्याशी घोषित किया है। इससे रणजीत चौटाला की टेंशन बढ़ गई है। वहीं गोबिंद कांडा पहले से ही भाजपा का हिस्सा हैं। वे दो सीटों ऐलनाबाद और फतेहाबाद से दावेदारी कर रहे हैं। ऐलनाबाद में मीनू बेनीवाल और फतेहाबाद में विधायक दुड़ाराम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

हलोपा और भाजपा के बीच बैठक के बाद एक भाजपा की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुके मंत्री चौधरी रणजीत सिंह चौटाला ने एकाएक रानियां में अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है जिसमें भाजपा नेताओं को निमंत्रण नहीं दिया गया। लगता है चौधरी रणजीत सिंह चौटाला ने बगावती तेवर अपना लिए हैं। सिरसा के भाजपा जिला अध्यक्ष वेदपाल कंबोज ने कहा है कि पुणे रणजीत सिंह के कार्यक्रम की कोई जानकारी नहीं है। बता दें कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी गोपाल कांडा से मिलकर चुनाव लड़ने की बात कर चुके हैं। इसके बाद गोपाल कांडा और धर्मेंद्र प्रधान की मुलाकात के बाद एकाएक रणजीत सिंह चौटाला सक्रिय हुए।

रणजीत बोले- रानियां से हर हाल में लड़ूंगा चुनाव

बीजेपी के लिए हलोपा से गठबंधन करने के चलते एक बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है। मुश्किल यह है कि बीजेपी नेता रणजीत चौटाला ने खुलकर ऐलान कर दिया है कि चाहे बीजेपी टिकट दे या ना दे, वह किसी भी सूरत में विधानसभा का चुनाव जरूर लड़ेंगे। रणजीत चौटाला देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के भाई हैं।

रणजीत चौटाला ने पिछला विधानसभा चुनाव रानियां सीट से निर्दलीय लड़ते हुए जीता था और तत्कालीन खट्टर सरकार को समर्थन दिया था। बीजेपी की सरकार ने उन्हें पूरी सियासी तवज्जो देते हुए राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया था। इस साल लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मार्च में रणजीत चौटाला बीजेपी में शामिल हुए थे और उन्हें हिसार लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया था। हिसार में रणजीत चौटाला को लगभग 63000 वोटों से हार मिली थी।

पार्टी और आरएसएस के सर्वे के अनुसार रानियां की जनता उनके हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ने से नाराज है। सर्वे की रिपोर्ट मिलने के बाद भाजपा किसी प्रकार का रिस्क नहीं लेना चाहती। गोपाल कांडा ने धर्मेंद्र प्रधान से पिछली मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर लिखा था,केंद्रीय शिक्षा मंत्री एवं हरियाणा में भाजपा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से आज नई दिल्ली में मुलाकात हुई। हरियाणा विधानसभा चुनाव सहित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। हरियाणा लोकहित पार्टी, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का घटक दल है। लोकसभा चुनाव में भी ॥रुक्क ने सहयोगी दल के रूप में समर्पित सहयोग किया है। आज की मुलाकात में विभिन्न विषयों और भविष्य की राजनीतिक संभावनाओं पर सकारात्मक बातचीत हुई है।

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