चंडीगढ़, 14 अगस्त – हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन श्री हिम्मत सिंह ने कहा कि सीईटी पास अभ्यार्थियों की शॉर्ट लिस्टिंग के संबंध में एसएलपी नंबर 18153 ऑफ 2024 एवं 18163 ऑफ 2024 के माध्यम से दी गई चुनौती को सर्वोच्च न्यायालय ने निरस्त कर दिया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि कर्मचारी चयन आयोग निष्पक्ष ढंग से भर्ती प्रक्रिया चलाते हुए सभी को समान अवसर प्रदान कर रहा है। मामले के अनुसार याचिकाकर्ता ने सीडब्लयूपी नंबर 18797 ऑफ 2024 द्वारा 5 मई 2022 की अधिसूचना के क्लॉज 9 को खारिज करने के लिए प्रार्थना की थी, जिसमें सीईटी पास अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए शॉर्टलिस्ट करने का तरीका बताया गया। याचिकाकर्ता द्वारा यह संज्ञान में लाया गया कि अधिसूचना के क्लॉज 9 के अनुसार शॉटलिस्टिंग की गई है जोकि असंवैधानिक है, क्योंकि यह शॉर्टलिस्टिंग पोस्टवाइज की गई है, जबकि यह ग्रुपवाइज की जानी चाहिए। श्री हिम्मत सिंह ने बताया कि इस संबंध में आयोग द्वारा संज्ञान में लाया गया कि पहले विज्ञापन 3/2023 में ग्रुपवाइज शॉर्टलिस्टिंग की गई थी, जिसे भी पहले कुछ याचिकाकर्ताओं द्वारा सीडब्लयूपी नंबर 16536 ऑफ 2023 के माध्यम से चुनौती दी गई थी, जिसमें उन्होंने तर्क दिया था कि शॉर्टलिस्टिंग ग्रुपवाइज के बजाए पोस्टवाइज की जानी चाहिए। इसपर उच्च न्यायालय की सिंगल बेंच ने आयोग के निर्णय को सही करार दिया और माननीय डिवीजन बेंच ने इसे एलपीए नंबर 1037 ऑफ 2023 में पारित आदेश दिनांक 31.5.2024 को बरकरार रखा। सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ ने भी उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच के आदेश को एसएलपी नंबर 13275-77 ऑफ 2024 के आदेश दिनांक 24.6.2024 द्वारा बरकरार रखा है। इस शॉर्टलिस्टिंग को याचिकाकर्ताओं द्वारा पुन: सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी नंबर 18153 ऑफ 2024 एवं 18163 ऑफ 2024 के माध्यम से चुनौती दी गई थी, जोकि सर्वोच्च न्यायायलय द्वारा निरस्त कर दी गई। श्री हिम्मत सिंह ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय का सभी ने स्वागत किया है एवं अभ्यर्थियों में खुशी का माहौल है। Post navigation पंचकूला की सभी रेहड़ी मार्केट का कायाकल्प करने के निर्देश देश के लोगों की आमदनी घटी, खर्चे बढ़े: कुमारी सैलजा