– हकृवि में स्वयंसेवकों ने निकाली तिरंगा यात्रा।

हिसार: 14 अगस्त – चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के स्वयंसेवकों ने तिरंगा यात्रा निकाली। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने हरी झंड़ी दिखाकर इस यात्रा को रवाना किया।

कुलपति प्रो. काम्बोज ने तिरंगा रैली में उपस्थित स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि रैली को निकालने का मुख्य उद्देश्य लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना को जगाना और राष्ट्रीय ध्वज के बारे में जागरूक करना है। तिरंगा हमारे देश की आन-बान-शान का प्रतीक है जिसके लिए स्वतंत्रता सेनानियों एवं वीर जवानों ने अपना सर्वस्व अर्पण कर दिया। उन्होंने विशेषकर युवाओं से आह्वान किया कि वे तिरंगे के इतिहास को जाने, कि कितनी कुर्बानियों व कठिन प्रयासों के बाद हमें अपना राष्ट्रीय ध्वज लहराने का अवसर मिला है। उन्हे अपने पूर्वजों की कुर्बानियों को याद रखते हुए तिरंगे की गरिमा को बनाए रखना चाहिए।

उन्होंने कहा हमारा राष्ट्रीय ध्वज देश की एकता, प्रगति और शान्ति का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय ध्वज की ऊपरी पट्टी में केसरिया रंग है जो साहस, त्याग और बलिदान का प्रतीक है। बीच में स्थित सफेद पट्टी शांति और सच्चाई का प्रतीक है। हरी पट्टी उर्वरता, वृद्धि और भूमि की पवित्रता को दर्शाता है। सफेद पट्टी के मध्य में गहरे नीले रंग का एक चक्र है। इसे अशोक चक्र कहते हैं। जो धर्मचक्र का प्रतीक है। इस चक्र में 24 तीलियां हैं। इस चक्र में दी गई हर एक तीली का अपना महत्व है। सभी तीलियाँ सम्मिलित रूप से देश और समाज के चहुंमुखी विकास को दर्शाती हैं।

छात्र कल्याण निदेशक डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि ये तिरंगा यात्रा विश्वविद्यालय के प्रशासनिक खंड-फ्लैचर भवन से आंरभ होकर, ओल्ड कैंपस, विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों, प्रवेश द्वारों व आवासीय क्षेत्रों से होकर निकाली गई। इस अवसर पर ओएसडी डॉ. अतुल ढींगड़ा, कुलसचिव डॉ. बलवान सिंह मंडल, स्नातकोत्तर शिक्षा अधिष्ठाता डॉ. केडी शर्मा, सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. बीना यादव, सम्पदा अधिकारी एवं मुख्य अभियंता डॉ. एमएस सिद्धपुरिया, वित्त नियंत्रक नवीन जैन, परीक्षा नियंत्रक डॉ. पवन कुमार, मीडिया एडवाइजर डॉ. संदीप आर्य, एसवीसी कपिल अरोड़ा, मुख्य सुरक्षा अधिकारी सुखबीर सिंह आदि उपस्थित रहे। तिरंगा यात्रा में राष्ट्रीय सेवा योजना अवार्डी डॉ. भगत सिंह, एनएसएस अधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर डागर, डॉ. विपिन्न, डॉ. मोना वर्मा व डॉ. मोहम्मद इर्दिश शामिल रहे।

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